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आपकी बात, चीन की मनमानी क्यों नहीं रुक पा रही?

Published: Jan 05, 2022 04:34:47 pm

Submitted by:

Gyan Chand Patni

पत्रिकायन में सवाल पूछा गया था। पाठकों की मिलीजुली प्रतिक्रियाएं आईं, पेश हैं चुनिंदा प्रतिक्रियाएं।

आपकी बात, चीन की मनमानी क्यों नहीं रुक पा रही?

आपकी बात, चीन की मनमानी क्यों नहीं रुक पा रही?

सशक्त विदेश नीति जरूरी
चीन वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी ) पर स्थिति सामान्य करने को तैयार नहीं है। पूर्वी लद्दाख में एलएसी विवाद के बीच चीन अपनी चालबाजियों से बाज नहीं आ रहा है। चीन का उद्देश्य भारत से लगी सीमा पर निर्माण कार्यों को अंजाम देना है। चीन न केवल तिब्बत पर अपना हक जताता रहा है, बल्कि अरुणाचल प्रदेश पर भी दावा कर रहा है। भारत को चीन के मामले में अपनी रणनीति बदलनी होगी। चीन के खिलाफ विदेश और रक्षा नीति को भी और सशक्त बनाना होगा, क्योंकि धीरे-धीरे दगाबाज चीन बेलगाम होता जा रहा है।
-सतीश उपाध्याय, मनेंद्रगढ़ कोरिया, छत्तीसगढ़
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चीन का फैलता जाल
चीन पूरे विश्व में अपनी पकड़ मजबूत करता जा रहा है। दक्षिण एशिया के अनेक देश चीन के फैलाए जाल में फंसते जा रहे हैं। आर्थिक सहायता एवं निर्माण कार्यों मे बढ़ोतरी करके चीन अनेक देशों को निर्भर बना रहा है। एक बार इस कुचक्र में फंसने पर चीन मनमानी करने लगता है। वह सस्ते मूल्य पर सामान निर्यात कर विभिन्न देशों की अर्थव्यवस्था को चौपट कर रहा है। सैन्य क्षमता बढ़ाकर वह दूसरे देशों को आंखें दिखा रहा है।
मधुरा व्यास, उदयपुर
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चिढ़ा हुआ है चीन
चीन की मनमानी जारी है। चीन से निपटने के लिए क्वाड का गठन भी किया गया है। इस समूह के गठन के बाद से ही चीन चिढ़ा हुआ है। चीन के पास विश्व की सबसे बड़ी सक्रिय सेना है। वह सैन्य प्रौद्योगिकी के मामले में भी एक उभरती महाशक्ति है। वह संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का स्थाई सदस्य और मान्यता प्राप्त परमाणु शक्ति सम्पन्न देश है। इसलिए उसकी मनमानी बढी है।
-नेहा कुमावत, जयपुर
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विस्तारवादी नीति
चीन कई दशकों से विस्तारवादी नीति अपनाकर अपने पड़ोसी देशों से सीमा विवाद कर बड़े स्तर पर भूमि पर कब्जा कर रहा है। साथ ही आर्थिक रूप से कमजोर देशों को कर्ज के जाल में फंसाकर उनके बाजार, बंदरगाहों, अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों और समुद्री इलाकों पर अपना कब्जा कर रहा है चीन के कर्ज जाल में पाकिस्तान, श्रीलंका, मालदीव समेत कई देश फंसे हुए हंै। चीन अपनी सैन्य ताकत बढ़ा रहा है।
-गणपत लाल पंवार, देवली कलां, पाली
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अंतरराष्ट्रीय दबाव जरूरी
भारत को अपनी विदेश नीति मजबूत करनी होगी। चीन विरोधी राष्ट्रों के साथ संबंध मजबूत करने होंगे। अंतरराष्ट्रीय दबाव ही चीन की मनमानी रोकने में सक्षम है।
-शिवजी लाल मीना,जयपुर
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कथनी और करनी में अंतर
चीन के सिद्धांत और व्यवहार में कथनी और करनी का अंतर साफ साफ दिखाई दे रहा है। वह महाशक्ति के रूप में स्थापित होने का प्रयास कर रहा है। चीन एक धूर्त राष्ट्र है, जो नए-नए हथकंडे अपना कर दुनिया का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करने का प्रयास करता रहता है।
-एकता शर्मा, गरियाबंद, छत्तीसगढ़
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चीन की भारत पर नजर
चीन हमेशा से ही विस्तारवादी नीति अपनाता आया है। इसी नीति के चलते उसकी नजर भारत पर है। चीन सीधे तौर पर कभी भारत से नहीं लड़ सकता। चीन अप्रत्यक्ष रूप से भारत पर दबाव बनाना चाहता है।
-आशीष सुखवाल, पण्डेर, भीलवाडा़
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चीन को मुंहतोड़ जवाब
चीन भारत पर दबाव बनाने के लिए कुछ न कुछ करता रहता है। पैंगोंग झील पर पुल का निर्माण करना, लद्दाख के बाद उत्तराखंड में घुसपैठ करना, अरुणाचल प्रदेश में गांव बसाना जैसी हरकतें इसका उदाहरण है। समय-समय पर भारतीय सेना ने चीन को मुंहतोड़ जवाब दिया है। चीन के मंसूबे कभी पूरे नहीं होंगे।
-मधु भूतड़ा, जयपुर
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चीन का भ्रामक प्रचार
चीन अपने आपको महाशक्ति के रूप में देखना चाहता है। वह इस दौड़ में अमरीका और रूस को भी पछाडऩा चाहता है। उसकी छोटी-छोटी आंखें बड़े-बड़े सपने देखने लगी हैं। सोशल मीडिया पर भ्रामक प्रचार-प्रसार कर वह दुनिया को ***** समझता है। ऐसा लगता है जैसे विनाश काले विपरीत बुद्धि हो गई उसकी।
-सिद्धार्थ शर्मा, गरियाबंद, छत्तीसगढ़
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वैश्विक नेता बनने का प्रयास
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग अति महत्वाकांक्षी हैं। सामरिक, आर्थिक और राजनीतिक रूप से सुदृढ़ चीन अमरीकी वर्चस्व को कम करके अपने प्रभुत्व को मजबूत करना चाहता है। चीन की इस महत्वाकांक्षा की बड़ी चुनौती एशिया में भारत ही है। भारत के विरुद्ध चीन की मनमानी एक प्रकार का वैश्विक नेता बनने का प्रयोग मात्र है।
-अरविंद कुमार, सूरत
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चीन के खिलाफ महागठबंधन जरूरी
साम्राज्यवादी नीति के कारण चीन की मनमानी नहीं रुक पा रही है। वह खुद को महाशक्ति समझ बैठा है। वह अपनी सीमा का विस्तार करना चाहता है। चीन की इस नीति के खिलाफ सभी देशों को एक महागठबंधन बनाना चाहिए जो इसकी मनमानी का करारा जवाब दे सके। चीन की मनमानी आने वाले समय में सभी देशों के लिए खतरा बन सकती है।
-महेंद्र सिंह गुर्जर, जोधपुर
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