scriptआपकी बात, स्थानीय निकाय बारिश से पूर्व नालों की सफाई पर ध्यान क्यों नहीं देते? | Why don't the local bodies pay attention to cleaning the drains | Patrika News

आपकी बात, स्थानीय निकाय बारिश से पूर्व नालों की सफाई पर ध्यान क्यों नहीं देते?

Published: Jul 05, 2022 03:51:42 pm

Submitted by:

Patrika Desk

पत्रिकायन में सवाल पूछा गया था। पाठकों की मिलीजुली प्रतिक्रियाएं आईं, पेश हैं चुनिंदा प्रतिक्रियाएं।

आपकी बात, स्थानीय निकाय बारिश से पूर्व नालों की सफाई पर ध्यान क्यों नहीं देते?

आपकी बात, स्थानीय निकाय बारिश से पूर्व नालों की सफाई पर ध्यान क्यों नहीं देते?

सफाई के नाम पर खानापूर्ति
नालों की सफाई के लिए सरकार स्थानीय निकाय को फंड जारी करती है। स्कीम बनाती है। यह सब खानापूर्ति के लिए ही होता है। मानसून पानी निकासी की व्यवस्था की पोल खोल कर रख देता है। मानसून आने तक न ही नालों की सफाई की जाती है और न इनकी मरम्मत होती है। इस कारण बारिश के समय नालियों का गंदा पानी सड़कों पर पसरा रहता है। अगर समय रहते साफ- सफाई और मरम्मत का कार्य कर दिया जाए, तो इस परेशानी से बचा जा सकता है। इसके लिए कुछ हद तक आप और हम भी जिम्मेदार हैं, क्योंकि हमने कभी ध्यान ही नहीं दिया कि इस समस्या से निपटने के लिए क्या किया जा रहा है?
-मोनिका चोपड़ा, भनाई, हनुमानगढ़
………………………
नहीं होती सफाई
बारिश का मौसम आ चुका है, लेकिन पूरा प्रदेश नालों की सफाई नहीं होने के कारण गंदगी का सामना कर रहा है। बारिश के समय गंदा पानी शहर की सड़कों पर आ जाता है, जिसके कारण पैदल यात्रियों एवं वाहनों को समस्या का सामना करना पड़ रहा है।
-वगता चौहान सिणधरी, बाड़मेर
…………….
नालों पर अतिक्रमण भी समस्या
स्थानीय निकायों के लापरवाह स्टाफ तथा गलत नीतियों का खमियाजा जनता को भुगताना पड़ता है। जल निकासी का स्थाई प्रबंध होना चाहिए। गलत तरीके से बनी सड़कों के दुष्परिणाम के कारण भी साफ-सफाई नहीं हो पाती है। नालों पर अतिक्रमण भी समस्या है।
खुशवन्त कुमार हिण्डोनिया, गांधी नगर, चित्तौडग़ढ़
…………….
बारिश में खुलती है पोल
स्थानीय निकायों की आलसी प्रवृत्ति के कारण बारिश में पोल खुलना तो तय होता हैं, लेकिन उनकी कार्यप्रणाली ने और अधिक व्यवस्था को लचर बना दिया है। नगर निगम के कर्मियों की नींद उसी समय खुलती है, जब दो-चार लोग हादसे के शिकार हो जाते हैं। बेहतर तो यह है कि हर वर्ष प्रशासन तंत्र को भी जिम्मेदार रहते हुए मानसून से पूर्व सारी व्यवस्था का अवलोकन कर सुधार कर लेना चाहिए।
-सी. आर .प्रजापति, हरढ़ाणी, जोधपुर
…………….
सख्ती की जरूरत
नियमित रूप से साफ-सफाई पर ध्यान नहीं दिया जाता। अगर सफाई की भी जाती है, तो सिर्फ खानापूर्ति ही होती है। हर साल बारिश से पूर्व नगर निगम द्वारा नालों की सफाई का दावा किया जाता है, जिसकी पोल थोडी सी बारिश में ही खुल जाती है। इसके बावजूद नगर निगम प्रशासन आंखे मूंदे बैठा है। बारिश का पानी नालों की बजाय लोगों के घरों में भर जाता है। जहां ज्यादा जलभराव होता है, वहां नालों का निर्माण कराना चाहिए। सफाई व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त करना चाहिए और इसकी मॉनिटरिंग भी निगम के उच्च अधिकारियों को नियमित रूप से करना चाहिए। लापरवाही बरतने वाले सफाई कर्मचारियों और ठेकेदारों पर कड़ा जुर्माना लगाया चाहिए। साथ ही एफआइआर भी दर्ज कराना चाहिए।
-आलोक वालिम्बे, बिलासपुर, छत्तीसगढ़
…………
ताकि रास्ते में जमा न हो पानी
बारिश के पूर्व शहर के सभी नालों की सफाई होनी चाहिए, जिससे बारिश का पानी आसानी से निकल जाए। अक्सर हम देखते हैं कि नालों की सफाई नहीं होने के कारण नाला पहले से ही कचरे से पटा रहता है और जैसे ही बारिश शुरू होती है पानी के साथ मिट्टी और कचरा नाले को और जमा कर देता है। परिणाम बारिश का पानी निकासी के अभाव में रास्ते में ही जमा होना शुरू हो जाता है और फिर शहर का हाल बेहाल हो जाता है। जनता को इस दिशा में जागरूक रहना चाहिए। यह सुनिश्चित करना चाहिए कि मानसून से पहले सभी नालों और पानी निकासी वाली जगहों की सफाई हो जानी चाहिए।
-सरिता प्रसाद, पटना बिहार
…………..
होती है सफाई
पूरे शहर के नालों की सफाई एक साथ नहीं हो सकती। मानसून से पहले नालों की सफाई की तो जाती है, लेकिन तेज हवाएं चलने के कारण साफ किए हुए नाले फिर से मिट्टी और कचरे से भर जाते है और बरसात शुरु होने पर नाले भर जाते है
-कृष्णलाल बारूपाल जैतसर
…….
यह है हाल
मेरे घर के बाहर बड़ा नाला है जिसकी सफाई 2 साल से नहीं हुई थी। शिकायत करने के बाद नाली में से थोड़ा सा कचरा निकाल कर बाहर डाल दिया गया। बरसात आने के कारण कुछ कचरा इधर-उधर बह गया। नाली में से निकाला गया कुछ कचरा बाहर सड़ांध मार रहा है।
-गोपी रमन शर्मा, महेश नगर, जयपुर
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो