बाइडन के राष्ट्रपति बनने से अमरीका की नीतियों में कई क्रांतिकारी बदलाव आने की संभावना है। पूर्व राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप की तुलना में बाइडन की नीतियां स्थायित्व पर जोर देने वाली होंगी। सहयोगी देशों के साथ मधुर संबंध स्थापित करने के प्रयास किए जाएंगे। वैश्विक शांति और प्रगति के लिए एक दिशा निर्धारित की जाएगी। अमरीका कोरोना और आत्म-सुरक्षा के मुद्दों को विशेष महत्व देकर दुनिया को नया संदेश देने के लिए फार्मेसी सेक्टर को मजबूती देने की पहल भी कर सकता है। आर्थिक नीतियों को सुदृढ़ करते हुए सशक्त देश बनाने पर कार्य किया जाएगा। साथ ही चीन सहित अन्य अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर अमरीका अब कड़ा रुख अपनाएगा।
-भगवान प्रसाद गौड़, उदयपुर
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अमरीका के राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेने के बाद बाइडन ने कई महत्त्वपूर्ण फैसले लिए हैं। सौ दिन तक मास्क पहनना जरूरी किया गया है। पेरिस जलवायु समझौते की वापसी हो रही है और मुस्लिमों देशों पर प्रतिबंध खत्म किया जा रहा है। साथ ही संघीय एजेंसियों को नस्लीय व लैंगिक समानता को प्राथमिकता देने के लिए नीतियों की समीक्षा का फैसला किया गया है। ये फैसले इस बात की ओर इशारा करते हैं कि वे अमरीका की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए सबको साथ लेकर चलना चाहते हैं। साथ ही पर्यावरण के बिगड़ते संतुलन के प्रति भी वे गंभीर हैं। वे अब अमरीका की स्थिति को हर तरह से बेहतर व संतुलित रखने के लिए कोई कोताही बरतना नहीं चाहते हैं।
-गजानन पाण्डेय, हैदराबाद
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अमरीकी के नए राष्ट्रपति जो बाइडन ईमानदार छवि के लिए जाने जाते हैं। वे एक अच्छे वक्ता नहीं हंै। फिर भी उम्र और अनुभव के साथ ईमानदारी पूर्वक धीरे-धीरे कार्य करते हुए अमरीकियों के मन को जीतने में सफल होंगे। बाइडन के नेतृत्व में अमरीका हर क्षेत्र में आगे बढ़ाता हुआ नजर आएगा।
-कन्हैयालाल रावल, बागीदौरा बांसवाड़ा
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बाइडेन राष्ट्रपति बनने के बाद अमरीका की नीतियों में बदलाव करते हुए नजर आ रहे हैं। अमरीका को सबसे आगे ले जाने के लिए विभाजनकारी नीतियों के स्थान पर अन्य देशों के साथ संतुलन कायम करने की दिशा में काम करने के संकेत मिले हैं।
-चारू शर्मा, अलवर
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वसुधैव कुटुंबकम् की भावना को मजबूती
अमरीका के राष्ट्रपति जो बाइडन द्वारा शपथ लेने के पश्चात अमरीका सहित पूरी दुनिया में नए बदलाव के साथ वसुधैव कुटुंबकम् की भावना को मजबूती मिलने की उम्मीद की जाती है। नस्लीय समानता पर जोर, पेरिस समझौते के प्रति गंभीरता एवं फिर से डब्ल्यूएचओ से जुडऩे की मंशा महत्त्वपूर्ण है। इनका सकारात्मक असर हुआ है। सेंसेक्स का रिकॉर्ड उछाल इसका उदाहरण है।
-श्याम पुरी गोस्वामी, पाली
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भारत को आशा
अमरीका के राष्ट्रपति जो बाइडन से उम्मीद है कि वेजरूरत पडऩे पर भारत के साथ खड़े होंगे। उम्मीद है कि बाइडन हमारे देश के प्रति दोगली नीतियों से परहेज करेंगे।
-राजेश कुमार चौहान, जालंधर
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अमरीका के राष्ट्रपति जो बाइडन जनमत तथा जनहित को ध्यान में रखते हुए लोकतंत्र की नींव मजबूत करने को प्राथमिकता देंगे, जो पिछले कुछ वर्षों से कमजोर हो गई थी। आशा है वे नस्लीय भेदभाव को खत्म करने की दिशा में तेजी से काम करेंगे।
-एकता शर्मा, गरियाबंदए, छत्तीसगढ़
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बाइडन के राष्ट्रपति बनने से अमरीका की नीतियों में काफी बदलाव आएगा। ट्रंप ने अमरीका को डब्ल्यूएचओ से बाहर आने की घोषणा की थी, लेकिन बाइडन ने फिर से अमेरिका को डब्ल्यूएचओ से जोड़ने का फैसला किया है। ट्रंप ने कुछ मुस्लिम देशों के नागरिकों की यात्रा पर प्रतिबंध लगाया था, लेकिन बाइडन ने इस प्रतिबंध को हटाने की घोषणा कर दी है।
-जितेन्द्र जैन, डूंगरपुर
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बाइडन के राष्ट्रपति बनने से अमरीका की नीतियों में पहले की तुलना में बहुत ज्यादा बदलाव आएगा। अब अमरीका में प्रत्येक व्यक्ति की आवाज सुनी जाएगी और धर्म-नस्ल की विभाजनकारी नीतियों को खारिज कर अमरीका अपना एकजुट चेहरा विश्व के सामने पेश करेगा
-किशन लाल सुथार, फलोदी, जोधपुर
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राष्ट्रपति बाइडन अमरीका को सही दिशा में ले जाएंगे। लैंगिक व नस्लीय भेदभाव न करने और कोविड बचाव के लिए मास्क लगाना जरूरी करके उन्होंने अपनी प्राथमिकताओं का संकेत दे दिया है। कुछ मुस्लिम देशों के नागरिकों की यात्रा पर से प्रतिबंध हटाने और फिर से डब्ल्यूएचओ से जुडऩे की बात कहकर बाइडन ने साफ कर दिया है कि उनका दृष्टिकोण बहुत व्यापक है।
-नेहा बिल्लौरे, होशंगाबाद
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अमरीका की नीतियों से सकारात्मक बदलाव की उम्मीद है। जो बाइडन ने सत्ता सम्भलते ही जो फैसले लिए हैं, उनसे भी यह संकेत निकलते हैं। डब्ल्यूएचओ में वापसी, पेरिस समझौते मे पुन: शामिल होना, नस्लीय समानता पर जोर, 100 दिन मास्क अनिवार्य करने और आम लोगों को कोरोना आर्थिक मदद की घोषणा करके बाइडन ने अपने इरादे जता दिए हैं।
-पूनम सुरेन्द्र कुमार, झुंझुनूं