जीएसटी या मकड़ी का जाला
जुलाई 2017 से एक देश एक कर की तर्ज पर जीएसटी प्रणाली को अपनाया गया। 5 साल बाद भी यह एक मकड़ी के जाल जैसी बनी हुई है। इसमें सबसे अधिक परेशानियों का सामना छोटे और मझोले व्यापारियों तथा असंगठित क्षेत्र में कार्य करने वाले लोगों करना पड़ा है, जिन्हें यह प्रणाली अभी भी समझ में नहीं आई है। इस जटिल प्रणाली को क्रियान्वित करने के लिए उन्हें सीए और ई-मित्रों का सहारा लेना पड़ता है। जब बात एक समान दर की हुई थी, तो फिर छह प्रकार की दरें कहां से आ गई? और तो और इनमें भी पारदर्शिता और निष्पक्षता का अभाव भी साफ-साफ दिखाई देता है। न केवल असंगठित क्षेत्र को नुकसान हुआ है, अपितु महंगाई और बेरोजगारी भी चरम पर है।
-एकता शर्मा, जयपुर
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जुलाई 2017 से एक देश एक कर की तर्ज पर जीएसटी प्रणाली को अपनाया गया। 5 साल बाद भी यह एक मकड़ी के जाल जैसी बनी हुई है। इसमें सबसे अधिक परेशानियों का सामना छोटे और मझोले व्यापारियों तथा असंगठित क्षेत्र में कार्य करने वाले लोगों करना पड़ा है, जिन्हें यह प्रणाली अभी भी समझ में नहीं आई है। इस जटिल प्रणाली को क्रियान्वित करने के लिए उन्हें सीए और ई-मित्रों का सहारा लेना पड़ता है। जब बात एक समान दर की हुई थी, तो फिर छह प्रकार की दरें कहां से आ गई? और तो और इनमें भी पारदर्शिता और निष्पक्षता का अभाव भी साफ-साफ दिखाई देता है। न केवल असंगठित क्षेत्र को नुकसान हुआ है, अपितु महंगाई और बेरोजगारी भी चरम पर है।
-एकता शर्मा, जयपुर
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जीएसटी का नकारात्मक असर
जीएसटी का अर्थव्यवस्था और कारोबार पर नकारात्मकता असर हुआ है। यह कुछ सकारात्मक भी है। देश में एक कर व्यवस्था स्थापित करने का प्रयास हुआ है।
-सी. आर. प्रजापति, जोधपुर
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जीएसटी का अर्थव्यवस्था और कारोबार पर नकारात्मकता असर हुआ है। यह कुछ सकारात्मक भी है। देश में एक कर व्यवस्था स्थापित करने का प्रयास हुआ है।
-सी. आर. प्रजापति, जोधपुर
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सकारात्मक असर
जीएसटी का सकारात्मक असर अर्थव्यवस्था और व्यापार पर हुआ है। शुरुआत में इस कर प्रणाली को समझ पाना जरा मुश्किल था, मगर जैसे-जैसे इसे अमल में लाया गया तब से ही देश की अर्थव्यवस्था और व्यापार में पारदर्शिता देखने को मिली। भिन्न-भिन्न तरह के करों का समावेश है जीएसटी।
-मनीष गिरि, रायपुर
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जीएसटी का सकारात्मक असर अर्थव्यवस्था और व्यापार पर हुआ है। शुरुआत में इस कर प्रणाली को समझ पाना जरा मुश्किल था, मगर जैसे-जैसे इसे अमल में लाया गया तब से ही देश की अर्थव्यवस्था और व्यापार में पारदर्शिता देखने को मिली। भिन्न-भिन्न तरह के करों का समावेश है जीएसटी।
-मनीष गिरि, रायपुर
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राज्यों की मनमानी पर रोक
जीएसटी का हमारी अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा है। जब ये प्रावधान लागू हुआ था तब व्यापारी वर्ग को इसे समझने में थोड़ी कठिनाई आई थी। हर राज्य में एक समान कर होने से राज्यों की मनमानी पर भी रोक लगी है। सरकार को शराब व पेट्रोल पर भी जीएसटी लागू कर देनी चाहिए। -लता अग्रवाल चित्तौडग़ढ़ ।
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जीएसटी का हमारी अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा है। जब ये प्रावधान लागू हुआ था तब व्यापारी वर्ग को इसे समझने में थोड़ी कठिनाई आई थी। हर राज्य में एक समान कर होने से राज्यों की मनमानी पर भी रोक लगी है। सरकार को शराब व पेट्रोल पर भी जीएसटी लागू कर देनी चाहिए। -लता अग्रवाल चित्तौडग़ढ़ ।
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आर्थिक मार
देश पर जिस प्रकार जीएसटी का प्रभाव पड़ा है, उससे मध्यम वर्गीय परिवार द्वारा किए जाने वाले व्यापार पर गहरा असर दिखाई दिया है। एक प्रकार से देखा जाए तो जीएसटी देश पर आर्थिक मार के रूप में सामने आया है।
वन्दना दीक्षित, बूंदी
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देश पर जिस प्रकार जीएसटी का प्रभाव पड़ा है, उससे मध्यम वर्गीय परिवार द्वारा किए जाने वाले व्यापार पर गहरा असर दिखाई दिया है। एक प्रकार से देखा जाए तो जीएसटी देश पर आर्थिक मार के रूप में सामने आया है।
वन्दना दीक्षित, बूंदी
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राजस्व में बढ़ोतरी
जीएसटी से राजस्व में बढ़ोतरी होना अर्थव्यवस्था के लिए लाभदायक है। सम्पूर्ण देश में कर की प्रणाली एक हुई है। अलग-अलग राज्यों के टैक्स की जटिलता से आजादी मिली है।
संजय माकोड़े बैतूल
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जीएसटी से राजस्व में बढ़ोतरी होना अर्थव्यवस्था के लिए लाभदायक है। सम्पूर्ण देश में कर की प्रणाली एक हुई है। अलग-अलग राज्यों के टैक्स की जटिलता से आजादी मिली है।
संजय माकोड़े बैतूल
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हो रही है कर चोरी
जीएसटी का अर्थव्यवस्था पर गहरा प्रभाव हुआ है। एक तरफ जहां सरकार का खजाना भर रहा है, वही जीएसटी चोरी की समस्या भी है। जनता से कर तो हर वस्तु में वसूला जाता है, लेकिन बिल नहीं दिया जाता। इससे ग्राहक को सामान तो महंगा मिलता है, लेकिन कर सरकार के खाते में नहीं जाता।
-हरिप्रसाद चौरसिया ,देवास,मध्यप्रदेश
जीएसटी का अर्थव्यवस्था पर गहरा प्रभाव हुआ है। एक तरफ जहां सरकार का खजाना भर रहा है, वही जीएसटी चोरी की समस्या भी है। जनता से कर तो हर वस्तु में वसूला जाता है, लेकिन बिल नहीं दिया जाता। इससे ग्राहक को सामान तो महंगा मिलता है, लेकिन कर सरकार के खाते में नहीं जाता।
-हरिप्रसाद चौरसिया ,देवास,मध्यप्रदेश