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आपकी बात, मेडिकल ऑक्सीजन की कमी के लिए जिम्मेदार कौन है?

Published: Apr 22, 2021 08:02:18 pm

Submitted by:

Gyan Chand Patni

पत्रिकायन में सवाल पूछा गया था। पाठकों की मिलीजुली प्रतिक्रियाएं आईं, पेश हैं चुनिंदा प्रतिक्रियाएं।

आपकी बात, मेडिकल ऑक्सीजन की कमी के लिए जिम्मेदार कौन है?

आपकी बात, मेडिकल ऑक्सीजन की कमी के लिए जिम्मेदार कौन है?

निगरानी तंत्र की विफलता
मेडिकल ऑक्सीजन और इंजेक्शन आदि की कमी निगरानी तंत्र के विफल होने से हुई है। निगरानी तंत्र का राजनीतिकरण हो जाने से निष्पक्षता समाप्त हो गई है एवं आवंटन में गड़बड़ी राजनीतिक प्रतिबद्धता के आधार पर की जा रही है। ऑक्सीजन हो या इंजेक्शन या वैक्सीन सरकार ने निर्यात की अनुमति प्रदान की, यह भी देश में कमी का बड़ा कारण रहा है। संक्रमण के फैलाव की मात्रा का पूर्वानुमान समय पर नहीं किए जाने से और समय रहते नियंत्रण के उपाय सख्ती से लागू नहीं किए जाने से भी गंभीर मरीजों की संख्या में विस्फोटक वृद्धि हुई। इसकी वजह से जीवन रक्षा हेतु ऑक्सीजन आदि की आवश्यकता भी अनुमान से अधिक होने लगी है। निष्पक्ष आवंटन एवं प्रभावी निगरानी तंत्र सेे ही कमी पर काबू पाया जा सकता है।
-गिरीश कुमार जैन , इंदौर
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केंद्र सरकार की जिम्मेदारी
एक साल पूर्व भारत में ऑक्सीजन की उपलब्धता शायद किसी महामारी से लडऩे के लिए पर्याप्त ना हो, लेकिन डब्ल्यूएचओ की चेतावनी और स्थिति की गंभीरता को जानने के एक साल बाद भी स्थित वही है, तो इसके लिए केंद्र सरकार ही जिम्मेदार है। भारत ऑक्सीजन का बड़ा उत्पादक देश है, लेकिन ऑक्सीजन का एक बड़ा हिस्सा निर्यात किया गया और देश आज ऑक्सीजन की कमी से जूझ रहा है। ऑक्सीजन उत्पादन व वितरण केंद्र सरकार का विषय है, जिसके लिए राज्य सरकारों को दोषी नहीं ठहराया जा सकता।
-शिवा सारस्वत, बनस्थली, टोंक
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दूरदृष्टि की कमी
मेडिकल ऑक्सीजन की कमी के लिए सरकारें और नौकरशाह जिम्मेदार हैं। पहली लहर के बाद इतना समय मिला था कि बुरी से बुरी स्थिति के लिए प्रबंध किए जा सकते थे। सरकार की लापरवाही और दूरदृष्टि की कमी के कारण ही इतनी जानें जा रही हैं।
-वीरेन्द्र मीणा , कोटा
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सामंजस्य की कमी
ऑक्सीजन ही नहीं, अन्य सभी चिकित्सीय स्टाफ व संसाधनों की पूरी जवाबदारी अस्पतालों और स्वास्थ्य विभाग की है। सरकार को आपदा के समय संसाधन जुटाने पर ध्यान देना चाहिए था। सामंजस्य की कमी के कारण ऑक्सीजन व अन्य संसाधनों की कमी हो गई।
-देवेंद्र नेनावा, इंदौर, मप्र
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दोषियों के खिलाफ करें कार्रवाई
देश में ऑक्सीजन उत्पादक प्लांटों की संख्या सरकारी आंकड़ों के अनुसार पर्याप्त मात्रा में है और जरूरत के अनुसार इसमें इजाफा भी किया जा सकता है, लेकिन कोरोना की दूसरी लहर में ऑक्सीजन सिलेंडर की मांग बढऩे के साथ-साथ कालाबाजारी भी बढ़ गईं है, जिससे समय पर इसकी आपूर्ति नहीं हो पा रही है। दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।
