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नए भारत निर्माण का मजबूत आधार

locationनई दिल्लीPublished: Aug 05, 2020 04:33:15 pm

Submitted by:

shailendra tiwari

शिक्षा के जरिए पर्यावरण सरोकारों और कला के विभिन्न आयामों तथा खेल के अनेक क्षेत्रों को विशेष तरजीह के साथ जोड़ने की प्राथमिकता, मौजूदा वैश्विक संकटों से जूझने का कारगर तरीका है। वह हमें नए समाज और नयी संस्कृति के निर्माण की दिशा में ले जायेगा।
 

Reactions on new education policy

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डॉ. राकेश राणा, समाजशास्त्री व विश्लेषक

नई शिक्षा नीति में शिक्षा की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान केन्द्रित किया गया है। इसलिए यह उम्मीद की जानी चाहिए कि यह गुणवत्ता ही रोजगार के नए अवसरों को सृजित भी करेगी और उन्हें पाने का माध्यम भी बनेगी। प्राथमिक स्तर के बाद से ही व्यावसायिक और कौशल शिक्षण-प्रशिक्षण की व्यवस्था, नई शिक्षा नीति को सफल और प्रभावी परिणामों की ओर ले जाने वाला अहम् कदम है। यह ऐसी कुशल श्रम शक्ति होगी जिसके पास न सिर्फ ज्ञान होगा बल्कि एक हुनरमंद नयी पीढ़ी उभरेगी जो समाज के सशक्तीकरण की राह बनायेगी।
नई शिक्षा नीति में बच्चों को तनाव मुक्त जीवन देने के उददेश्य से बिना बर्डन के किताबी बोझ से दूर रखकर परिवेशगत शिक्षा की सोच, नई शिक्षा नीति को सैद्धांतिक से व्यवहारिक बनाती है। शिक्षण की प्रक्रिया को रुचिकर और आनन्ददायक बनाने के विभिन्न प्रावधान इसमें समाहित किए गए है। सिखाने के सरल तौर-तरीकों के माध्यम से पढ़ाई पर फोकस, अवधारणाओं की स्पष्टता, विचार की मौलिकता व व्यवहारिकता तथा नयी संभावनाओं व समाधात्मक दृष्टि के विकास की योजना नई नीति का अति उल्लेखनीय पहलू है।
शिक्षा व्यवस्था को त्रिभाषा फार्मूले पर आधारित कर जिस दूर-दृष्टि के साथ नए भारत की नयी जरुरतों के अनुरुप खड़ा करने का प्रयास है, वह सशक्त राष्टृ की दिशा में बढ़ने का सफल स्वपन है। स्थानीय और मातृभाषा में शिक्षा की उपलब्धता भविष्य के मजबूत भारत को सुदृढ़ आधार प्रदान करेगी। कई भाषाओं का ज्ञान कैरियर के नए-नए क्षेत्रों में अपार संभावनाएं बढ़ाएगा । विज्ञान, गणित और भाषा को बढ़ावा देना नई शिक्षा नीति को उल्लेखनीय तो बनाता ही है इसके परिणामस्वरुप मौलिकता, रचानात्मकता और सृजनात्मकता के जिन नए क्षैतिजों का विस्तार होगा, वह भारत को भारत बनायेगा। उच्च शिक्षा का क्रेडिट बेस्ड सिस्टम व्यवस्था को और अधिक उदार बनायेगा।
नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति जिस तरह से उच्च शिक्षा में विषयों के चयन को और इच्छानुसार बदलने की स्वतंत्रता को सरल व सुगम बनाती है, वह पढ़ने-पढ़ाने की नयी संस्कृति को विकसित करेगा। जो भविष्य में बहुत सी समस्याओं से निजाद दिलाने वाले अहम् निर्णय के रुप में दर्ज होगा। यह सिर्फ सुविधा नहीं है शिक्षा के परिदृश्य पर व्यापक बदलाव लाने वाला कदम साबित है।
गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए प्रतिबद्धता हमें दुनिया के साथ कंधें से कंधा मिलाकर चलने के अवसर प्रदान करेगी। इस दिशा में की गई विभिन्न सार्थक पहले नयी नीति को नया आयाम देती है। शिक्षा के जरिए पर्यावरण सरोकारों और कला के विभिन्न आयामों तथा खेल के अनेक क्षेत्रों को विशेष तरजीह के साथ जोड़ने की प्राथमिकता, मौजूदा वैश्विक संकटों से जूझने का कारगर तरीका है। वह हमें नए समाज और नयी संस्कृति के निर्माण की दिशा में ले जायेगा।
स्थानीयता को विशेष तरजीह देना भारतीय समाज और संस्कृति के उन सनातन मूल्यों-मान्यताओं के संरक्षण और संवर्द्धन के नियोजन को बताता है जो भारत और भारतीयता की पहचान को अक्षुण्य बनाए रखने में महती भूमिका निभाते रहे है। इन तमाम कसौटियों पर नई शिक्षा नीति एक उज्जवल दस्तावेज है। जिसे ससमय और ईमादार प्रतिबद्धताओं के साथ लागू किए जाने की दरकार है। यह निश्चित ही एक नए और सशक्त भारत के निर्माण का मजबूत आधार खड़ा करने में मददगार बनेगी।

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