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आपकी बात, अवैध और जहरीली शराब की बिक्री बंद क्यों नहीं हो पा रही है?

Published: Jan 15, 2021 07:04:07 pm

Submitted by:

Gyan Chand Patni

पत्रिकायन में सवाल पूछा गया था। पाठकों की मिलीजुली प्रतिक्रिया आईं, पेश हैं चुनिंदा प्रतिक्रियाएं।

आपकी बात, अवैध और जहरीली शराब की बिक्री बंद क्यों नहीं हो पा रही है?

आपकी बात, अवैध और जहरीली शराब की बिक्री बंद क्यों नहीं हो पा रही है?

शराबबंदी की जरूरत
अवैध और जहरीली शराब की बिक्री बंद नहीं होने का एक कारण इंसान की धनलोलुपता है। वह तो केवल यह चाहता है येन-केन-प्रकारेण धन आना चाहिए, चाहे कोई मरे तो मरे। पहली बात तो यह है कि शराब का सेवन किसी भी रूप में और किसी भी प्रकार से उचित नहीं ठहराया जा सकता है। फिर भी लगता है कि आजकल पूरे कुएं में ही भांग पड़ी हुई है और लोग इसे स्टेटस सिम्बल मानने लगे हैं। शराब ही पीनी है तो फिर ब्राण्डेड ही पीएं। आबकारी विभाग की लापरवाही के बगैर किसी भी हालात में जहरीली शराब नहीं बिक सकती है। इंसानों की जिन्दगी बहुत महत्त्वपूर्ण है। बेहतर यह है कि सरकार को राजस्व का लालच छोड़कर शराबबंदी लागू करके शराब का उत्पादन ही बंद करवा देना चाहिए।
-कैलाश चन्द्र मोदी, सादुलपुर, चूरू
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मिलीभगत का परिणाम
आए दिन जहरीली शराब पीने से लोगों की मौत के समचार पढऩे को मिलते हैं, लेकिन इसकी बिक्री पर रोक नहीं लगने का मुख्य कारण मिलीभगत है। हमारी प्रशासनिक व्यवस्था में भ्रष्टाचार पूरी तरह से घुलमिल गया है। भौतिकवाद की अंधी चकाचौंध में धन का लालच इंसान को इतना भ्रमित कर देता है कि किसी की जान की परवाह तक नहीं करता। समाज में नैतिक मूल्यों की उपेक्षा हो रही है। फिर यह बात भी सही है कि सरकारी अधिकारियों और समाजकंटकों की मिलीभगत से ही इस तरह के गैरकानूनी कारोबार चल रहे हैं। समाजंकटको को नेताओं का भी संरक्षण मिला होता है।
-लता अग्रवाल चित्तौडग़ढ़ ।
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पुलिस और प्रशासन की लापरवाही
अवैध व जहरीली शराब से भरतपुर में हुई मौतों का मामला हो या मध्यप्रदेश में, पुलिस व प्रशासन की लापरवाही ही जिम्मेदार है। मिथाइल व स्प्रिट से बनी शराब हो, हथकढ़ या अवैध भट्टियों में बनी शराब, लोगों की मौत का कारण बनती है। करौली जिले के गांवों में तो शराब छोटी दुकानों पर बेची जा रही है। पुलिस व प्रशासन कोई कार्रवाई नहीं करता। अवैध और जहरीली शराब की बिक्री बंद कराने के लिए आबकारी व पुलिस विभाग गंभीर नहीं। दोनों विभाग धरपकड़ अभियान चलाएं। जहरीली शराब व अवैध शराब बेचने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
-शिवजी लाल मीना, जयपुर
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व्यवस्था में खोट
जहरीली शराब से लोगों के मरने के मामले सामने आते रहते हैं, मगर न तो सरकार और न ही प्रशासन इनसे कोई सबक लेते। इसलिए ऐसे हादसे होते रहते हैं और लोगों को अपनी जान गवानी पड़ती है। किसी त्रासद घटना का सबक यह होना चाहिए कि भविष्य में उससे बचाव या उसे रोकने के हर संभव उपाय किए जाएं? बार-बार इस तरह की घटनाएं हो रही हैं। आखिर कब नींद खुलेगी हमारी सरकार व प्रशासन की? जब कोई बड़ा हादसा हो जाता है, तब संबंधित महकमों की नींद खुलती है। व्यवस्था में कहीं न कहीं खोट है।
