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आपकी बात: किसानों को खाद-बीज जैसी सामग्री भी समय पर क्यों नहीं मिल पाती?

पत्रिकायन में सवाल पूछा गया था। पाठकों की मिलीजुली प्रतिक्रियाएं आईं, पेश हैं चुनिंदा प्रतिक्रियाएं।

May 28, 2023 / 06:04 pm

Patrika Desk

आपकी बात: किसानों को खाद-बीज जैसी सामग्री भी समय पर क्यों नहीं मिल पाती?

सरकारी तंत्र की लापरवाही ही है वजह

सरकारी तंत्र की लापरवाही किसानों को खाद-बीज जैसी सामग्री भी समय पर न मिलने की वजह है। इस कारण किसान को बुवाई करने में देरी भी हो जाती है। कई बार तो सही समय पर सही फसल नहीं मिल पाती है। इसका हर्जाना किसानों को भुगतना पड़ता है। यदि सरकार द्वारा कड़े नियम-कानून के साथ किसानों को खाद-बीज की सामग्री सरकारी विभागों से सही समय पर उपलब्ध कराई जाए तो किसानों को न तो खेती करने में दिक्कत आएगी और न ही अपनी फसल को सही समय पर काटकर सही समय पर बाजार में पहुंचाने में। ऐसा होगा तो किसान सही मूल्य पा सकेंगे और लाभ अर्जित कर सकेंगे।

-सुरेंद्र बिंदल अग्रवंशी, मॉडल टाउन, जयपुर
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किसानों की शक्ल में दलाल भी हैं सक्रिय

सरकारों की लचर व्यवस्था, कालाबाजारी, ग्रामीण क्षेत्रों में ग्रामसेवक का नहीं रहना, किसानों का दूर-दराज क्षेत्रों में रहना, दलाल प्रथा व झूठे किसान बन कर माफियाओं द्वारा इसका पहले फायदा लेकर किसानों की पहुंच से सामग्री को दूर करना मुख्य कारण हैं।

– जसवंतसिंह राठौड़, बैठवास, जोधपुर
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जो बन रहे रुकावट उन पर हो कार्रवाई

किसानों को समय पर खाद-बीज न मिलने के मूल कारण कालाबाजारी, स्थानीय प्रशासन की लापरवाही और बदइंतजामी हैं। बेहतर हो कि किसानों को समय पर कृषि संबंधित समाग्री प्राप्त हो सके। कालाबाजारी के लिए जिम्मेदार अधिकारियों ओर विक्रेताओं पर समुचित कार्रवाई भी होती रहनी चाहिए।

– हरिप्रसाद चौरसिया, देवास, मध्यप्रदेश
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कृषि क्षेत्र के लिए कमजोर प्रबंधन जिम्मेदार

किसानों को खाद-बीज जैसी जरूरी सामग्री समय पर इसलिए नहीं मिल पाती क्योंकि सरकार का कृषि के क्षेत्र में कमजोर प्रबंधन है। वह कृषि क्षेत्र को दोयम दर्जे का समझती है एवं देश की सशक्त कृषि व्यवस्था के लिए सरकार की कोई ठोस रणनीति अब तक नहीं बन पाई है।

– सतीश उपाध्याय, मनेंद्रगढ़, छत्तीसगढ़
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कालाबाजारी करने वालों को हो आजीवन कारावास

सरकार का गम्भीर न होना ही किसानों को खाद-बीज जैसी सामग्री भी समय पर न मिलने की वजह है। खाद-बीज जैसी सामग्री उपलब्ध नहीं होने का एक कारण इसकी कालाबाजारी भी है, बड़े व्यापारी खाद-बीज को महंगे दामों पर बिचौलियों को उपलब्ध कराते हैं फिर बिचौलियों से किसानों को खाद-बीज उपलब्ध होता भी है तो महंगे दामों पर। सभी जिलों में किसानों को खाद-बीज समय पर उपलब्ध हो, इसके लिए हर खाद-बीज केंद्र पर इसके लिए पर्याप्त स्टॉक उपलब्ध कराया जाना चाहिए और खाद-बीज की कालाबाजारी रोकने के लिए केंद्रों पर सीसीटीवी कैमरों से निगरानी की जानी चाहिए। नियमित रूप से केंद्रों पर औचक निरीक्षण किया जाना चाहिए और किसानों को कितना खाद-बीज उपलब्ध कराया गया इसके लिए पोर्टल लांच किया जाना चाहिए। इसमें एंट्री होनी चाहिए और उच्च अधिकारियों द्वारा इसकी नियमित रूप से मॉनिटरिंग की जानी चाहिए। खाद-बीज की कालाबाजारी करने वालों पर जुर्माने के साथ आजीवन कारावास की सजा का न केवल प्रावधान किया जाए, बल्कि अपराधियों को सजा मिले यह भी सुनिश्चित किया जाए।

-आलोक वालिम्बे, बिलासपुर, छत्तीसगढ़
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लाइसेंस किए जाएं रद्द

किसानों को खाद-बीज समय पर न मिलने के कारणों में सहकारी समितियों में समय पर पर्याप्त मात्रा में इनका उपलब्ध नहीं होना है। इसका फायदा उठाने के लिए निजी खाद-बीज विक्रेता किसानों की मजबूरी को देख कर कालाबाजारी करते हैं और बेहिसाब मुनाफा कमाते हैं। सहकारी समितियों की व्यवस्था सुचारू रूप से चले, इसके लिए सरकार को ठोस कदम उठाने होगें। दूसरी बात, जो भी विक्रेता इन चीजों की कालाबाजारी करते हैं, उनके लाइसेंस बिना देरी किए रद्द कर दिए जाने चाहिए।

– निर्मला देवी वशिष्ठ, राजगढ़, अलवर

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