यूक्रेन संकट: आतंक फैलाने के लिए रूसी सैनिक करते हैं युद्ध अपराध
कीव के उत्तर-पश्चिम में स्थित छोटे शहर बूचा की दिल-दहला देने वाली तस्वीरें सामने आई हैं। बूचा के मेयर का कहना है कि दो सामूहिक कब्रों में लगभग 270 स्थानीय लोगों को दफनाया गया और 40 लोग सड़कों पर मृत पड़े थे।
Published: April 06, 2022 07:56:23 pm
मैक्सबूट
स्तम्भकार
रूस के हमले के कारण यूक्रेन के लोगों की मानसिकता में व्यापक बदलाव आया है। यूक्रेन के नागरिक अपने देश के सैनिकों का मुक्तिदाता के रूप में अभिवादन करने के लिए प्रेरित हुए हैं। वे उन यूक्रेनी सैनिकों के प्रति शुभेच्छा भी जता रहे थे, जो हाल के दिनों में कीव के आसपास के गांवों में प्रवेश कर चुके हैं, जिन पर कुछ समय से रूसियों का कब्जा था। यूक्रेन सरकार ने शनिवार को घोषणा की कि कीव के सभी प्रशासित क्षेत्रों को रूसी कब्जे से मुक्त कर लिया गया है। इस बीच कीव के उत्तर-पश्चिम में स्थित छोटे शहर बूचा की दिल-दहला देने वाली तस्वीरें सामने आई हैं। बूचा के मेयर का कहना है कि दो सामूहिक कब्रों में लगभग 270 स्थानीय लोगों को दफनाया गया और 40 लोग सड़कों पर मृत पड़े थे।
असल में बूचा में अत्याचार की भयावहता कोई नई बात नहीं है। रूसी सैनिकों के युद्ध अपराधों के पर्याप्त सबूत हैं। ह्यूमन राइट्स वॉच ने रूसी सैनिकों द्वारा यौन-शोषण करने, निष्पक्ष सुनवाई के बिना लोगों को मार डालने और लूटपाट करने के सबूतों का दस्तावेजीकरण किया है। मारियुपोल में, रूसियों ने एक थिएटर पर बमबारी की, जहां नागरिक शरण लिए हुए थे। हमलों से बचाव के लिए थिएटर के बाहर रूसी भाषा में मोटे अक्षरों और सफेद रंग में 'बच्चेÓ लिखा हुआ था। 16 मार्च को इस बिल्डिंग पर हुई रूसी बमबारी में लगभग 300 लोगों के मारे जाने की खबर है। नागरिकों को बम और मिसाइल से मार डालना एक बात है, उनके सिर के पिछले हिस्से में गोलियां मारना दूसरी बात। यह काली-करतूतों का निम्न स्तर है। 1995 में बोस्निया में सेरेब्रेनिका नरसंहार के बाद से यूरोप ने इस तरह का संगठित अत्याचार नहीं देखा है। अगर दुनिया में न्याय बाकी है, तो पुतिन से लेकर नीचे तक के रूसी युद्ध अपराधियों को किसी दिन उसी तरह कटघरे में खड़ा किया जाएगा, जिस तरह नाजियों को न्यूरमबर्ग में किया गया था।
दुर्भाग्यवश, युद्ध का यह रूसी तरीका है। पुतिन की सेना इसी तरह चेचन्या और सीरिया में लड़ी थी। उससे पहले, सोवियत सेना अफगानिस्तान और द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान मध्य यूरोप में लड़ी थी। रूसी सैनिक आबादी को आतंकित करने के लिए युद्ध अपराध करते हैं, ताकि वह आत्मसमर्पण कर दे, लेकिन यूक्रेन में ऐसा नहीं हुआ। रूस की बर्बरता ने यूक्रेन के लोगों को कड़े प्रतिरोध के लिए भड़काया है। उन्हें मालूम है कि वे सिर्फ अपनी आजादी के लिए ही नहीं, बल्कि अस्तित्व के लिए लड़ रहे हैं। पिछले हफ्तों में हमलावरों को बुरी तरह से नुकसान पहुंचाने के साथ ही, उन्हें कीव के इलाके से खदेड़ दिया गया है। ओपन-सोर्स रिपोर्ट के अनुसार, रूसियों के कम से कम 400 टैंक तबाह हुए हैं। विदेश विभाग के अनुसार, कम से कम 10,000 सैनिक घायल हुए हैं, जिनमें संभवत: पुतिन के सर्वश्रेष्ठ सैनिक शामिल हैं। कुछ लोगों का अब भी अविश्वसनीय रूप से मानना है कि कीव पर रूसी हमला पुतिन द्वारा अपने दुश्मनों को विचलित करने के लिए शानदार युद्धाभ्यास था। असलियत यह है कि इतिहास इसे भयावह सैन्य भूल के रूप में ही दर्ज करेगा। शासन परिवर्तन के अपने प्रारंभिक उद्देश्य में विफल रहने के बाद रूस, पूर्वी यूक्रेन के डोनबास क्षेत्र पर कब्जे के लिए अपनी पस्त और क्षीण सेना को पुनर्गठित करने की कोशिश कर रहा है। युद्ध की शुरुआत में यह करना ज्यादा आसान होता। यूक्रेनी बलों को पूर्व में घेरने के लिए अब रूसियों को कड़ी मशक्कत करनी पड़ेगी, जो 2014 से रूसी समर्थित अलगाववादियों से लड़ रहे हैं।
यह युद्ध कैसे खत्म होगा, अभी यह कोई नहीं कह सकता। रूसी अत्याचारों से यूक्रेनी क्रोधित हैं। इस बात की सम्भावना कम ही होगी कि वे हमलावरों के साथ सीमा समझौता करें, यह जानते हुए कि ऐसा करना अपने आपको स्टालिनवादी यातना में भेजना होगा। पश्चिम को यूक्रेन को सहायता जारी रखनी चाहिए, ताकि उसे दक्षिण और पूर्व में रूसियों को वापस भगाने के लिए आवश्यक युद्ध क्षमताएं मिल सकें। यह देखना सुखद है कि बाइडन प्रशासन यूक्रेन को टैंक भेजने की तैयारी कर रहा है। आर्टिलरी, लड़ाकू एयरक्राफ्ट और लम्बी दूरी तक मार करने वाली वायु रक्षा प्रणालियों समेत अन्य हथियारों की मारक क्षमता को समझना चाहिए।

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