script

आपकी बात, यूपी में जनसंख्या नियंत्रण बिल पर सवाल क्यों उठ रहे हैं?

Published: Jul 14, 2021 07:46:03 pm

Submitted by:

Gyan Chand Patni

पत्रिकायन में सवाल पूछा गया था। पाठकों की मिलीजुली प्रतिक्रियाएं आईं, पेश हैं चुनिंदा प्रतिक्रियाएं।

आपकी बात, यूपी में जनसंख्या नियंत्रण बिल पर सवाल क्यों उठ रहे हैं?

आपकी बात, यूपी में जनसंख्या नियंत्रण बिल पर सवाल क्यों उठ रहे हैं?

एक और चुनावी एजेंडा?
यूपी में जनसंख्या नियंत्रण के लिए लाए जा रहे बिल पर इसलिए सवाल उठ रहे हैं, क्योंकि लोगों को इसमें गंभीरता कम व चुनावी स्वार्थ ज्यादा नजर आ रहा है। सवाल यह भी है कि आखिर योगी आदित्यनाथ को विधानसभा चुनाव से पहले ही ये सब करने की क्या जरूरत आ पड़ी? बेशक जनसंख्या वृद्धि समाज और देश की समृद्धि के लिए नुकसानदेह है, मगर आबादी में इजाफे को आपराधिक शक्ल देने से भला क्या हासिल होगा? ये एक और चुनावी एजेंडा से ज्यादा और कुछ नहीं लगता ।
– प्रिया राजावत, जयपुर
………………………..
केवल कानून काफी नहीं
उत्तर प्रदेश में जनसंख्या नियंत्रण की मसौदा नीति आते ही देश में जनसंख्या विस्फोट का मुद्दा फिर से चर्चा के केंद्र में आ गया है। विश्व जनसंख्या दिवस पर आए इस ड्राफ्ट बिल पर देश में तरह-तरह की बहस छिड़ी हुई है। इनमें बढ़ती जनसंख्या के दुष्प्रभावों, जनसंख्या को नियंत्रित करने के नकारात्मक प्रभावों, जनसंख्या नियंत्रण के लिहाज से कानून की उपयोगिता और इस पर राष्ट्रीय कानून की जरूरत जैसे मुद्दे शामिल हैं। क्या मात्र कानून बना देने से जनसंख्या नियंत्रण संभव है? इसके लिए महिलाओं का शैक्षिक स्तर और जागरूकता बढ़ाने की कोशिश करनी पड़ेगी।
-डॉ.अजिता शर्मा, उदयपुर
………………………………
राष्ट्रीय स्तर पर बने नीति
यूपी में जनसंख्या नियंत्रण बिल पर इसलिए सवाल उठ रहे हैं कि यह समस्या प्रादेशिक स्तर की नही है, बल्कि यह देशव्यापी समस्या है। इसलिए इसकी राष्ट्रीय स्तर पर नीति बननी चाहिए। वास्तव मे आज हमारे देश में जनसंख्या एक बहुत बडी़ समस्या है। किसी भी देश के विकास में वहां की अधिक जनसंख्या बहुत बड़ी बाधा होती है। जनसंख्या नियंत्रण के लिए राष्ट्रीय स्तर पर नीति बने, न कि प्रादेशिक स्तर पर।
-महेश सक्सेना, भोपाल, मप्र.
………………………
जनसंख्या नियंत्रण कानून जरूरी
भारत में तेजी से बढ़ती हुई जनसंख्या के कारण आर्थिक-सामाजिक चुनौतियां लगातार भयावह रूप लेती जा रही हैं। जनसंख्या विस्फोट के कारण चिकित्सा, शिक्षा जैसी मूलभूत सुविधाएं भी जनता को उपलब्ध करवाने में मुश्किल हो रही है। भारत में जनसंख्या विस्फोट को रोकने के साथ ही जनसांख्यिकीय लाभांश के दोहन पर भी ध्यान देने की आवश्यकता है, क्योंकि अनेक विकसित देश इसी अव्यवस्था के शिकार हो गए हैं। युवाओं की संख्या घटने का देश की प्रगति पर विपरीत असर पड़ता है। इसलिए ठोस जनसंख्या नियंत्रण कानून का निर्माण करना समय की मांग है।
-कनिष्क माथुर, जयपुर
…………………………..
सरकार की नीयत पर शक
यूपी में जनसंख्या नियंत्रण बिल पर अनगिनत सवाल उठाए जा रहे हैं। इसकी टाइमिंग की वजह से सरकार की नीयत पर शक किया जा रहा है। लोगों की इसमें सत्ताधारी दल का चुनावी स्वार्थ ज्यादा लग रहा है।
-सरिता प्रसाद, पटना, बिहार
………………………….
बढ़ रही है जनसंख्या
कई वर्षों से भारत सरकार जनसंख्या नियंत्रण के लिए अनेक कार्यक्रम चला रही है। इसके बावजूद भी भारत की जनसंख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है, जिससे गरीबी और बेरोजगारी जैसी समस्याएं बढ़ती जा रही हैं। इसलिए जनसंख्या नियंत्रण कानून की सख्त जरूरत है।
-शुभम वैष्णव, सवाई माधोपुर
…………………
निराधार है विरोध
