scriptजितनी चुनौतियां हैं, उसके मुकाबले कई गुना अवसर हैं | There are many more opportunities than the challenge | Patrika News

जितनी चुनौतियां हैं, उसके मुकाबले कई गुना अवसर हैं

locationजयपुरPublished: Jan 21, 2021 06:31:25 pm

Submitted by:

Neeru Yadav

एंटरप्रेन्योर : प्रो.अतुल भरत बता रहे हैं स्टार्टअप शुरू करने वालों के लिए मंत्र21 वीं सदी के बीते दशक ने हमें उद्यमिता के एक नए आयाम स्टार्टअप से रूबरू कराया। इसने न केवल लोगों की सोच को बदला बल्कि आत्मनिर्भर करके एक नई पहचान बनाने का मौका भी दिया है।

जितनी चुनौती है उसके मुकाबले कई गुना अवसर हैं

जितनी चुनौती है उसके मुकाबले कई गुना अवसर हैं

बीता दशक स्टार्टअप के नाम रहा। कोविड के दौरान कई तरह की चुनौतियां सामने आईं, लेकिन इसका दूसरा पहलू है कि जितनी चुनौतियां आई उससे ज्यादा अवसर हमें देकर गई है। इस अवधि में ही कई ऐसे स्टार्टअप शुरू हुए जो कुछ ही समय में न सिर्फ देश बल्कि दुनिया में पहचान बनाने में कामयाब रहे है। समय के साथ बिजनेस के तौर-तरीके पूरी तरह से बदल चुके है। सबसे तेजी से बदलाव पिछले 10 महीने में नजर आया क्योंकि इस दौरान बड़ी संख्या में वे लोग भी डिजिटल युग से जुड़े है जो अब तक ऑनलाइन खरीदी आदि पर भरोसा नहीं करते थे। ग्रासरी से लेकर इलेक्ट्रॉनिक आइटम तक ऑनलाइन खरीदे जा रहे। हमें ये देखना होगा कि जहां से ऑनलाइन खरीदी की जा रही है उनमें बड़े स्टोर ही नहीं बल्कि गली-मोहल्लों के भी दुकानदार शामिल है।
एजुकेशन, हैल्थ और फाइनेंस में आया बूम

स्टार्टअप के लिहाज से हर सेक्टर में अच्छे मौके है। जिन सेक्टर में असर दिखने लगा है उनमें एजुकेशन, हैल्थ और फाइनेंस सेक्टर खास है। सही मायनों में कहा जाए तो इनमें बूम आया हुआ है। एजुकेशन पूरा डिजिटल हो गया। लर्निंग से जुड़ी सभी चीजें जैसे कॉपी-किताबें, प्रोजेक्ट और परीक्षा तक ऑनलाइन हो रही है। हैल्थ एंड वेलनैस में न्यूट्रिशन, डाइटिंग और डॉक्टर ऑन कॉल जैसी सुविधा लोग हाथोंहाथ ले रहे है। फाइनेंशियल सर्विस और नॉन बैंकिंग फाइनेंशियल सर्विसेस की मांग भी तेजी से बढ़ रही है।
बैंगलुरु, पुणे की तरह देशभर में आएगा को-वर्किंग कल्चर

कोविड मेे कंपनियों ने वर्क फ्रॉम होम को तवज्जो दी। इससे कंपनियों की मेंटेनेंस कॉस्ट काफी कम हो गई। कुछ कंपनियां अब इसे स्थायी तौर पर लागू कर रही है। बैंगलुरु, पुणे जैसे शहरों में को-वर्किंग कल्चर है। इसमें ऑफिस के बजाय ऐसी जगह की जरुरत है जहां प्लग एंड प्ले फैसिलिटी हो। कर्मचारी कुछ देर के लिए आएंऔर अपना काम निपटाकर लौट जाएं। स्टार्टअप शुरू करने वालों के लिए भी ये बेस्ट ऑप्शन है। देश के कई शहरों में अब इस कल्चर पर काम हो रहा है।
(इंटरव्यू : अभिषेक वर्मा)

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