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कदम फिर वहीं के वहीं

जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद के निधन को एक महीने
से अधिक बीत चुका है लेकिन राज्य में सरकार के गठन मसला अब भी अटका हुआ है

Feb 09, 2016 / 11:12 pm

शंकर शर्मा

Opinion news

जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद के निधन को एक महीने से अधिक बीत चुका है लेकिन राज्य में सरकार के गठन मसला अब भी अटका हुआ है। हालात फिर वहीं के वहीं हैं, जहां से शुरू हुए थे।

पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की प्रमुख और मुफ्ती मोहम्मद की बेटी महबूबा मुफ्ती असमंजस में हैं कि फिर से भाजपा के साथ मिलकर सरकार बनाई जाए या नहीं? क्या विपरीत नजरिया रखने वाली भाजपा के साथ मिलकर सरकार चलाना उनकी पार्टी और राज्य के हित में होगा ? भाजपा कितनी उत्सुक है, गठबंधन सरकार के लिए ? यदि मामला नहीं सुलझा तो क्या जम्मू-कश्मीर को फिर से चुनाव झेलना पड़ेगा? इस परिस्थिति में किसे होगा फायदा और किसे हो सकता है नुकसान ? ऐसे ही सवालों पर पढि़ए स्पॉटलाइट में जानकारों की राय…

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