क्या है ‘पिलर ऑफ शेम’ स्मारक?
इस स्कल्पचर को थियानमेन चौक पर 4 जून 1989 को हुए नरसंहार की याद में बनाया गया है। पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ने छात्र प्रदर्शनकारियों पर गोलियां चलाई थीं, जो भ्रष्टाचार, बेरोजगारी, आदि मुद्दों को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। मूर्तिकार गैल्स्चिएट की वेबसाइट के अनुसार ‘यह स्कल्पचर मानवता के खिलाफ गंभीर दुव्र्यवहार को चिह्नित करता है और लोगों को एक शर्मनाक घटना की याद दिलाता है, जिसकी पुनरावृत्ति कभी नहीं होनी चाहिए। मूर्ति को 1997 में विक्टोरिया पार्क में प्रदर्शित किया गया । छात्रों ने इसे यूनिवर्सिटी परिसर में स्थानांतरित करने के लिए संघर्ष किया। विरोध के बीच स्मारक को विश्वविद्यालय ले जाया गया।
क्यों हटाया जा रहा है स्मारक को?
चीन ने पिछले वर्ष 30 जून को ब्रिटेन द्वारा हांगकांग के स्थानान्तरण की 23वीं वर्षगांठ से पहले नया राष्ट्रीय सुरक्षा कानून पारित किया। इसे चीन की हांगकांग पर दादागिरी के रूप में देखा गया और व्यापक विरोध हुआ। हांगकांग यूनिवर्सिटी ने नोटिस में कहा है कि स्मारक को ‘जोखिम प्रबंधन’ उद्देश्यों के तहत हटाया जा रहा है। अप्रेल 2021 में विश्वविद्यालय ने राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े ‘कानूनी जोखिम’ का हवाला देते हुए अपने छात्र संगठन से सभी सम्बंध खत्म कर लिए थे। इस वर्ष की शुरुआत में हांगकांग पुलिस ने थियानमेन नरसंहार संग्रहालय पर भी छापा मारा था।
शिल्पकार का पक्ष –
डेनमार्क के शिल्पी गैल्स्चिएट ने कहा है कि वह इस स्कल्पचर के मालिक हैं और उन्हें हांगकांग विश्वविद्यालय से ऐसा कोई आदेश भी नहीं मिला है। डेमोक्रेटिक पार्टी के पूर्व उपाध्यक्ष रिचर्ड त्सोई ने कहा है कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और अकादमिक आजादी के स्थान के रूप में हांगकांग विश्वविद्यालय की यह सामाजिक जिम्मेदारी है कि वह इस ‘पिलर ऑफ शेम’ को बरकरार रखे। त्सोई ने विश्वविद्यालय से जवाब भी मांगा है कि वह स्कल्पचर को हटाने की योजना क्यों बना रहा है।