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आपकी बात, कांग्रेस के जनाधार में कमी की क्या वजह है?

Published: Nov 26, 2020 04:51:37 pm

Submitted by:

Gyan Chand Patni

पत्रिकायन में सवाल पूछा गया था। पाठकों की मिलीजुली प्रतिक्रिया आईं, पेश हैं चुनिंदा प्रतिक्रियाएं।

आपकी बात, कांग्रेस के जनाधार में कमी की क्या वजह है?

आपकी बात, कांग्रेस के जनाधार में कमी की क्या वजह है?

तुष्टीकरण की राजनीति का परिणाम
भारत की सबसे पुरानी कांग्रेस आज अपना अस्तित्व बचाने के लिए लड़ रही है। तुष्टीकरण की राजनीत्ति और परिवारवाद कि चलते यह पार्टी खत्म होने के कगार पर आ गई है। इसके अलावा जमीन से जुड़े और अनुभवी कार्यकर्ताओं की अनदेखी भी हुई है। जनाधार में कमी के ये ही प्रमुख कारण हैं।
-कमल किशोर, भीलवाड़ा
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सिर्फ सत्ता के लिए बेचैनी
कांग्रेस में चल रहा संघर्ष सत्ता के लिए है, देश के लिए नहीं। कांग्रेस की कमजोरी विदेशी विरासत है। इस पार्टी में कोई राष्ट्रीय मुद्दों और जनाधार की बात नहीं करता। सिर्फ सत्ता के लिए बैचैनी नजर आती है और यही सबसे बड़ी कमजोरी है।
-सपना बिश्नोई, हनुमानगढ़
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तिकड़मी नेताओं की कमी
नए जमाने की राजनीति में सीधेपन और भोलेपन की कोई गुंजाइश नहीं हैं। आजकल नेताओं में तिकड़मबाजी व अवसर का फायदा उठाने का गुण होना आवश्यक है। वर्तमान कांग्रेस के नेतृत्व में इसका अभाव है। यही कारण हैं कि कांग्रेस का जनाधार खिसकता जा रहा हैं। लच्छेदार भाषण शैली वाले वाचाल नेताओं की कांग्रेस को सख्त आवश्यकता है, तभी इसके दिन फिरेगें।
-विनोद कटारिया, रतलाम
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कांग्रेस कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाना होगा
कांग्रेस पार्टी के जनाधार में दिन-प्रति-दिन कमी हो रही है। एक समय था जब पूरे देश में कांग्रेस का ही वर्चस्व था। आज कांग्रेस कुछ राज्यों तक सीमित हो गई है। इसका प्रमुख कांग्रेस पार्टी में एक परिवार विशेष के प्रति निष्ठा और एक व्यक्ति विशेष को महत्व है। कांग्रेस स्वयं को वर्तमान समय की परिस्थितियों के अनुरूप ढालने में विफल रही है। जमीनी कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाना होगा।
-दिनेश कुमार, सीकर
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अवसरवादियों को टिकट
कांग्रेस के जनाधार में कमी की मुख्य वजह जन भावनाओं को न समझना, नेतृत्व क्षमता का अभाव, समय पर फैसले न लेना, चुनावी रणनीति का अभाव, इंदिरा गांधी जैसे करिश्माई नेता की कमी है। चापलूसों, वंशवादियों, अवसरवादियों, दलबदलुओं, भ्रष्टों, पैसे वालों को टिकट मिलने से कांग्रेस जनता से दूर हो रही है।
-शिवजी लाल मीणा, जयपुर
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आलोचना से नहीं बढ़ता जनाधार
केवल केंद्र सरकार या भाजपा की आलोचना करने मात्र से जनाधार नहीं बढाया जा सकता। पंजाब और राजस्थान दोनों में कांग्रेस की सरकार है। इसके बावजूद राजस्थान में सिंचाई के लिए पानी नहीं दिया जा रहा। पेयजल का संकट तक बरकरार है। पानी पाकिस्तान बेकार जा रहा है। नहरों के रख-रखाव की दरकार है। बीकानेर कैनाल नहर की साफ सफाई शुरू तक नहीं करा सकी सरकार।
