scriptसीडीसी से संबंधित भूल वाइट हाउस को जल्द सुधारनी होगी | White House will soon have to rectify the mistakes related to CDC | Patrika News

सीडीसी से संबंधित भूल वाइट हाउस को जल्द सुधारनी होगी

locationनई दिल्लीPublished: May 18, 2021 11:03:35 am

बाइडन प्रशासन को स्वीकारना चाहिए कि सीडीसी के दिशा-निर्देश सभी निहितार्थों और अनपेक्षित परिणामों पर विचार किए बिना जारी किए गए थे।किसी एक वैज्ञानिक संस्थान पर नहीं छोड़े जा सकते नीतिगत फैसले ।

सीडीसी से संबंधित भूल वाइट हाउस को जल्द सुधारनी होगी

सीडीसी से संबंधित भूल वाइट हाउस को जल्द सुधारनी होगी

लीना एस. वेन, (फिजिशियन व स्तम्भकार)

अमरीका के रोग नियंत्रण एवं रोकथाम केंद्र (सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन-सीडीसी) की ओर से अचानक की गई घोषणा, कि जिन लोगों ने कोविडरोधी वैक्सीन की दोनों खुराकें ले ली हैं, उन्हें मास्क पहनने की जरूरत नहीं है, के चलते महामारी पर नियंत्रण की दिशा में अब तक हुई प्रगति को बड़ा धक्का पहुंचेगा। इस घोषणा से गवर्नर्स और मेयर्स आश्चर्यचकित रह गए और पूरे देश में पाबंदियों में आनन-फानन में फेरबदल की हड़बड़ी देखी गई। कई लोगों ने खुशी-खुशी अपने मास्क उतार दिए और महामारी के खत्म होने का जश्न मनाया तो दूसरी ओर लोग चिंतित भी थे कि अभी तक देश में सिर्फ 37% ही टीकाकरण हुआ है और यह ढील समय-पूर्व है तथा इससे संक्रमण फिर बढ़ सकता है।

ऐसी ही गतिविधि या घटना यदि पूर्व राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के काल में हुई होती तो निश्चित रूप से प्रशासन को समन्वय की कमी और व्यापक भ्रम के लिए दोषी ठहराया जाता। राष्ट्रपति बाइडन की टीम ने महामारी के कई पहलुओं पर उत्कृष्टता का प्रदर्शन किया लेकिन यह एक बड़ी गलती है। राष्ट्रपति बाइडन को इस गलती को तत्काल ठीक करने की जरूरत है। सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण तो यह है कि बाइडन को मानना चाहिए कि इस स्तर की जिम्मेदारी सीडीसी को सौंपना गलती थी। यह देखने के बाद कि ट्रंप बार-बार इस संस्था को दरकिनार करते रहे, संभवत: राजनीतिक कारणों से, मालूम होता है कि बाइडन प्रशासन ने जानबूझकर सीडीसी की भूमिका को प्रमुखता दी। लेकिन वैज्ञानिकों की बात सुनने और नीति-निर्धारण का जिम्मा किसी एक वैज्ञानिक संगठन को सौंप देने में बड़ा अंतर है। ट्रंप समर्थक दोहरे मानदंड की शिकायत कर सकते हैं, लेकिन इस मामले में दखल को राजनीतिक नहीं, बल्कि जनता के हित में ही समझना चाहिए। बाइडन को स्पष्ट करना चाहिए कि सीडीसी ने जो किया उसके क्या मायने हैं।

दरअसल, सीडीसी एक वैज्ञानिक एजेंसी है जो अनुसंधान की व्याख्या करती है और साक्ष्य-आधारित मार्गदर्शन करती है। इस मामले में, सीडीसी के लिए यह कहना उचित था कि सभी डेटा की समीक्षा के बाद वह आश्वस्त है कि पूरी तरह वैक्सीन लगवा चुके लोगों के संक्रमण फैलाने का जोखिम बहुत कम है। लेकिन इस तथ्य से हटकर की गई यह घोषणा बहुत अलग है कि वैक्सीनेशन करा चुके लोग अपना मास्क उतार सकते हैं। इससे तो वैक्सीनेशन के सत्यापन के बिना ही मास्क की अनिवार्यता खत्म हो जाएगी। यह वैज्ञानिक मार्गदर्शन नहीं, बल्कि बड़ा नीतिगत फैसला है जिससे महामारी पर अमरीकी प्रतिक्रिया का रुख बदल सकता है।

यह विस्मयकारक रणनीतिक और नीतिगत गलती थी। इसके दूरगामी नतीजे भुगतने होंगे, जब तक कि सीडीसी की इस गड़बड़ी को वाइट हाउस नहीं सुधारता। शुरुआती तौर पर, प्रशासन को स्पष्ट करना चाहिए कि टीकाकरण करा चुके लोगों में आमतौर पर खतरा कम रहता है जबकि गैर-टीकाकरण वाले लोगों में अभी भी जोखिम ज्यादा है। ऐसे में इनडोर मास्क की अनिवार्यता अभी बनी रहनी चाहिए। साथ ही प्रशासन को क्षेत्रवार यह भी तय करना चाहिए कि कब मास्क की अनिवार्यता वापस ली जा सकती है, उदाहरण के लिए जब किसी समुदाय की 70% आबादी को टीका लग जाए।

बाइडन प्रशासन को स्वीकार करना चाहिए कि सीडीसी के दिशा-निर्देश समयपूर्व और सभी निहितार्थों और अनपेक्षित परिणामों पर विचार किए बिना जारी कर दिए गए थे। प्रशासन को सीडीसी वैज्ञानिकों को भी प्रोत्साहित करना चाहिए कि वे उन बातों पर ध्यान दें जिनमें वाकई वे अच्छे हैं। मास्क हटाने का फैसला राष्टपति को खुद आदेशित करना चाहिए था। बाइडन को गलती सुधारनी चाहिए। यदि वह ऐसा नहीं करते हैं तो मौजूदा भ्रम अमरीकियों के स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकता है, महामारी को लम्बा खींच सकता है।
द वाशिंगटन पोस्ट

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