scriptजहरीली शराब से मौत के मामले क्यों नहीं रुक पा रहे हैं? | Why are the cases of death due to spurious liquor not being stopped? | Patrika News

जहरीली शराब से मौत के मामले क्यों नहीं रुक पा रहे हैं?

Published: Jun 06, 2021 06:35:28 pm

Submitted by:

Gyan Chand Patni

पत्रिकायन में सवाल पूछा गया था। पाठकों की मिलीजुली प्रतिक्रियाएं आईं, पेश हैं चुनिंदा प्रतिक्रियाएं।

जहरीली शराब से मौत के मामले क्यों नहीं रुक पा रहे हैं?

जहरीली शराब से मौत के मामले क्यों नहीं रुक पा रहे हैं?

भ्रष्ट सरकारी तंत्र जिम्मेदार
जहरीली शराब से मौत के मामले में मुख्य रूप से जिम्मेदार है सरकारी भ्रष्ट तंत्र। नकली शराब से अब तक कितने ही लोग अपनी जान गंवा चुके हैं, कितने ही घर परिवार उजड़ गए, लेकिन पुलिस प्रशासन नाम मात्र की कार्रवाई करके मामले की इतिश्री कर लेता है। पुलिस अधिकारियों को सिर्फ अपनी बंधी से ही काम है, जो उन्हें समय पर मिल जाती है। शराब माफिया शराब को और अधिक नशीली बनाने के लिए कई तरह के हानिकारक रसायन मिला देते हैं। ऐसी शराब पीने से व्यक्ति की मौत तक हो जाती है।
-उमाकांत शर्मा, डग, झालावाड़
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जरूरी है शराबबंदी
शराब की बिक्री से राज्य सरकारों को भारी राजस्व प्राप्त होता है। इसीलिए शराब के मामले में शासन काफी उदार रहता है। शराब की लत के शिकार सस्ती शराब खोजते हैं। इसका फायदा नकली शराब बनाने वाले उठाते हैं। शरीर के लिए घातक रासायनिक पदार्थों से निर्मित शराब की बिक्री करते हैं। ऐसी शराब जहरीली हो जाती है, जिसके सेवन से मौत तक हो जाती है। जहरीली शराब से मौतों का सिलसिला तभी थमेगा, जब शासन पूर्ण शराबबंदी लागू कर देगा।
-सतीश उपाध्याय, मनेंद्रगढ़ कोरिया, छत्तीसगढ़
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संवेदनहीनता का नतीजा
जहरीली शराब जब तक बनना बंद नहीं होगी, तब तक उसकी बिक्री बंद नहीं होगी और जब सर्व सुलभ होगी तो लोग तो इस्तेमाल करेंगे ही। ऐसी हालात में मौतों का सिलसिला जारी रहेगा। यह बात नहीं है कि प्रशासन को इसकी जानकारी नहीं होती। अवैध शराब की रोकथाम के लिए नियुक्त अधिकारियों और कर्मचारियों की मिलीभगत से ही यह कारोबार चलता है। हमारी व्यवस्था में भ्रष्टाचार घुल मिल गया है। ऐसे काम निर्बाध रूप से चलते रहें, इसके लिए हफ्ता तय होता है। हमारा प्रशासन व समाज संवेदनहीन हो गया हे। जहरीली शराब पीने से कोई मरे या जिए , धन कमाना ही एकमात्र लक्ष्य है ।
-लता अग्रवाल, चित्तौडग़ढ़
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नहीं रुक रहा अवैध शराब का कारोबार
पूर्व में भी जहरीली शराब से अनेक लोग काल के ग्रास बन चुके हैं और वर्तमान में भी जहरीली शराब के सेवन से मौत के मामले बढ़ रहे हैं। जहरीली शराब से मौत के मामले इसलिए नहीं रुक पा रहे हंै कि चंद रुपए के लालच में आकर सम्बन्धित विभाग के कर्मचारी और अधिकारी अवैध रूप से जहरीली शराब बनाने वालों और इसका विक्रय करने वालों के खिलाफ कोई कठोर कार्रवाई नहीं करते, जिससे इनके हौसले अधिक बुलंद हो जाते हैं। इस तरह जहरीली शराब बनाने और बिक्री का अवैध कारोबार लगातार जारी रहता है। यही वजह है कि जहरीली शराब से मौत के मामले नहीं रुक रहे। आबकारी विभाग के कर्मचारी लालच में न आएं। मानवता को सर्वोपरि रखते हुए कार्रवाई की जाए, तो यह अवैध कारोबार खत्म हो सकता है। इससे लोगों की जान बचेगी।
