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आपकी बात, पंजाब के स्थानीय निकाय चुनावों में कांग्रेस की शानदार जीत के क्या संकेत हैं?

Published: Feb 19, 2021 05:47:41 pm

Submitted by:

Gyan Chand Patni

पत्रिकायन में सवाल पूछा गया था। पाठकों की मिलीजुली प्रतिक्रिया आईं, पेश हैं चुनिंदा प्रतिक्रियाएं।

आपकी बात, पंजाब के स्थानीय निकाय चुनावों में कांग्रेस की शानदार जीत के क्या संकेत हैं?

आपकी बात, पंजाब के स्थानीय निकाय चुनावों में कांग्रेस की शानदार जीत के क्या संकेत हैं?

बदल रहा है माहौल
नगर निगम चुनावों में कांग्रेस की शानदार जीत होने से पंजाब में आगामी विधानसभा चुनाव में भी एक तरफा कांग्रेस की जीत नजर आ रही है। ऐसा लगता है कि देश का माहौल बदल रहा है। किसान आंदोलन, पेट्रोल-डीजल की कीमतों में वृद्धि, बिजली की दरों में वृद्धि एलपीजी की कीमतों में वृद्धि से जनता में केंद्र की भाजपा सरकार के खिलाफ रोष है। इसका लाभ विपक्ष उठा सकता है।
-सुरेंद्र बिंदल, जयपुर
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भाजपा को झटका
पंजाब में हुए स्थानीय निकाय चुनावों में कांग्रेस ने शानदार जीत दर्ज की है। निश्चित ही यह भाजपा को बड़ा झटका है। नए कृषि कानून के विरोध के बीच कांग्रेस के लिए इसे बड़ी उपलब्धि के रूप में देखा जा सकता है। साथ ही ये जीत वहां के मुख्यमंत्री के लिए भी खास है। अब वे आगामी चुनाव में मजबूती के साथ खड़े होंगे। सरकार किसानों के बारे में विचार कर कानून में सुधार करे।
-साजिद अली, चंदन नगर, इंदौर
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स्वाभाविक जीत
पंजाब नगर निगम चुनाव में कांग्रेस की शानदार जीत का कोई खास संकेत नहीं है। पंजाब में कांग्रेस की सरकार है। पंजाब कांग्रेस पार्टी का गढ़ है। इसलिए वहां कांग्रेस की जीत स्वाभाविक थी।
-श्रीकृष्ण पचौरी, ग्वालियर
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अच्छे नेतृत्व का परिणाम
पंजाब के स्थानीय चुनावों में मतदाताओं की नजर में बादल परिवार से बेहतर विकल्प अमरिंदर सिंह रहे। इससे ये संकेत मिलता है कि अगर अच्छा नेतृत्व व काम दिखे तो जनता उसका प्रति फल देती है। किसानों के समर्थन के बावजूद ऐसा लगता है पंजाब में मतदाताओं के जेहन से बादल हटने लगे है।
-मणिराज सिंह चंद्रावत, मंदसौर, मप्र
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स्थाई प्रतिक्रिया नहीं
पंजाब में स्थानीय निकाय चुनावों में कांग्रेस की शानदार जीत हुई है। किसान आंदोलन के प्रति केंद्र की उपेक्षा और आंदोलन को बदनाम करने की कोशिश की यह प्रतिक्रिया भी है। यह स्थाई नहीं है। जनता जानती है कि भाजपा और कांग्रेस दोनों ही एक जैसे दल हैं।
-सुरेश चंद सिंघल, भरतपुर
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कांग्रेस के लिए आंदोलन बना टॉनिक
पंजाब में हुए नगरीय निकाय के चुनाव में जबर्दस्त जीत से जहां कांग्रेस गदगद है, वहीं भाजपा को करारी हार का सामना करना पड़ा। ये नतीजे साफ बताते हैं कि किसान आंदोलन का असर चुनाव पर पड़ा है। इस आंदोलन ने कांग्रेस के लिए टॉनिक का काम किया है, तो वहीं भाजपा प्रदेश में कमजोर हुई है।
-कौशल बेहरा, रायगढ़, छत्तीसगढ़
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सत्ता परिवर्तन का संकेत
पंजाब नगर निगम चुनाव में कांग्रेस को मिले समर्थन के पीछे केंद्र सरकार के खिलाफ जनता का आक्रोश है। यह केंद्र की सत्ता में परिवर्तन का संकेत भी माना जा सकता है। ये नतीजे कांग्रेस व दूसरी विपक्षी पार्टियों के लिए संजीवनी का काम करेंगे।
-गजानंद मीणा, नागौर
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भाजपा और अकाली दल की मुश्किल बढ़ी
पंजाब में हुए नगर निकाय चुनावों में जहां कांग्रेस ने शानदार जीत हासिल की, वहीं भाजपा और अकाली दल की मुश्किल और बढ़ी। इसका प्रभाव अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव पर भी पड़ेगा। ऐसा लगता है कि केन्द्र के तीन नए कृषि कानूनों के विरोध के चलते भाजपा को करारी शिकस्त मिली। जनता का रुख अब विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस की ओर ही रहेगा।
-कमलेश कुमार कुमावत, चौमूं, जयपुर
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कांग्रेस में जताया विश्वास
पंजाब नगर निगम चुनावों में कांग्रेस की शानदार जीत का यह संकेत है कि कृषि कानूनों के कारण किसान जनता से नाराज हैं। इसके साथ ही केंद्र सरकार ने पेट्रोल और डीजल में बेतहाशा वृद्धि कर रखी है, जिससे कि देश में महंगाई अपने चरम पर है। इसी वजह से नाराज होकर पंजाब के लोगों ने बीजेपी और उसके साथ पूर्व में गठबंधन में रह चुकी पार्टी शिरोमणि अकाली दल को नजरअंदाज करके कांग्रेस पार्टी को भरपूर समर्थन दिया है।
-महेंद्र कुमार चतुर्वेदी, हनुमानगढ़
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आगामी चुनावों पर भी असर
पंजाब नगर निगम चुनावों में कांग्रेस की जीत का का संकेत साफ है। नए कृषि कानूनों के विरोध का प्रभाव इन चुनावों में परिलक्षित हो रहा है। भले ही नए कृषि कानून कृषि में नवीन अनुसंधान, ई-कॉर्पोरेट को बढ़ावा देने वाले हों, लेकिन न्यूनतम समर्थन मूल्य के नाम पर विरोध को इतनी हवा दी गई है कि किसानों के मानस में असुरक्षा की भावना प्रबल हो गई है, जो चुनावों में प्रदर्शित हो रही है। शायद इसका प्रभाव भविष्य के चुनावों पर भी पड़ेगा।
-महावीर सिंह सोलंकी, जैसलमेर
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कांग्रेस ने सबको पीछे छोड़ा
पंजाब नगर निगम चुनावों में कांग्रेस ने बाजी मार ली है। ये किसान आंदोलन और अकाली दल के बीजेपी से अलग होने के बाद हुए किसी चुनाव के पहले नतीजे हैं। पंजाब नगर निगम चुनावों के ये नतीजे उत्तर भारत के लिए एक संकेत भी हैं। पंजाब निकाय चुनावों के नतीजों में कांग्रेस ने सबको पीछे छोड़ा। आम आदमी पार्टी इस चुनाव में कोई बड़ा कमाल नहीं कर सकी।
-पारुल कुमावत, जयपुर
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