एक दिन अचानक पुत्रवधू ने बटन दबाने वाला पुराना फोन छीन कर अंगुली रगड़ने वाला स्मार्ट फोन हमारे हाथ में रखते हुए कहा- अब आप भी जमाने के साथ चलो। बस उसी दिन लगा जैसे हमारी दिनचर्या और दुनिया ही बदल गई। अब घड़ी-घड़ी व्हाट्सऎप पर संदेशे आते रहते हैं और हम अपने को भूल उन्हें पढ़ने में मगन हो जाते हैं। पिछले दिनों जैसे ही पता चला कि मंगल ग्रह पर पानी मौजूद है तो एक मित्र ने संदेश भेज कर बताया कि मंगल पर पानी मिलने की खबर पर देश के भाग्यविधाता जनता के सामने किस तरह प्रतिक्रिया जता सकते हैं।कसम से वह प्रतिक्रिया इतनी जोरदार है कि हम आपसे शेयर किए बिना नहीं रह पाए, जरा मुलाहिजा फरमाइएगा- मोदी बोले- मित्रो! सडसठ साल हो गए देश को आजाद हुए। आज तक क्या मंगल पर पानी मिला (जनता- नहीं मिला) तो अब मंगल पर पानी मिलने के बाद मैं आपसे पूछना चाहता हूं कि आपको बुध पर पानी चाहिए कि नहीं चाहिए (जनता- चाहिए) शनि पर पानी चाहिए कि नहीं चाहिए (जनता- चाहिए) तो फिर आप बिहार चुनाव में नीतीश और लालू को हराइए मैं आपको शनि, बुध, मंगल तो क्या रवि तक पानी ढूंढ निकालने का पैकेज दूंगा (जनता- पानी, पानी, पानी)। ये तो हुए पीएम साब। अब राहुल को भी सुन लें। राहुल- पानी… पानी क्या होता है? क्या होता है पानी? आज मैं आपको बताता हूं कि पानी क्या होता है? पानी दरअसल पानी होता है। ये जो मंगल का पानी है ये किसानों और मजदूरों का पानी है। लेकिन ये सूट बूट की सरकार इस पानी को सिर्फ पूंजीपतियों को पिलाना चाहती है। हम ऎसा हरगिज न होने देंगे। केजरीवाल कहते हैं- ये पानी तो दिल्ली का है। जमुनाजी का है। इस पानी को हम आम आदमी तक पहुंचाना चाहते हैं पर केन्द्र एलजी के माध्यम से इसे आप तक पहुंचाने में रोड़ा अटका रही है। जनता- अजी पहले भारती ने जो आपका पानी उतारा है उसकी तो फिक्र करो। लालू कहते हैं- ये जो मंगल, शनि, बुध, बृहस्पति पर पानी-पानी की रट लगाए हो इस पर पहला हक दलितों का है। इस पर रिजर्वेशन चलेगा। हम इसे कभी केसरिया नहीं होने देंगे। ये संघ वाले समूचा पानी पी जाना चाहते हैं। सब बुडरक हैं। न्यूज चैनल वाली युवती- मैं इस वक्त मंगल पर खड़ी हूं और आज जहां पानी है दरअसल यहां पहले आलीशान स्विमिंगपूल था जिसमें थोड़ी देर पहले ललित मोदी नहा कर गए हैं जो यहां एक नेत्री की पर्ची पर अपनी पत्नी को घुमाने फिराने लाए थे। मंगल पर पानी के बीच खड़ी मैं मिस चुलबुली अपने कैमरामैन मंगतूराम के साथ, चूंचूं चैनल पर। क्यों साब कैसी रही? राही