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देश को दरकार है संवेदनशील शिक्षण संस्थानों की

Published: Feb 28, 2023 11:01:55 pm

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Patrika Desk

शिक्षा: आत्महत्या की घटनाओं की वजह बढ़ती असमानता, समानुभूति के स्तर में गंभीर गिरावट

देश को दरकार है संवेदनशील शिक्षण संस्थानों की
देश को दरकार है संवेदनशील शिक्षण संस्थानों की
जगदीश रत्तनानी
पत्रकार व संकाय सदस्य, एसपीजेआइएमआर
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प्रधान न्यायाधीश डी.वाइ. चंद्रचूड़ ने दलित व आदिवासी छात्रों के आत्महत्या के मामलों को लेकर उच्च शिक्षा संस्थानों के हालात पर सही समय पर महत्त्वपूर्ण टिप्पणी की है। एक घटना 12 फरवरी की आइआइटी मुंबई की है, जिसमें दलित छात्र ने आत्महत्या कर ली थी तो दूसरी घटना गत वर्ष एनएलयू, उड़ीसा की है, जिसमें एक आदिवासी छात्र ने आत्महत्या कर ली थी। हैदराबाद स्थित नेशनल एकेडमी ऑफ लीगल स्टडीज एंड रिसर्च (नालसार) यूनिवर्सिटी ऑफ लॉ में 19वें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए सीजेआइ ने कहा, ‘वंचित समुदायों के छात्रों द्वारा आत्महत्या की घटनाएं आम होती जा रही हैं। ये आंकड़े मात्र नहीं हैं, ये सदियों के संघर्ष को बयां करने वाली कहानियां हैं।’
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