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आपकी बात, नशीले पदार्थों की तस्करी क्यों बढ़ रही है?

Published: Sep 23, 2021 03:52:49 pm

Submitted by:

Gyan Chand Patni

पत्रिकायन में सवाल पूछा गया था। पाठकों की मिलीजुली प्रतिक्रियाएं आईं, पेश हैं चुनिंदा प्रतिक्रियाएं।

आपकी बात, नशीले पदार्थों की तस्करी क्यों बढ़ रही है?

आपकी बात, नशीले पदार्थों की तस्करी क्यों बढ़ रही है?

दृढ़ इच्छाशक्ति जरूरी
नशीले पदार्थों की तस्करी रोकने के लिए आम जन से लेकर सरकार की दृढ़ इच्छाशक्ति जरूरी है। इसे दुर्भाग्य ही कहा जाएगा कि युवाओं में नशे की प्रवृत्ति बढ़ती जा रही है और पुलिस से लेकर सरकार तक कोई इस विषय पर गंभीर नहीं है। कम समय में ज्यादा पैसा कमाने की इच्छा के चलते नशीले पदार्थों की तस्करी बढ़ रही है।
-प्रकाश चन्द्र राव, भीलवाड़ा
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भारत बना ट्रांजिट प्वाइंट
नेपाल, म्यांमार और अफगानिस्तान की वजह से भारत नशीले पदार्थों की तस्करी का ‘ट्रांजिट प्वाइंट ‘ बना हुआ है। हालांकि भारत में नशे का प्रचलन उतना नहीं है जितना कि दूसरे देशों में है। अफगानिस्तान में तालिबान अफीम की खेती के जरिए पैसा बनाता है। भारत के सीमावर्ती राज्यों से मादक पदार्थों की तस्करी होती है।
सरिता प्रसाद, पटना, बिहार
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ताकतवर हो गए हैं माफिया
नशीले पदार्थों की तस्करी वर्तमान में ज्वलंत मुद्दा बनता जा रहा है। नशीले पदार्थों की तस्करी के अवैध कारोबार का मुख्य कारण माफियाओं की फलती-फूलती जड़ें हैं। नशीले पदार्थों के माफिया ऐसी जगहों पर अपने पांव पसारना शुरू कर देते हैं, जहां इन पदार्थों की बिक्री की संभावना रहती है। माफिया इतने ताकतवर हैं कि संबंधित विभाग और पुलिसकर्मी भी उनके सामने नतमस्तक नजर आते हैं।
-कनिष्क माथुर, जयपुर
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मांग का असर
जिस भी वस्तु का उत्पादन होगा वह अवश्य बिकेगी। जो पदार्थ मस्तिष्क में आनन्द की अनुभूति देगा, उसकी मांग बढ़ेगी। खरीददार जहां-जहां होंगे, वहां मुनाफा लेकर बेचने वाले भी हो जाएंगे। इससे तस्करी बढ़ जाती है।
-सुभाष चंद्र पारीक, जयपुर
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पुलिस और प्रशासन की मिलीभगत
कोरोना के कारण लोगों में बढ़ते अवसाद और निराशा की वजह से नशे की प्रवृत्ति को प्रोत्साहन मिला है। बॉलीवुड तथा विभिन्न वेब सीरीज से भी नशे को बढ़ावा मिल रहा है। पुलिस और प्रशासन की मिलीभगत से नशीले पदार्थों की तस्करी बढ़ रही है।
-एकता शर्मा, गरियाबंद, छत्तीसगढ़
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नशे की लत गंभीर चुनौती
नशे के शिकंजे में आने वाले युवाओं की संख्या निरंतर बढ़ती जा रही है । युवाओं के पास रोजगार न होने की वजह से भी वे कई बार नशे की गिरफ्त में आ जाते हैं। यह देश और समाज के लिए एक गंभीर चुनौती है। सरकार की तरफ से भी तस्करी रोकने के दावे किये जाते हैं, लेकिन इसके उपरांत भी यह तस्करी नहीं रुक रही।
-अजिता शर्मा, उदयपुर
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युवा दिशाहीन
दिशाहीन युवाओं का भटकना भी आसान है एवं उनको भटकाना भी। मूल्य रहित शिक्षा, राजनीति के साथ ही पुलिस एवं अपराधियों का गठजोड़ इस हर तरह के अपराध को हवा दे रहा है। कुछ लोग समझ बैठे हैं कि पैसे कमाने की दौड़ में सब ठीक है। सच्ची शिक्षा एवं अध्यात्म से इस सामाजिक रोग का उपचार संभव है।
-राजीव मिश्र, चेन्नई
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बेरोजगारी के कारण बढ़ी समस्या
नशीले पदार्थों का सेवन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है और उनकी तस्करी करना एक अपराध है। कोरोना महामारी के कारण देश में गरीबी, बेरोजगारी और भुखमरी की समस्या में तेजी से बढ़ोतरी हुई है। कई युवाओं ने अपनी आर्थिक तंगी को दूर करने के लिए नशीले पदार्थों की तस्करी को अपना व्यवसाय बना लिया है। तटीय क्षेत्र में रहने वाले लोग भी थोड़े पैसे के लालच में इस अपराध से जुड़ जाते हैं।
-विभा गुप्ता, बेंगलूरु
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सख्ती जरूरी
नशीले पदार्थों की बढ़ती तस्करी का कारण उसकी बढ़ती मांग हैं। नशा बहुत तेजी से अपना शिकंजा युवाओं पर कस रहा है। सभी तरह के नशीले पदार्थों पर पूर्ण रूप से सख्ती से प्रतिबंध लगाने की जरूरत है। नशा धीमे जहर की तरह युवाओं के भविष्यों को तबाह कर रहा है। इस पर जल्द से जल्द सख्त रोक लगानी होगी।
-सिद्धार्थ विला, महू, मप्र
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मिलीभगत का नतीजा
हमारे देश की आबादी का एक बहुत बड़ा भाग नशे का आदी हो चुका है। विशेष रूप से युवा पीढ़ी नशे की ज्यादा शिकार है। इसलिए नशीले पदार्थों की तस्करी बढ़ रही है। सरकार ने कानून तो बहुत बना रखे हैं, पर व्यवस्था में भ्रष्टाचार इस कदर है कि कानून का कोई डर नहीं है।
-लता अग्रवाल चित्तौड़गढ़ ।
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