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आपकी बात : श्रीलंका के बिगड़ते हालात के मुख्य कारण क्या हैं?

Published: Apr 07, 2022 04:06:47 pm

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Patrika Desk

पत्रिकायन में सवाल पूछा गया था। पाठकों की मिलीजुली प्रतिक्रिया आईं। पेश हैं चुनिंदा प्रतिक्रियाएं।

Srilanka

आपकी बात : श्रीलंका के बिगड़ते हालात के मुख्य कारण क्या हैं?

पर्यटन पर निर्भरता से बिगड़े हाल

श्रीलंका के बिगड़ते हालात के दो मुख्य कारण हैं। पहला, पर्यटन से आने वाले राजस्व में तेजी से गिरावट आना है। जबकि तेल की कीमतें तेजी से बढ़ी है। दूसरा, एक द्वीप देश होने के नाते श्रीलंका काफी हद तक आयात पर निर्भर है। तेल, दवा, भोजन जैसी तमाम जरूरतें श्रीलंका आयात के जरिए ही पूरी करता है।
अप्रेल, 2019 में ईस्टर पर हुए बम धमाकों तथा कोरोना के चलते पर्यटकों की संख्या में कमी आई है, जिससे श्रीलंका के विदेशी मुद्रा भण्डार में लगभग 70त्न तक की कमी हो गयी है। श्रीलंका ने विदेशी मुद्रा बचाने के लिए वर्ष 2020, मार्च में आयात पर पाबंदी लगा दी थी लेकिन इससे देश में आवश्यक वस्तुओं में कमी होने लगी, जिसका परिणाम वर्तमान हालात के रूप में सामने है।
– रामानंद, सादुलपुर(चूरू), राजस्थान

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चीन की मदद ने बनाया पंगु

मदद के नाम पर चीन के दखल और दबाव तथा श्रीलंका में लचर राजनैतिक नेतृत्व वहां के बिगड़ते हालात के कारणों के रूप में देखे जा सकते हैं। श्रीलंका इस समय चीन का सबसे बड़ा ऋणी है। मदद के नाम पर इसने श्रीलंका की अर्थव्यवस्था को खोखला/पंगु कर दिया है।
– अशोक कुमार शर्मा, जयपुर, राजस्थान

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उधार के जाल में फंसा

श्रीलंका अव्यवहार्य बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए चीन से उधार लेने और ऋण वापस करने में असमर्थ होने से फंस गया और एक कुशल नेतृत्व की कमी के चलते वहां यह स्थिति पैदा हुई है। कोरोना महामारी के चलते उद्योग-धंधों, पर्यटन एवं अन्य क्षेत्रों का ठप हो जाना भी श्रीलंका के इस आर्थिक संकट के लिए जिम्मेदार है।
– मंजू प्रेमप्रकाश, कठहैड़ा, राजस्थान

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श्रीलंका में राजनीतिक कुशासन

श्रीलंका आर्थिक संकट व गृहयुद्ध की ओर बढ़ रहा है। इसके मुख्य कारण राजनीतिक कुप्रशासन, विदेशी ऋणग्रस्तता, विदेशी मुद्रा भंडार की कमी, मुद्रा अवमूल्यन, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार इत्यादि हैं। श्रीलंका में स्थिर एवं लोककल्याणकारी सरकार की आवश्यकता है ।
चंचल सोढ़ा, बाड़मेर, राजस्थान

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चीनी चाल का शिकार

श्रीलंका के बिगड़ते हालत का मुख्य कारण चीन की साजिश माना गया है। चीन ने श्रीलंका को कर्ज के जाल में फंसाया है। श्रीलंका का विदेशी मुद्रा भंडार कम होने से चीन का लोन नहीं चुका पा रहा। चीन की कर्ज देकर जमीन हड़पने की की नीति ने श्रीलंका को आज इस मुकाम पर लाकर खड़ा कर दिया है।
मोहित सोलंकी, जोधपुर, राजस्थान

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तबाही के लिए राजनेता जिम्मेदार

श्रीलंका की तबाही की सबसे ज्यादा जिम्मेदारी वहां के राजनेताओं की है। चीन के जाल में फंसकर लिया गया कर्ज और बिना किसी उद्देश्य के पानी की तरह धन की बर्बादी, उनकी अदूरदर्शिता का परिणाम है।
हरिप्रसाद चौरसिया, देवास, मध्यप्रदेश

