शिक्षकों की नियुक्ति जरूरी
उच्च शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए सरकार को शिक्षकों की नियुक्ति पर खास ध्यान देना होगा। शिक्षा के क्षेत्र में शिक्षक की भूमिका महत्वपूर्ण है। ज्ञानवान योग्य शिक्षकों की नियुक्ति और सेवा बनाए रखना महत्वपूर्ण है। ऐसे शिक्षकों को छात्रों के लिए रोल मॉडल बनाने के रूप में पेश करने की आवश्यकता है। उच्च शिक्षण संस्थाओं में मूल्यांकन सुधार की भी आवश्यकता है।
-विजया शर्मा, कोटा
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उच्च शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए सरकार को शिक्षकों की नियुक्ति पर खास ध्यान देना होगा। शिक्षा के क्षेत्र में शिक्षक की भूमिका महत्वपूर्ण है। ज्ञानवान योग्य शिक्षकों की नियुक्ति और सेवा बनाए रखना महत्वपूर्ण है। ऐसे शिक्षकों को छात्रों के लिए रोल मॉडल बनाने के रूप में पेश करने की आवश्यकता है। उच्च शिक्षण संस्थाओं में मूल्यांकन सुधार की भी आवश्यकता है।
-विजया शर्मा, कोटा
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गुणवत्ता की समस्या
निश्चित रूप से उच्च शिक्षा की गुणवत्ता वर्तमान की प्रमुख समस्या है। गुणवत्ता मुख्यत: तीन स्तंभों पर आधारित है। बुनियादी ढांचा, कुशल फैकल्टी और नवाचार प्रक्रिया। इसके अलावा सरकारी स्तर पर भी उच्च शिक्षण संस्थाओं को समय-समय पर दिशा निर्देश देकर उनकी प्रभावी मॉनिटरिंग करनी चाहिए। ताकि युवा वर्ग को समय पर रोजगार और नौकरी के अवसर मिल सकें।
-किशन गोरचिया ,नागौर
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निश्चित रूप से उच्च शिक्षा की गुणवत्ता वर्तमान की प्रमुख समस्या है। गुणवत्ता मुख्यत: तीन स्तंभों पर आधारित है। बुनियादी ढांचा, कुशल फैकल्टी और नवाचार प्रक्रिया। इसके अलावा सरकारी स्तर पर भी उच्च शिक्षण संस्थाओं को समय-समय पर दिशा निर्देश देकर उनकी प्रभावी मॉनिटरिंग करनी चाहिए। ताकि युवा वर्ग को समय पर रोजगार और नौकरी के अवसर मिल सकें।
-किशन गोरचिया ,नागौर
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तकनीक का इस्तेमाल जरूरी
शिक्षा किसी भी राष्ट्र के विकास का मूलभूत आधार है। नई शिक्षा नीति और नई तकनीक से शिक्षा से उच्च शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ सकती है। ए.आइ. जैसी तकनीक इस क्षेत्र में काफी कारगर साबित होगी।
– चेतन जोशी , जोधपुर
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शिक्षा किसी भी राष्ट्र के विकास का मूलभूत आधार है। नई शिक्षा नीति और नई तकनीक से शिक्षा से उच्च शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ सकती है। ए.आइ. जैसी तकनीक इस क्षेत्र में काफी कारगर साबित होगी।
– चेतन जोशी , जोधपुर
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शिक्षा का अर्थ
वर्तमान दौर में शिक्षा को संकुचित अर्थ में सरकारी सेवाओं में जाने का साधन माना जा रहा है, जबकि शिक्षा का व्यापक अर्थ में मानव का सर्वांगीण विकास है।
-पी.सी. खंडेलवाल, सांभर लेक, जयपुर
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वर्तमान दौर में शिक्षा को संकुचित अर्थ में सरकारी सेवाओं में जाने का साधन माना जा रहा है, जबकि शिक्षा का व्यापक अर्थ में मानव का सर्वांगीण विकास है।
-पी.सी. खंडेलवाल, सांभर लेक, जयपुर
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सवालों के घेरे में उच्च शिक्षा
कभी नालंदा और तक्षशिला जैसे विश्वविद्यालयों के लिए चर्चित रहे भारत में आज उच्च शिक्षा की गुणवत्ता सवालों के घेरे में है। सरकार को उच्च शिक्षा की गुणवत्ता को लेकर काम करने की आवश्यकता है।
– हितेश चौहान, सिरोही
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कभी नालंदा और तक्षशिला जैसे विश्वविद्यालयों के लिए चर्चित रहे भारत में आज उच्च शिक्षा की गुणवत्ता सवालों के घेरे में है। सरकार को उच्च शिक्षा की गुणवत्ता को लेकर काम करने की आवश्यकता है।
– हितेश चौहान, सिरोही
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गांवों से शुरू हो सुधार
भारत गांवों का देश है। इसलिए सरकार को शिक्षा की गुणवत्ता के सुधार के लिए उनको गांवों से शुरुआत करनी चाहिए। सरकारी हो या प्राइवेट शिक्षक पूरी तरह प्रशिक्षित हो। वह विषय का ज्ञाता तो हो ही, छात्रों को विषय समझाने में भी निपुण हो। इसके अलावा पाठ्य सामग्री मुफ्त में उपलब्ध हो।
प्रवेश भूतड़ा, सूरत, गुजरात
भारत गांवों का देश है। इसलिए सरकार को शिक्षा की गुणवत्ता के सुधार के लिए उनको गांवों से शुरुआत करनी चाहिए। सरकारी हो या प्राइवेट शिक्षक पूरी तरह प्रशिक्षित हो। वह विषय का ज्ञाता तो हो ही, छात्रों को विषय समझाने में भी निपुण हो। इसके अलावा पाठ्य सामग्री मुफ्त में उपलब्ध हो।
प्रवेश भूतड़ा, सूरत, गुजरात