Patrika Opinion: चुनाव प्रक्रिया में एक और क्रांति की आहट
Published: Jan 01, 2023 10:13:13 pm
लोकतंत्र की मजबूती की दृष्टि से यह वाकई चिंताजनक है कि कई चुनाव क्षेत्रों में करीब आधी आबादी की मतदान में सहभागिता नहीं होती।


भारत निर्वाचन आयोग
रिमोट इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (आरईवीएम) का मॉडल विकसित कर चुनाव आयोग ने महत्त्वपूर्ण पहल की है। चुनावों के दौरान यह मशीन उन घरेलू प्रवासियों के लिए वरदान साबित होगी, जो शिक्षा और रोजगार के सिलसिले में अपने चुनाव क्षेत्रों से बाहर रहते हैं। आरईवीएम को चुनाव प्रक्रिया में शामिल करने के बाद जो प्रवासी जहां है, वहीं से मतदान कर सकेगा। चुनाव आयोग 16 जनवरी को नई दिल्ली में इस मॉडल का प्रदर्शन कर राजनीतिक पार्टियों से सुझाव और आपत्तियां आमंत्रित करेगा। इसके बाद देश में चुनाव प्रक्रिया के एक और क्रांतिकारी कदम की दिशा में आगे बढ़ा जाएगा। इसी तरह की क्रांति की शुरुआत 1982 में हुई थी, जब केरल के एक विधानसभा क्षेत्र में पहली बार ईवीएम का प्रायोगिक तौर पर इस्तेमाल किया गया था। जिस तरह ईवीएम ने चुनाव प्रक्रिया की तस्वीर बदली, उसी तरह का बड़ा बदलाव आरईवीएम का दौर शुरू होने के बाद देखने को मिलेगा।