-राजेन्द्र साहू , सवाई माधोपुर
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टैक्स कम किया जाए
सरकार शराब निर्माण पर अत्यधिक टैक्स लगाती है। इसी का फायदा उठाकर कुछ समाजकंटक अवैध रूप से शराब बनाने और बेचने का काम शुरू कर देते हैं। जागरूकता के अभाव में लोग अवैध रूप से निर्मित शराब का धड़ल्ले से प्रयोग करते हैं, जिसके निर्माण में इथेनॉल की बजाय मेथेनॉल का प्रयोग का प्रयोग किया जाता है। ऐसी शराब प्राणघातक साबित होती है। लॉकडाउन में लोग अवसाद के शिकार होने पर भी शराब के आदी हो रहे हैं। उनके पास पैसों का अभाव है, तो वे सस्ती शराब के जुगाड़ में रहते हैं। कुछ लोग वैक्सीनेशन के बाद भी शराब पी रहे हैं ,जिसकी वजह से भी उनकी जान जा रही है। इसलिए शराब के खिलाफ जागरूकता अभियान चलाने की आवश्यकता है। साथ ही पुलिस, राजनीति और अपराधियों के गठजोड़ को तोडऩे की आवश्यकता है। शिकायत मिलने पर यदि तुरंत कार्रवाई हो तो ऐसी घटनाएं रुक सकती हंै। साथ ही सरकार को भी शराब पर टैक्स में कमी करनी चाहिए, ताकि अवैध शराब निर्माण में कमी आए।
एकता शर्मा, गरियाबंद, छत्तीसगढ़
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कड़ी कार्रवाई की जरूरत
जहरीली शराब से मौत के मामले नहीं रुकने का कोई एक कारण नहीं। प्रमुख है लोगों में जागरूकता की कमी, जिसके कारण वे शराब की गुणवत्ता को जाने बिना उसका सेवन कर लेते हैं। सरकार व प्रशासन तंत्र की विफलता भी इसका कारण है। सरकार के आदेश पर प्रशासन अवैध शराब के अड्डों की जानकारी जुटा कर लगातार कार्रवाई करे, तो हालात बदल सकते हैं।
-चुतराराम प्रजापति हरढ़ाणी, जोधपुर
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मिलीभगत का खेल
अभी हाल ही में अलीगढ़ में जिस प्रकार जहरीली शराब से मौतें हुईं, उससे प्रशासन और सरकार की घोर लापरवाही उजागर हुई है। निश्चित रूप से शराब माफिया और पुलिस मिलीभगत का खेल कई वर्षों से चल रहा है। इसी वजह से जहरीली शराब का गोरखधंधा फल-फूल रहा है। प्रशासन को ठोस रोड मैप बनाकर जहरीले धंधे को समाप्त करना होगा, ताकि इसकी काली जड़ों के प्रभाव से जनहानि ना हो।
-महेश आचार्य, नागौर
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नशे से दूरी ही भली
नशा चाहे कोई भी क्यों न हो, हमेशा ही नुकसान करता आया है। नशे का दूसरा नाम नाश है। लोगों को हमेशा नशे से दूर रहना चाहिए। इस बात का भी सबको ध्यान में रखना चाहिए कि अगर कोई आपको नशे के नरक में धकेलने की कोशिश करता है, तो उसका साथ उसी समय छोड़ दें, क्योंकि जब नशे से आपका कोई नुकसान होगा तो कोई साथ नहीं देगा।
-राजेश कुमार चौहान, जालंधर
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शराब माफिया को संरक्षण
अलीगढ़ में जहरीली शराब पीने से कुछ लोगों की मौत हो गई। गरीब लोग सस्ती दर पर मिलने वाली शराब पीकर अपनी शरीर की थकावट दूर करने का प्रयास करते हैं, परंतु ऐसी शराब हानिकारक रसायनों को मिलाकर तैयार की जाती है। इसके सेवन से मौत तक हो जाती है। शराब माफियाओं को नेताओं और पुलिस का संरक्षण प्राप्त होता है।