-सतीश कुमार नागपाल, श्रीगंगानगर
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युवा वर्ग को आगे आने का मौका मिले
कांग्रेस का पुराना जनाधार कई वर्षों से खिसक रहा है। इसकी सबसे बड़ी वजह तो यह कही जा सकती है कि कांग्रेस का प्रचार करने वालों में मुख्यत: केंद्र सरकार के जाने-माने नेता थे, जिनका कोई जनाधार नहीं था। भ्रष्टाचार के मामलों ने भी कांग्रेस को नुकसान पहुंचाया है। नेताओं के टूट कर जाने और सत्तारूढ़ भाजपा के हमलावर रुख से कांग्रेस आज से अधिक पस्त कभी नहीं दिखी। दूसरी ओर कांग्रेस में वंशवाद को अधिक प्राथमिकता देना भी जनाधार कम होने का प्रमुख कारण है। अब युवा वर्ग को मौका मिलना चाहिए। जनता का भरोसा जीतना ही पार्टी का प्रमुख उद्देश्य होना चाहिए।
-डॉ.अजिता शर्मा, उदयपुर
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धर्मनिरपेक्ष पार्टियों में टकराव
पार्टियां अपनी विचारधारा के कारण पहचानी जाती हैं, वर्ना खत्म हो जाती हैं। कांग्रेस अब न तो पूरी तरह धर्मनिरपेक्ष रही है और न ढंग से धर्म विशेष को अपनी और आकर्षित कर पा रही है। दूसरा कारण कांग्रेस में आंतरिक लोकतंत्र का अभाव है। साथ ही दर्जनों धर्मनिरपेक्ष पार्टियों का आपस में टकराव भी इसके जनाधार मे कमी का कारण है ।
-मुहम्मद इमरान, जयपुर
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बहुसंख्यक वर्ग कांग्रेस से दूर
कांग्रेस के जनाधार में कमी के कारण अनेक हैं। परिवारवाद और आंतरिक कलह ने कांग्रेस को कमजोर किया है। कांग्रेस ने तुष्टीकरण को बढ़ावा दिया। भारत में अल्पसंख्यक समुदाय को अनेक सुविधाएं दी जाती हंै। कतिपय अतिवादी लोगो ने इसका दुरुपयोग किया इस कारण बहुसंख्यक वर्ग कांग्रेस से दूर होता चला गया। उधर भाजपा ने कांग्रेस के असंतुष्ट नेताओं को अपने साथ ले लिया। इससे कांग्रेस के जनाधार में कमी आई।
-अनिल भार्गव, गुना, मध्यप्रदेश
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तालमेल की कमी
कांग्रेस पार्टी आज बेहद खराब दौर से गुजर रही है। हाल ही के बिहार चुनाव हों या उपचुनाव कांग्रेस को करारी हार का सामना करना पड़ा है। बिहार में बहुत कम जगह कांग्रेस जीती।कई बड़े नेता कांग्रेस छोड़ कर दूसरे दलों में शामिल हो रहे हैं। मध्यप्रदेश में सालों बाद कांग्रेस को मौका मिला, लेकिन यह राज्य भी उसके हाथ से निकल गया। सबको साथ लेकर चलने की कमी कांग्रेस में अब भी बनी हुई है। जैसे- तैसे कुछ राज्य उसके पास बचे हैं। आखिर कांग्रेस कब संभलेगी? शीर्ष नेतृत्व की कमी के चलते ही आज कांग्रेस गर्त में जा रही है। तालमेल का अभाव स्पष्ट नजर आ रहा है। युवाओं की उपेक्षा भी एक बड़ा कारण है।
-साजिद अली, इंदौर
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संगठन की उपेक्षा
जिस प्रकार दीपक में दीया और बाती का जो संबंध है, वही महत्व पार्टी में कार्यकर्ता और संगठन का होता है। तेल खत्म होने पर दीया बुझ जाता है, तो हमें तेल पर ज्यादा फोकस करना चाहिए, ना कि दिखावे पर। सत्ता प्राप्ति के पश्चात कांग्रेस नेताओं का संगठन पर ध्यान ना देना, इनके जनाधार में कमी का मुख्य कारण है।
-सन्नी ताम्रकार, दुर्ग, छत्तीसगढ़

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