हर बार विरोध के लिए विरोध की राजनीति करना जैसे भारत की राजनीति का फैशन बन गया है। यूपी में जनसंख्या नियंत्रण बिल का जो विरोध हो रहा है, वह निराधार है, क्योंकि राजस्थान, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र जैसे राज्यों में इस तरह के कानून पहले से प्रभावी हैं। ऐसे में किसी वर्ग विशेष को प्रभावित करने के लिए इन मुद्दों को हवा देना बेमानी है।
-एकता शर्मा, गरियाबंद, छत्तीसगढ़
……………………..
उचित है कानून
जनसंख्या नियंत्रण कानून जरूरी है। जनसंख्या विस्फोट के कारण देश में आर्थिक और सामाजिक समस्याएं आती हैं। उत्तर प्रदेश में लागू होने वाले इस कानून से उन व्यक्तियों को ही सरकारी सुविधाएं मिलेंगी, जिनके दो से ज्यादा संतान न हो। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का यह कदम सराहनीय और प्रशंसनीय हैं। इस तरह का कानून केंद्रीय स्तर पर बनना चाहिए।
-मनु प्रताप सिंह, चींचड़ौली, खेतड़ी
………………………….
नहीं मिलेंगी सरकारी सुविधाएं
यूपी में जनसंख्या नियंत्रण कानून को वोट नियंत्रण कानून मानकर सवाल खड़े किए जा रहे हैं। दो बच्चों के होने तक ही आप सरकारी सुविधाओं को ले पाएंगे। एक बच्चे के होने पर आपको कई अन्य प्रोत्साहन दिए जाएंगे। दो से अधिक बच्चों के होने पर परेशानी हो सकती है। इसलिए जनसंख्या नियंत्रण कानून का विरोध किया जा रहा है, क्योंकि कुछ लोग तो बच्चों को ईश्वर की देन समझते हैं।
-श्रीकृष्ण पचौरी, ग्वालियर, मध्य प्रदेश
………………………..
संपूर्ण देश के लिए उदाहरण
जनसंख्या नियंत्रण बिल के अनुसार दो से अधिक बच्चे होने पर कई महत्वपूर्ण सरकारी योजनाओं का लाभ लोगों को मिलना बंद हो सकता है। जनसंख्या के मामले मे उत्तर प्रदेश भारत के सबसे बड़े राज्यों में शामिल हैं। अथाह जन आबादी के कारण राज्य विकास में पिछड़ा हुआ है। यूपी सरकार ने जिस दृढ़ता से यह निर्णय लिया है वह संपूर्ण देश के लिए उदाहरण बन गया है।
-शुभम् दुबे, इंदौर, मध्यप्रदेश
……………………
हर मुद्दे पर राजनीति ठीक नहीं
जनसंख्या वृद्धि के दुष्परिणामों से सभी प्रभावित हैं। इसके बावजूद यूपी के जनसंख्या नियंत्रण बिल पर सवाल उठाए जा रहे हैं। असल में कतिपय दल वोट की राजनीति के कारण इसकी टाइमिंग पर सवाल उठा रहे हैं, जो उचित नहीं है। हर मुद्दे पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। तुष्टीकरण की आड़ लेकर आखिर कब तक हम समस्याओं से मुंह मोड़ते रहेंगे। केवल विरोध के लिए विरोध करना ये उचित नहीं है।
-पवन कुमार जैन, जयपुर
……………………….
सही दिशा में कदम
जनसंख्या नियंत्रण बिल उत्तर प्रदेश के सतत एवं सर्वांगीण विकास की प्रक्रिया का ही हिस्सा है। इस बिल के अनुसार दो से ज्यादा बच्चे होने पर सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिलेगा। यह सही दिशा में उठाया गया कदम है ।
-सतीश उपाध्याय मनेंद्रगढ़ कोरिया छत्तीसगढ़
………………………
जनाधिक्य बड़ी समस्या
उत्तर प्रदेश में जनसंख्या बिल पर केवल राजनीति के अलावा कुछ भी नहीं हो रहा है। सभी जानते हैं कि भारत में जनाधिक्य है और इससे भारत में बहुत सी समस्याएं। ऐसे संवेदनशील मुद्दे पर राजनीति न करके सभी को एक साथ मिलकर देश के विकास में सहयोग करना चाहिए। सभी विपक्षी दल भी यह मन से जानते हैं कि यह बिल देश हित में है, परन्तु फिर भी विरोध कर रहे हैं।
-आशुतोष मोदी, सादुलपुर, चूरू
……………………………

चुनाव पूर्व बिल ठीक नहीं
यूपी में प्रस्तावित जनसंख्या नियंत्रण बिल का एक वर्ग विरोध कर रहा है। विधानसभा चुनाव से ठीक पहले इस तरह का बिल लाना गलत है। इसीलिए इसका विरोध हो रहा है।
-प्रकाश चन्द्र राव, बापूनगर, भीलवाड़ा
………………………
वोट बैंक के लिए हो रहा है विरोध
यूपी में राजनीतिक दल वोट बैंक को साधने के लिए जनसंख्या बिल का विरोध कर रहे हैं। गरीबी और अशिक्षा के चलते भी इसका विरोध हो रहा है। यूपी में जनसंख्या बढ़ोतरी दर दक्षिणी राज्यों से बहुत ज्यादा है और प्रति व्यक्ति आय कम है।
डॉ. विट्ठल माहेश्वरी, जयपुर

ट्रेंडिंग वीडियो