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तेल ने बिगाड़ा खेल

श्रीलंका अब तक के सबसे बड़े आर्थिक संकट का सामना कर रहा है, जिसकी वजह है, कोरोना महामारी। पर्यटन से आने वाला रेवेन्यू तेजी से गिरा है, जबकि तेल की कीमतें तेजी से बढ़ी हैं। आइलैंड देश होने की वजह से श्रीलंका काफी हद तक आयात पर निर्भर है। पर्यटन की आय घटने से विदेशी मुद्रा भंडार घटा है। नतीजतन, श्रीलंका की अर्थव्यवस्था धराशायी होने के कगार पर है।
डॉ. अजिता शर्मा, उदयपुर, राजस्थान

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कर्ज लेकर घी पीने का परिणाम

कर्ज लेकर घी पीने के चार्वाक के सिद्धांत ने श्रीलंका को आर्थिक बदहाली में पहुंचा दिया है। सरकार को नियोजित नीतियां व कार्यक्रम आरंभ करना होगा, जिससे समावेशी विकास हो सके। जितना श्रीलंका चीन से कर्ज लेकर विकास करेगा, उससे ज्यादा चीन उसे गुलाम बनाने का प्रयास करके अपनी विदेश नीति में मोतियों की माला का विस्तार करेगा। श्रीलंका व पाकिस्तान में बिगड़ते हालात के पीछे मुख्य कारण चीन का मकडज़ाल है, जिसने उन्हें आर्थिक बदहाल कर दिया है।
सी. आर. प्रजापति, जोधपुर, राजस्थान

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पर्यटन में पिछड़ा

श्रीलंका की जीडीपी में पर्यटन का काफी बड़ा योगदान है। वहां की जीडीपी में टूरिज्म की हिस्सेदारी 10 फीसदी से ज्यादा है और पर्यटन से विदेशी मुद्रा भंडार में भी इजाफा होता है। लेकिन कोरोना महामारी की वजह से यह सेक्टर बुरी तरह से प्रभावित हुआ है।
राहुल मुद्गल, फतेहाबाद (आगरा), उत्तरप्रदेश

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राजनीतिक नेतृत्व कमजोर

श्रीलंका में बिगड़ते हालात की जिम्मेदार सरकार है। जिस सरकार को जनता का साथ देना चाहिए था, वही घुटने टेक रही है। सरकार का कमजोर ढांचा की मुख्य कारण है।
तरुणा साहू, राजनांदगांव, छत्तीसगढ़

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महंगा पड़ा कर्ज लेना

विकास कार्यों के लिए बीते वर्षों में श्रीलंका को चीन से कठोर शर्तों पर लिया भारी मात्रा में कर्ज वापस चुकाना बहुत महंगा पड़ रहा है। कर्ज बढऩे के साथ, श्रीलंका का विदेशी मुद्रा भंडार खाली हो गया है, जिससे सरकार की सभी लोकोपयोगी योजनाएं विफल हो गई हैं। जनता में व्याप्त असंतोष और देश की राजनीतिक अस्थिरता, श्रीलंका के हालात बिगाडऩे के अन्य कारणों में शामिल हैं।
– नरेश कानूनगो, देवास, मध्यप्रदेश

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आत्मघाती नीतियों का नतीजा

श्रीलंका में इन दिनों भुखमरी की स्थिति बनी हुई है और देश आर्थिक संकट से जूझ रहा है। मात्र दो करोड़ की आबादी वाला देश दाने-दाने को मोहताज हो गया है। इन हालात की जिम्मेदार है, राजपक्षे की परिवारवाद की राजनीति। उसने समय रहते देश की अर्थव्यवस्था पर ध्यान केंद्रित नहीं किया। चीन भी अब इस देश को कर्ज में डूबोते हुए इसकी जेब खाली कर खुद गायब हो गया है।
– रजनी वर्मा, श्रीगंगानगर, राजस्थान

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वित्तीय कुप्रबंधन असली वजह

श्रीलंका में बिगड़ते हालात का मुख्य कारण वित्तीय कुप्रबंधन है। विकास के नाम पड़ोसी देशों से ऊंची ब्याज दरों पर कर्ज, राजनीतिक भ्रष्टाचार एवम उदासीनता के कारण वित्तीय आपातकाल जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई है।
– विनायक गोयल, रतलाम, मध्यप्रदेश