-जीबीडी रामजीवन, जालबेरी, बाड़मेर
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सरकारी तंत्र की लापरवाही
कोरोना की दूसरी लहर में हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं और चिकित्सा तंत्र लाचार नजर आ रहा है। प्राण बचाने वाली ऑक्सीजन की कमी के कारण मरीज चिकित्सकों के सामने दम तोड़ रहे हैं। सरकार ने ऑक्सीजन का उचित प्रबंधन नहीं किया। इसीलिए दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को फटकार भी लगाई है। अब भी समय है कि सरकार ऑक्सीजन के उत्पादन को बढ़ाने पर ध्यान दे।
– पंकज कुमावत, जयपुर
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बढ़ गई ऑक्सीजन की मांग
वर्तमान में ऑक्सीजन की मांग अधिक है, लेकिन ऑक्सीजन को स्टोर करने और परिवहन के लिए पर्याप्त सिलेंडर और टैंकर नहीं हंै। महामारी के हालात में ऑक्सीजन को एक राज्य से दूसरे राज्य में ले जाया जा रहा है। ऑक्सीजन मरीज तक तय समय में नहीं पहुंच पा रही है।
-संजय दास, रायगढ़, छत्तीसगढ़
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खुल गई पोल
सरकारों ने मेडिकल ऑक्सीजन की उपलब्धता पर ध्यान नहीं दिया। अस्पतालों मे ऑक्सीजन की कमी और गैस रिसाव की वजह से मरीजों की जान जाने की खबरें आई हैं। पूरे देश मे मेडिकल ऑक्सीजन की कमी के संकट ने व्यवस्था में फैली विसंगतियों, कमियों और अनियमितताओं को उजागर कर दिया है। स्वास्थ्य संबंधी व्यवस्थाओं में तीव्र गति से सुधार करके ही कोरोना महामारी से लड़ा जा सकता है।
-नरेश कानूनगो, गुंजुर, बेंगलूरु, कर्नाटक
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तालमेल की कमी
कोरोना की वजह से पूरे देश मे दहशत है। मेडिकल ऑक्सीजन की कमी हो गई है। सबसे मूल समस्या है देश की घनी आबादी। केंद्र सरकार व राज्य सरकारों में भी आपसी तालमेल व सद्भावना की कमी है। सबसे मुख्य बात यह है कि समाज में नैतिक व जीवन मूल्यों के प्रति आस्था कम हो गई है। हमारा समाज संवेदनहीन होता जा रहा है। बस एक मात्र लक्ष्य धन कमाना है। इसके लिए ऑक्सीजन और दवाइयों की कालाबाजारी हो रही है।
-लता अग्रवाल, चित्तौडग़ढ़
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अधिकारी भी जिम्मेदार
मेडिकल ऑक्सीजन की कमी के लिए शासन चलाने वाले राजनेताओं के साथ चिकित्सा विभाग के वरिष्ठ अधिकारी भी जिम्मेदार हैं, जो सरकार के सामने सही स्थिति नहीं रख सके। पद की बजाय अपने कर्तव्य की जिम्मेदारी निभाना, जिस दिन हमारे उच्च अधिकारी समझ जाएंगे समस्या या तो आएगी ही नहीं और यदि आ भी गई तो जल्द खत्म हो जाएगी। अधिकारियों को पार्टी या नेता से ज्यादा जनता के प्रति जवाबदेह होना चाहिए।
-कन्हैया लाल कुम्भकार, जीरापुर, राजगढ़, मप्र
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एकजुटता का वक्त
शासन व प्रशासन की लापरवाही के कारण पैदा हुई ऑक्सीजन की कमी के कारण मरीज अस्पतालों में दम तोड़ रहे हंै। खैर, अभी जिस गंभीर स्थिति से गुजर रहे हैं, वहां एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप करने की बजाय सबको एकजुट होकर काम करने की आवश्यकता है।
-रूपचंद कुलदीप, जयपुर
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