
प्रभावित क्षेत्रों में शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और बुनियादी सुविधाओं को प्राथमिकता देकर विकास को बढ़ावा देना चाहिए। जनजातीय समुदायों के अधिकारों की रक्षा करना और उनके साथ संवाद स्थापित करना आवश्यक है।
नक्सली घटनाओं को स्थायी रूप से रोकने के लिए प्रशासनिक और सामाजिक उपाय आवश्यक हैं। प्रभावित क्षेत्रों में शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और बुनियादी सुविधाओं को प्राथमिकता देकर विकास को बढ़ावा देना चाहिए। जनजातीय समुदायों के अधिकारों की रक्षा करना और उनके साथ संवाद स्थापित करना आवश्यक है। इसके साथ ही, सुरक्षा बलों को सुदृढ़ करते हुए मानवीय दृष्टिकोण अपनाया जाना चाहिए। पारदर्शी शासन और स्थानीय भागीदारी के माध्यम से नक्सलवाद पर स्थायी नियंत्रण संभव है। -हरेंद्र कीलका, दुबई (मूल निवासी, सीकर)
नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में नक्सलवादियों की हिंसक गतिविधियों को रोकने के लिए विशेष टास्क फोर्स का गठन होना चाहिए। उन्हें समस्त आवश्यक संसाधन भी उपलब्ध कराया जाना चाहिए। नक्सली नेटवर्क को समाप्त करने के लिए यह भी आवश्यक है कि नक्सलियों को युवाओं को भ्रमित करने और अपने जाल में फंसाने से रोका जा सके। इसके लिए एक मजबूत और प्रभावी योजना की आवश्यकता है, जो न केवल सुरक्षा बलों को सक्षम बनाए, बल्कि स्थानीय लोगों को भी इन गतिविधियों से बचाए. -ललित महालकरी, इंदौर
देश में बढ़ती नक्सल समस्या को जड़ से समाप्त करने के लिए सरकार को नक्सलियों को रोजगार, शिक्षा और समाज में मिलकर रहने का प्रयास करना चाहिए। सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर, शिक्षा, और बेहतर जीवन स्थितियां उपलब्ध कराई जाएं, ताकि वे नक्सलियों के बहकावे में न आएं। इस तरह से नक्सलवाद का मुकाबला करना संभव होगा. -संजय स्वामी
नक्सली घटनाओं को रोकने के लिए ऐसे प्रभावित इलाकों में बच्चों को शिक्षा, सड़कों की कनेक्टिविटी, और युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराना आवश्यक है। इसके साथ ही, भ्रष्टाचार के कारण हो रही सामाजिक और आर्थिक विषमताओं को समाप्त करना चाहिए। बुनियादी जरूरतों की पूर्ति से ही जनता का विश्वास जीता जा सकता है। राजनीतिक फायदे के लिए गुमराह करने वाले स्थानीय नेताओं पर कड़े नियम लागू करने चाहिए। साथ ही, लोगों को नक्सलवाद के खतरों से जागरूक करने के लिए भी हर संभव प्रयास किया जाना चाहिए -मनवीर चन्द कटोच, कांगड़ा, हिमाचल प्रदेश
नक्सलवाद देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए एक गंभीर चुनौती है। इसके समाधान के लिए नक्सलवाद के मूल कारणों की पहचान करना और उन पर कार्य करना अत्यंत आवश्यक है। गुमराह व्यक्तियों के लिए पुनर्वास की उचित व्यवस्था की जानी चाहिए और भूमि सुधार कार्यक्रम लागू करने चाहिए। नक्सलियों को समाज की मुख्यधारा में शामिल करने के लिए सभी को मिलकर काम करना होगा। सरकार के साथ-साथ आम जनता का भी यह दायित्व है कि नक्सलवाद से निपटने में योगदान दें। -तेजपाल गुर्जर, श्रीमाधोपुर
नक्सली घटनाओं को पूरी तरह से रोकने के लिए सरकार को सख्त कदम उठाने होंगे। इसके साथ ही जनता को भी जागरूक होना होगा। नक्सली आतंकवादियों से कम नहीं हैं। नक्सलियों की गतिविधियों को तब तक नियंत्रित नहीं किया जा सकता, जब तक उनके विचारों में भारतीय राष्ट्रीयता का समावेश नहीं होगा। इसलिए नक्सली विचारों को खत्म करने के लिए कड़े कानून की आवश्यकता है।
-आजाद पूरण सिंह राजावत, जयपुर
नक्सल घटनाओं का प्रमुख कारण गरीबी, भुखमरी और बेरोजगारी है, जिनकी वजह से देश में सामाजिक और आर्थिक विषमता है। ग्लोबल हंगर रिपोर्ट 2024 के अनुसार, भारत 127 देशों में 105वें स्थान पर है, जो एक गंभीर चिंता का विषय है। इस समस्या से निपटने के लिए सरकार को गरीबी, भुखमरी और बेरोजगारी जैसे मसलों पर युद्ध स्तर पर काम करना होगा। जब तक यह मुद्दे हल नहीं होंगे, नक्सलवाद पर पूरी तरह नियंत्रण पाना संभव नहीं होगा।
-प्रकाश भगत, चांदपुरा
नक्सली घटनाओं को स्थायी रूप से रोकने के लिए सबसे पहले यह जरूरी है कि नक्सलियों को जो स्थानीय मदद मिल रही है, उस पर कठोर कदम उठाए जाएं। स्थानीय समर्थन को खत्म करने के बाद, नक्सलियों का प्रभाव कमजोर पड़ जाएगा। इसके बाद नक्सलवादियों के खात्मे में सफलता मिल सकती है।
-संध्या रामकृष्ण, इंदौर
नक्सली प्रभावित क्षेत्रों में मूलभूत सुविधाएं जैसे बिजली, पानी, शिक्षा और रोजगार के अवसरों को बढ़ाना चाहिए, ताकि आने वाली पीढ़ियां शिक्षित और सक्षम हो सकें। इससे रोजगार के अवसर उत्पन्न होंगे, और लोग नेता, अधिकारी और बिजनेसमैन बनकर भारतीय राजनीति और अर्थव्यवस्था में योगदान देंगे। इस प्रक्रिया से धीरे-धीरे नक्सलियों की संख्या में कमी आएगी और घटनाएं स्थायी रूप से समाप्त हो जाएंगी।
-गोविंद लुंकड़, मोकलसर
Published on:
08 Jan 2025 01:16 pm
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