-डॉ. अशोक, पटना, बिहार।
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जरूरी है कार्रवाई
आए दिन जहरीली शराब पीने से मौत के मामले बढ़ते जा रहे हैं। अवैध व जहरीली शराब की बढ़ती बिक्री का कारण आबकारी विभाग व प्रशासन की शिथिलता है। पैसों के लालच में लोग नकली शराब का कारोबार करते हैं और प्रशासन इन्हें रोकने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाता है। कोई भी अवैध कारोबार बिना संरक्षण के नहीं पनप सकता है। इसे रोकने के लिए विशेष टीम गठित की जानी चाहिए और इसमें लिप्त लोगों पर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। जब तक प्रशासन शिथिलता बरतेगा तब तक यूं ही यह कारोबार फलता फूलता रहेगा और जहरीली शराब से मौत के आंकड़े भी बढ़ते रहेंगे।
– कमलेश कुमार कुमावत, चौमूं, जयपुर
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सरकारी महकमों की कमजोरी
शायद ही कोई सरकारी महकमा भ्रष्टाचार से अछूता हो। यूं तो सरकार के हाथ लम्बे होते हैं किन्तु भ्रष्टाचार उसके हाथ इतने छोटे कर देता है कि पहुंच के बाद भी उसकी पकड़ कमजोर हो जाती है। एक्साइज विभाग का काम है कि वह नकली शराब की निगरानी करे और कोशिश करे कि उसका न तो उत्पादन हो और ना ही वह ग्राहकों तक पहुंचे। अफसोस की बात यह है कि विभाग की ढिलाई के कारण जहरीली शराब भी बिक जाती है, जो लोगों की मौत का कारण बन जाती है। अगर विभाग सख्ती से निगरानी करे, तो नकली शराब का उत्पादन रुक सकता है और जहरीली शराब से होने वाली मौत का सिलसिला भी थम सकता है।
-महेश नेनावा, इंदौर, मप्र
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शराब के खिलाफ माहौल बनाने की जरूरत
जहरीली शराब के सेवन से आए दिन मौत की खबरें आती रहती हैं। वैसे शुद्ध शराब अमृत नहीं होती। शराब का मानव शरीर पर अच्छा प्रभाव नहीं पड़ता। भयंकर कोरोना काल में लॉकडाउन के दौरान भी शराब की सप्लाई बाधित नहीं हुई। सवाल यह है कि शराब के खिलाफ समाज में माहौल क्यों नहीं बनाया जाता?
-क.च .शर्मा, धौलपुर
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सख्ती की जरूरत
जहरीली शराब पीकर मरने वाले अक्सर गरीब तबके के ही मिलेंगे। प्रशासन के तमाम दावों के बाद भी गैर कानूनी रूप से शराब की भट्टियां चलती हैं। इस तरह बनी हुई शराब में कंटेंट्स की मात्रा का संतुलन बिगडऩे से पेय पदार्थ जहरीले हो जाते हैं। सस्ती के फेर में लोग ऐसी शराब का सेवन करते हैं और मौत का शिकार हो जाते हैं। सख्ती से ही ऐसी घटनाओं को रोका जा सकता है, लेकिन हमारे सियासतदानों में मजबूत इच्छाशक्ति की कमी नजर आती है।
-विनोद यादव, हनुमानगढ़
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लालच है कारण
आम तौर पर गरीब वर्ग के व्यक्ति जहरीली शराब के शिकार बनते हैं। इसके तीन प्रमुख कारण हैं। पहला शराब पीने की आदत, दूसरा शराब की स्थानीय स्तर एवं सस्ती दर पर उपलब्धता गरीब वर्ग को आकर्षित करती है। तीसरा मनुष्य का लालच। येन केन प्रकारेण किसी भी प्रकार से धन कमाने की प्रवृत्ति। इनका मिला जुला रूप इस प्रकार के हादसों के लिए जिम्मेदार है।
