script…क्योंकि असमान विकास के ही मिल रहे हैं संकेत | Why economic growth is expected in K-shape growing in the world | Patrika News

…क्योंकि असमान विकास के ही मिल रहे हैं संकेत

locationनई दिल्लीPublished: Jan 18, 2021 08:35:06 am

Submitted by:

Mahendra Yadav

जिज्ञासा: देश-दुनिया में क्यों बढ़ रहे ‘के-आकृति’ में आर्थिक बहाली के आसार

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K shaped Economy recovery

कोरोना काल के बाद का आर्थिक परिदृश्य देश और दुनिया में अंग्रेजी वर्णमाला के अक्षर ‘केÓ की आकृति में आर्थिक बहाली का इशारा कर रहा है। हाल ही जेपी मॉर्गन के प्रमुख अर्थशास्त्री (भारत) साजिद शिनॉय ने कहा कि इसके संकेत मिल रहे हैं और वजह है बहाली का दो हिस्सों में बंटना। यहां ऊपर का रुख करने वाला ग्राफ उन पेशेवरों एवं उच्च आय वर्गों से संबंधित है जिसने बीती दो तिमाहियों में बड़ी बचत की है, जबकि नीचे जाने वाला ग्राफ उस वर्ग को दर्शाता है, जिसके लिए आय और रोजगार दोनों का संकट खड़ा हुआ है।
ये हो सकते हैं दूरगामी परिणाम
पहला, देश के शीर्ष 10 फीसदी घर-परिवार ऐसे हैं, जो कुल उपभोग का 25-30 प्रतिशत खर्च करते हैं। संभवत: इनकी दबी हुई मांग में उछाल आने से उपभोग में वृद्धि दर्ज की जाए। उच्च आय वर्ग को दो तिमाही में हुई अतिरिक्त बचत से लाभ मिल सकता है। फिलहाल इस बचत से उत्साहित लोग इसका एक हिस्सा खर्च करने में लगे हैं। दूसरी ओर निम्न वर्ग की नौकरी चली गई है या आय के स्रोत स्थायी रूप से बंद हो गए हैं। अगर श्रम बाजार में तेजी से सुधार नहीं हुआ तो वे लगातार मांग में कमी का कारण बनेंगे।
दूसरा, कोरोना काल में निम्न वर्ग से उच्च वर्ग की ओर आय का स्थानांतरण हुआ है। इसका मांग पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा क्योंकि गरीब वर्ग आय का अपेक्षाकृत बड़ा हिस्सा खर्च कर देता है। तीसरा, अगर कोरोना संकट के चलते प्रतिस्पद्र्धा कम हुई है और आय एवं अवसरों में असमानता आई है तो यह उत्पादकता में कमी व राजनीतिक-आर्थिक बाध्यताओं के रूप में विकासशील अर्थव्यवस्था की वृद्धि को प्रभावित कर सकती है। इसलिए नीति निर्माताओं को अगली कुछ तिमाहियों के बाद की स्थिति पर गौर करना चाहिए।
क्या है के-आकृति की बहाली
अर्थव्यवस्था के विभिन्न वर्ग इस स्थिति में असमान आर्थिक बहाली दर्शाते हैं। शीर्ष पर दिखाई देने वाले वर्ग की आय आम तौर पर सुरक्षित होती है। लॉकडाउन के दौरान इस वर्ग की बचत बढ़ी, जो उसके भविष्य में काम आएगी। दूसरी ओर जो वर्ग निचले स्तर पर है, नौकरी और आय के लिहाज से उस पर स्थायी मार पड़ी। यह फर्क दरअसल सामाजिक वर्गों, नस्लीय, भौगोलिक एवं औद्यागिक आधार पर भी होता है। के-आकृति बहाली इस अंतर को उजागर करती है।
अंतर का स्पष्ट रेखांकन
के-आकृति की बहाली आर्थिक असमानता की खाई को और बढ़ा देती है। इससे आर्थिक समस्याओं के बढ़ऩे की आशंका रहती है। ऊपर का ग्राफ उस वर्ग का है जो लाभ वाले व्यवसायों में कार्यरत है, जबकि निचला ग्राफ उस वर्ग घाटे में चल रहे क्षेत्रों को दर्शाता है। प्रौद्योगिकी, खुदरा एवं सॉफ्टवेयर क्षेत्र में अच्छी गति से बहाली हुई है। दूसरी ओर ट्रैवल, मनोरंजन, हॉस्पिटेलिटी व खान-पान संबंधी उद्योग अभी तक मंदी से जूझ रहे हैं। के-आकृति अंतर का कारण नहीं, स्पष्ट रेखांकन है।
बहाली: अन्य आकृतियां

V तेजी से आर्थिक गिरावट के बाद बिना वक्त गवाए उतनी ही तेजी से बहाली।

U आर्थिक मंदी के बाद कुछ समय के लिए आए ठहराव के बाद बहाली।
W दोहरी गिरावट वाली मंदी, जिसमें तेजी से गिरावट के बाद छोटी सी अस्थायी बहाली हो और फिर गिरावट दिखाई दे।

L यह आकृति तब बनती है, जब आर्थिक मंदी के बाद सालों तक अर्थव्यवस्था पटरी पर न लौट सके।
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