Art and Culture: देव आनंद की फिल्मों बिना अधूरी हिंदी सिनेमा और समाज की समझ
Published: Sep 17, 2023 11:09:32 pm
महत्त्वाकांक्षी और स्वप्नदर्शी फिल्मकार देव हमेशा समय से आगे की फिल्मों के लिए जाने जाते रहे


Art and Culture: देव आनंद की फिल्मों बिना अधूरी हिंदी सिनेमा और समाज की समझ
विनोद अनुपम
राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार प्राप्त कला समीक्षक
.......................................................... फिल्म निर्माण के क्षेत्र में 1966 में पर्ल एस. बक इण्डो-अमेरिकन सहयोग की संभावना तलाश करती हैं, कथानक के लिए ‘द गाइड’ का चुनाव किया जाता है और भारतीय सहयोगी के रूप में उन्हें मिलते हैं, देव आनंद। एक युवा-अतिसक्रिय अभिनेता और अपनी प्रोडक्शन कम्पनी ‘नवकेतन’ को नक्षत्रों के बीच स्थान दिलाने को आतुर महत्त्वाकांक्षी, स्वप्नदर्शी फिल्मकार। 26 सितंबर 1923 को जन्मे धर्मदेव पिरोसीमल आनंद यानी देव आनंद का यह जन्म शताब्दी वर्ष है। पर जैसा आमतौर पर कलाकारों के साथ होता रहा है, कभी लोकप्रियता के पर्याय रहे देव साहब का यह जन्म शताब्दी वर्ष भी कमोबेश खामोशी के साथ बीत गया।