सरकारी राजस्व पर नकारात्मक प्रभाव
अगर सरकार पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में ले आती है, तो सरकारी राजस्व कम हो जाएगा। अगर पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के सबसे ऊंचे स्लैब में भी रखते हैं, तब भी इन पर लगने वाला टैक्स, मौजूदा टैक्स से कम रहेगा। जीएसटी का उच्चतम स्लैब 28 फीसदी है। ऐसे में अगर सरकार पेट्रोल और डीजल को 28 फीसदी जीएसटी वाले दायरे में रखती है, तब भी उसका राजस्व अभी के मुकाबले काफी ज्यादा घट जाएगा।
-अजिता शर्मा, उदयपुर
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अगर सरकार पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में ले आती है, तो सरकारी राजस्व कम हो जाएगा। अगर पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के सबसे ऊंचे स्लैब में भी रखते हैं, तब भी इन पर लगने वाला टैक्स, मौजूदा टैक्स से कम रहेगा। जीएसटी का उच्चतम स्लैब 28 फीसदी है। ऐसे में अगर सरकार पेट्रोल और डीजल को 28 फीसदी जीएसटी वाले दायरे में रखती है, तब भी उसका राजस्व अभी के मुकाबले काफी ज्यादा घट जाएगा।
-अजिता शर्मा, उदयपुर
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राजस्व में कमी
पेट्रोल-डीजल फिलहाल जीएसटी के दायरे से बाहर हैं। किसी भी वस्तु पर जीएसटी लगाने के पूर्व केन्द्र और राज्य सरकारों द्वारा उस पर लगने वाले टैक्स को देखा जाता था जिस पर कोई नुकसान नहीं होना चाहिए। यही रेवेन्यू न्यूट्रल रेट जीएसटी की राह मे बाधक है। जीएसटी लागू होने से, निश्चित तौर पर इन ईधनों के दामों मे होने वाली कमी के चलते राज्यों के राजस्व मे भारी कमी आने के आसार हैं।
-नरेश कानूनगो, देवास, मध्यप्रदेश.
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पेट्रोल-डीजल फिलहाल जीएसटी के दायरे से बाहर हैं। किसी भी वस्तु पर जीएसटी लगाने के पूर्व केन्द्र और राज्य सरकारों द्वारा उस पर लगने वाले टैक्स को देखा जाता था जिस पर कोई नुकसान नहीं होना चाहिए। यही रेवेन्यू न्यूट्रल रेट जीएसटी की राह मे बाधक है। जीएसटी लागू होने से, निश्चित तौर पर इन ईधनों के दामों मे होने वाली कमी के चलते राज्यों के राजस्व मे भारी कमी आने के आसार हैं।
-नरेश कानूनगो, देवास, मध्यप्रदेश.
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भर रहा है सरकार का खजाना
पेट्रोल डीजल से सरकार को अच्छा राजस्व मिल रहा है। यह जीएसटी के सबसे बड़े टैक्स स्लेब 28त्न से भी ज्यादा है। इसीलिए सरकार पेट्रोलियम पदार्थों को जीएसटी में नहीं ला रही है ।।
-संजय डागा हातोद
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पेट्रोल डीजल से सरकार को अच्छा राजस्व मिल रहा है। यह जीएसटी के सबसे बड़े टैक्स स्लेब 28त्न से भी ज्यादा है। इसीलिए सरकार पेट्रोलियम पदार्थों को जीएसटी में नहीं ला रही है ।।
-संजय डागा हातोद
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राज्य नहीं राजी
पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे से बाहर रखने के पीछे राजनीति जिम्मेदार है। जीएसटी पर विचार के लिए बनी समिति में इस विषय पर बहुमत नहीं मिल पाता, क्योंकि राज्य अपना हिस्सा काम करने को राजी नहीं होते।
- शैलेंद्र कपूर, अलवर
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पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे से बाहर रखने के पीछे राजनीति जिम्मेदार है। जीएसटी पर विचार के लिए बनी समिति में इस विषय पर बहुमत नहीं मिल पाता, क्योंकि राज्य अपना हिस्सा काम करने को राजी नहीं होते।
- शैलेंद्र कपूर, अलवर
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राज्यों को ज्यादा नुकसान
यदि पेट्रोल-डीजल पर जीएसटी लागू कर दिया गया, तो इसकी सबसे बड़ी हानि राज्य सरकारों को होगी। राज्य सरकारों के विरोध के चलते पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में नहीं लिया जा रहा।
-वन्दना दीक्षित, बूंदी, राजस्थान
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यदि पेट्रोल-डीजल पर जीएसटी लागू कर दिया गया, तो इसकी सबसे बड़ी हानि राज्य सरकारों को होगी। राज्य सरकारों के विरोध के चलते पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में नहीं लिया जा रहा।
-वन्दना दीक्षित, बूंदी, राजस्थान
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टैक्स कम नहीं करना चाहती सरकार
हाल ही हुई जीएसटी काउंसलिंग की बैठक में राज्य सरकारें पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने के लिए सहमत नहीं हुई। केंद्र व राज्य सरकारें पेट्रोलियम पदार्थों पर मिलने वाले टैक्स पर किसी भी तरह की कटौती करने के मूड में नहीं हैं। इसलिए पेट्रोल व डीजल को जीएसटी में शामिल नहीं किया जा सका।
-शिवजी लाल मीना, जयपुर
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हाल ही हुई जीएसटी काउंसलिंग की बैठक में राज्य सरकारें पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने के लिए सहमत नहीं हुई। केंद्र व राज्य सरकारें पेट्रोलियम पदार्थों पर मिलने वाले टैक्स पर किसी भी तरह की कटौती करने के मूड में नहीं हैं। इसलिए पेट्रोल व डीजल को जीएसटी में शामिल नहीं किया जा सका।
-शिवजी लाल मीना, जयपुर
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सरकारों को होगा भारी नुकसान
पेट्रोल ओर डीजल को जीएसटी के दायरे मे लाने से केंद्र ओर राज्य दोनों सरकारों को, जो तगड़ा मुनाफा हो रहा है, उसका भारी नुकसान होगा। जीएसटी आने के बाद राज्यों के पास टैक्स उगाही के संसाधन सीमित रह गए हैं। शराब और पेट्रोल-डीजल ही अब राज्यों की कमाई के मुख्य जरिए हैं। साथ ही साथ इनपुट टैक्स क्रेडिट का पेंच भी इसीमे शामिल है।
नरेंद्र रलिया, भोपालगढ़, जोधपुर
पेट्रोल ओर डीजल को जीएसटी के दायरे मे लाने से केंद्र ओर राज्य दोनों सरकारों को, जो तगड़ा मुनाफा हो रहा है, उसका भारी नुकसान होगा। जीएसटी आने के बाद राज्यों के पास टैक्स उगाही के संसाधन सीमित रह गए हैं। शराब और पेट्रोल-डीजल ही अब राज्यों की कमाई के मुख्य जरिए हैं। साथ ही साथ इनपुट टैक्स क्रेडिट का पेंच भी इसीमे शामिल है।
नरेंद्र रलिया, भोपालगढ़, जोधपुर