scriptStatistics enables sustainable economy | सतत अर्थव्यवस्था को सक्षम बनाती है सांख्यिकी | Patrika News

सतत अर्थव्यवस्था को सक्षम बनाती है सांख्यिकी

Published: Jun 29, 2023 10:23:39 pm

Submitted by:

Patrika Desk

  • राष्ट्रीय सांख्यिकी दिवस: 29 जून
  • बेहतर और प्रभावी नीतियों के लिए समझनी होगी उच्च आवृत्ति और सटीकता की जरूरत

डॉ. पी.सी. महालनोबिस
डॉ. पी.सी. महालनोबिस
कार्तिक गणेसन
फेलो एवं डायरेक्टर-रिसर्च कोऑर्डिनेशन, काउंसिल ऑन एनर्जी, इनवायरनमेंट एंड वॉटर (सीईईडब्ल्यू)
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‘आप उसे नहीं बदल सकते, जिसे माप नहीं सकते’, इंजीनियरों व सामाजिक विज्ञानियों के बीच यह एक लोकप्रिय कहावत है। खास तौर पर अर्थव्यवस्था के संदर्भ में, मापन, सांख्यिकी पर आधारित होता है। ये मौलिक रुझानों और अनुमानों को रेखांकित करते हैं, जो देश के विकास पथ में परिवर्तन करने वाले प्रेरक तत्वों (या उनके अभाव) की व्याख्या में मददगार होते हैं। राष्ट्रीय सांख्यिकी दिवस 29 जून को डॉ. पी.सी. महालनोबिस के योगदान को याद करने के लिए मनाया जाता है, जो भारत में विश्वस्तरीय सांख्यिकी प्रणाली के ‘पितामह’ कहे जाते हैं, जिन पर देश गर्व करता है।
आज के युग में, जहां मानव जाति बेहद प्रभावी ढंग से काम करने और प्रकृति के साथ सामंजस्य बनाने का प्रयास कर रही है, सांख्यिकी के साथ इस रिश्ते को समझना बहुत महत्त्वपूर्ण हो गया है। इसके लिए हमें विभिन्न समाजों के चुने गए विकास प्रतिमानों और प्राकृतिक पूंजी पर विकास के प्रभावों का विश्लेषण करने वाली पद्धतियों का अध्ययन करना चाहिए। सतत अर्थव्यवस्था का निर्माण करने के लिए यह दृष्टिकोण भारत के लिए कई अवसर पैदा करता है।
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