-ललित सुखलेचा, जयपुर
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पुलिस की ढिलाई
जहरीली शराब से मौतों की बढ़ती संख्या का कारण येन केन प्रकारेण धन कमाने की प्रवृत्ति है। अवैध रूप से से सस्ती शराब का निर्माण किया जाता है। हर गांव-देहात में ऐसी शराब मिल जाती है। पुलिस की ढिलाई के कारण ही अवैध शराब का निर्माण करने वाला नेटवर्क पनपता है और इससे मौतों के संख्या बढ़ती ही जा रही है।
-मुकेश भटनागर, भिलाई नगर
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जरूरी है जागरूकता
शराब पीना आजकल आम बात हो गई है। कुछ लोग चंद पैसों के लिए लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करते हैं। जब तक हम जागरूक नहीं होंगे, तब तक सरकार भी कुछ नहीं कर सकती। जनता और सरकार दोनों को मिलकर प्रयास करना चाहिए, तभी इस समस्या का समाधान मिल सकेगा।
-मुस्कान रामावत, बीकानेर
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मिलीभगत का परिणाम
जहरीली शराब से मौत होने का कारण शराब का अवैध तरीके से निर्माण है। इसमें पुलिस प्रशासन की मिलीभगत से इनकार नहीं किया जा सकता। पुलिस और आबकारी विभाग की अनदेखी ही जहरीली शराब के उत्पादन और बिक्री को बढ़ावा देती है।
-राजीव मालोनिया, जबलपुर
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रोजगार पर ध्यान देने की जरूरत
अवैध रूप से शराब बनाने और बिक्री के काम में ज्यादातर अनपढ़ और गरीब लोग सक्रिय हैं। उन्हें शराब बनाने के कारोबार से बाहर निकालना होगा। उनको रोजगार की मुख्यधारा से जोडऩा चाहिए। शिक्षा की इसमें बहुत बड़ी भूमिका हो सकती है।
– अणदाराम बिश्नोई, जयपुर
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शराब से दूरी ही भली
जहरीली शराब से होने वाली मौतें आत्मा को झकझोर कर रख देती हैं। जहरीली शराब कई घरों की बर्बादी का कारण बनती जा रही है। सरकार तो इसे रोकने के समुचित उपाय कर रही है, परंतु आम नागरिक भी इस बुराई से दूर रहते हुए एक सजग और जिम्मेदार नागरिक की जिम्मेदारी निभाए। लोग नशे के आदी होकर अपनी जान से हाथ धो बैठते हैं।
-बिहारी लाल बालान, लक्ष्मणगढ़, सीकर
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जरूरी है जागरूकता
जहरीली शराब से बढ़ती हुई मौतों का मामला चिंताजनक है। इसके लिए कहीं ना कहीं स्थानीय प्रशासन की लापरवाही और आमजन में जागरूकता की कमी जिम्मेदार है। शराब माफियाओं के खिलाफ ठोस कार्रवाई होनी चाहिए। स्थानीय पुलिस और प्रशासन को शराब के हानिकारक परिणामों के बारे में प्रत्येक नागरिक को जागरूक करना चाहिए।
-शिवओम पाराशर,अहमदाबाद, गुजरात
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खराब है शराब
जहरीली शराब से हो रही मौतों के लिए सिस्टम व भ्रष्टाचार जिम्मेदार है। शराब की गैरकानूनी व अवैध तरीकों से बिक्री नहीं रुक रही। मिथाइल अल्कोहल ज्यादा मिलाने से शराब जहरीली बन जाती है। इसकी लोगो को संपूर्ण जानकारी नहीं होती है। लोग अनजाने में जहर पी जाते हैं और मौत के शिकार हो जाते हैं।
-अजय कुमार बैरवा, केकड़ी, अजमेर
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