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आर्थिक मंदी ने तोड़ी कमर

श्रीलंका में बिगड़े हालात का प्रमुख कारण है, आर्थिक मंदी। श्रीलंका मुख्यत: पर्यटन पर आश्रित है, जिसे वैश्विक महामारी कोरोना ने बुरी तरह प्रभावित किया।
पिंकी शर्मा, जयपुर, राजस्थान

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पारिवारिक कलह ले डूबी

पारिवारिक कलह के कारण श्रीलंका में हालात बिगड़े है। भाइयों की खराब राजनीति का खमियाजा वहां की जनता भुगत रही हैै। उर्वरक प्रतिबंध से चावल और चाय जैसी फसलों की पैदावार में नाटकीय गिरावट आई। बिजली, ईंधन, भोजन और दवा की व्यापक कमी है।
खुशवन्त कुमार हिण्डोनिया, गांधी नगर, चित्तौडग़ढ़

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भ्रष्टाचार का परिणाम

किसी भी देश के गर्त में जाने का मुख्य कारण होता है, बढ़ता भ्रष्टाचार और विदेशी कर्ज। अगर इन सब पर समय रहते लगाम नहीं लगाया जाए तो स्थिति हाथ से निकल जाती है। श्रीलंका इसका प्रत्यक्ष उदाहरण है।
शालिनी भाटी, खारिया खंगार (जोधपुर), राजस्थान

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लोकलुभावन छूट का दुष्परिणाम

साल 2019 में राष्ट्रपति राजपक्षे ने टैक्स को काफी कम कर दिया था। रिपोट्र्स के अनुसार, श्रीलंका में वैट को 15 फीसदी से हटाकर 8 फीसदी कर दिया था और इससे देश के सरकारी खजाने में हर साल 60 हजार करोड़ रुपये का नुकसान होने लगा। इस वजह से वैश्विक स्तर पर श्रीलंका को काफी नुकसान हुआ और सरकारी खजाना भी लगातार कमजोर पड़ता गया।
संजना प्रजापत, नरैना, राजस्थान

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अदूरदर्शिता का नुकसान

श्रीलंका की सरकार ने बिना सोचे-समझे चीन जैसे विस्तारवादी देश से कर्जा लेकर खुद को संकट में डाल लिया। इस कारण चीन श्रीलंका पर लगातार दबाव बना रहा है। साथ ही, कोरोना काल में गलत नीतियों के कारण श्रीलंका की खोखली अर्थव्यवस्था धराशायी हो गई।
शुभम वैष्णव, सवाईमाधोपुर, राजस्थान

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2019 में राष्ट्रपति राजपक्षे ने टैक्स को काफी कम कर दिया था. रिपोट्र्स के अनुसार, श्रीलंका में वैट को 15 फीसदी से हटाकर 8 फीसदी कर दिया था और इससे देश के सरकारी खजाने में हर साल 60 हजार करोड़ रुपये का नुकसान होने लगा. इस वजह से वैश्विक स्तर पर श्रीलंका को काफी नुकसान हुआ और सरकारी खजाना भी लगातार कमजोर पड़ता गया।
श्रीलंका ने अव्यवहार्य बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए चीन से उधार लेने और ऋण वापस करने में असमर्थ होने के कारण जाल में फंस गया।

रघुराज गुर्जर, बाड़ी, धौलपुर

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एकतरफा विदेश नीति का दुष्परिणाम
श्रीलंका की वित्तीय स्थिति खराब होने का प्रमुख कारण उसकी अदूरदर्शी विदेश नीति है। चीन की तरफ विशेष झुकाव व निकटतम पड़ोसी देश भारत से दूरी के कारण श्रीलंका गहरे ऋणजाल के संकट में फंस चुका है। साथ ही, बढ़ता भ्रष्टाचार, पर्यटन में कमी, अनाज उत्पादन में कमी व राजनीतिक नीतियों में नासमझी के कारण श्रीलंका के लोग आज सड़कों पर है।
कृष्णपाल सिंह, सिनला (पाली), राजस्थान

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पर्यटन खत्म होने से डूबी अर्थव्यवस्था

श्रीलंका में बिगड़ते आर्थिक हालात के कारणों में सबसे प्रमुख कोरोना काल में पर्यटन क्षेत्र में आई भारी गिरावट रहा है। श्रीलंका में आय का प्रमुख स्रोत पर्यटन है। दूसरे कारणों में श्रीलंका की विदेश नीति में दूरगामी सोच की कमी प्रमुख है।
सुमित्रा गिला, नोखा, राजस्थान

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