scriptStop ignoring the interests of consumers | Patrika Opinion : बंद हो उपभोक्ताओं के हितों की अनदेखी | Patrika News

Patrika Opinion : बंद हो उपभोक्ताओं के हितों की अनदेखी

locationनई दिल्लीPublished: Oct 23, 2021 01:10:14 pm

- सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि उपभोक्ताओं का हित सुनिश्चित होना ही चाहिए। अब केंद्र सरकार को गंभीरता से सोचना चाहिए कि ऐसी नौबत क्यों आई कि सुप्रीम कोर्ट को ऐसी टिप्पणी करनी पड़ी और अब क्या किया जा सकता है?

Patrika Opinion : बंद हो उपभोक्ताओं के हितों की अनदेखी
Patrika Opinion : बंद हो उपभोक्ताओं के हितों की अनदेखी

देश की सर्वोच्च अदालत ने शुक्रवार को केंद्र और राज्यों के उपभोक्ता संरक्षण आयोगों व ट्रिब्यूनलों में खाली पदों पर तीखी नाराजगी जताते हुए टिप्पणी की है कि यदि ये रिक्तियां नहीं भरी जा सकतीं, तो सरकार को उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम ही रद्द कर देना चाहिए। शीर्ष अदालत ने कहा है कि हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि देश में कोई व्यवस्था बनी हुई है, तो उसका पूरा लाभ नागरिकों को मिले। यह व्यवस्था पटरी से उतरनी नहीं चाहिए। सुप्रीम कोर्ट की यह टिप्पणी गैर-वाजिब नहीं है, क्योंकि आयोगों व ट्रिब्यूनलों में बड़ी संख्या में पद लंबे समय से खाली हैं। विदेशों की तुलना में हमारे यहां पहले ही उपभोक्ता अधिकारों के प्रति जागरूकता अपेक्षित रूप से काफी कम है। ऐसी हालत में पद खाली रहेंगे, तो उपभोक्ताओं की सुनवाई कब होगी और कब उसका फैसला आएगा? खाली पदों के कारण सुनवाई में विलंब और इसके बाद फैसले में देरी से उपभोक्ता हतोत्साहित होते हैं। इससे उपभोक्ताओं के हितों को नुकसान होता है।

Copyright © 2023 Patrika Group. All Rights Reserved.