-साजिद अली इंदौर
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अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराया जाए
अवैध और जहरीली शराब की बिक्री आबकारी और पुलिस अधिकारियों की उदासीनता का नतीजा है। हाल ही में ऐसी शराब पीने से लोगों की मौत तक हो गई। ऐसे कांड देश में होते रहते हैं। फिर क्षेत्र के सांसद, विधायक उनके परिवार को सांत्वना देने पहुंच जाते हैं। ऐसे मामले में सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। जिस क्षेत्र में ऐसा कांड होता है, उस क्षेत्र के आबकारी अधिकारी और पुलिस अधिकारी के खिलाफ सख्त करवाई करनी चाहिए।
-गोपाल अरोड़ा, जोधपुर
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सिस्टम में अपराधियों की घुसपैठ
जहां भी भ्रष्ट तंत्र व माफिया की साठगांठ हो वहां अवैध धंधों का पनपना कोई आश्चर्य का विषय नहीं है। नेता से लेकर संतरी को जेब में लेकर घूमने वाले अपराधी सारे सिस्टम में अच्छी घुसपैठ रखते हैं। वे अपने इशारे पर विभिन्न थानों में अपनी पसंद के पुलिस वालों की ड्यूटी लगवाने में भी कामयाब हो जाते हैं। ऐसी हालत में अपराध कैसे रुकेंगे? बड़े अधिकारियों को अपराधियों के बारे में जानकारी होती है। इन अधिकारियों को अपना काम ईमानदारी से करने देने के लिए ज्यादा अधिकार देने की जरूरत है।
-अभय गौतम, कोटा
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शराब माफिया को संरक्षण
जहरीली शराब पीने से लगातार हो रही मौतों के मामले सामने आ रहे हैं। जिम्मेदार अधिकारी शराब माफिया पर कार्रवाई करने की बजाय संरक्षण देकर गांव-गांव में शराब की अवैध बिक्री करवा रहे हैं। लोगों की शिकायतों को पुलिस गंभीरता से नहीं लेती। इसी की वजह से सरकार द्वारा आदिवासियों के उत्थान के लिए चलाई जा रही योजनाएं भी धराशायी हो जाती हैं।
-नेहा कुमावत, गोविंदपुरा, जयपुर
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ठेकेदारों पर नियंत्रण का अभाव
देसी कच्ची शराब का उत्पादन गांव-गांव, ढाणी-ढाणी होता है। मुख्य रूप से देशी शराब ही जहरीली होती है। सवाल यह है कि जहरीली शराब सरकारी ठेकों तक कैसे पहुंचती है? ठेकेदार जहरीली शराब बेचकर मोटी कमाई करते हैं और भ्रष्टाचार फैलाते हैं। इसी कारण जहरीली शराब की बिक्री बंद नहीं हो रही है।
-नरेन्द्र कुमार शर्मा, मालवीय नगर, जयपुर
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त्वरित कार्रवाई जरूरी
सरकारों को अवैध व जहरीली शराब की बिक्री को रोकने के लिए ग्राम स्तर पर पंचायतों में व शहरी क्षेत्रों में वार्डो में एक विशेष टीम का गठन करना चाहिए, जिससे क्षेत्र में अवैध शराब की बिक्री पर अंकुश लग सके। पुलिस प्रशासन और आबकारी विभाग को भी चाहिए कि वह विशेष टीम के साथ सामंजस्य स्थापित करे। ऐसे मामलों में त्वरित कार्रवाई आवश्यक है।
-आलोक वालिम्बे, बिलासपुर, छत्तीसगढ़
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आत्म संयम जरूरी
शराब की बिक्री बंद हो या ना हो, व्यक्ति को खुद पर काबू होना चाहिए, क्योंकि आत्मसंयम में बहुत बड़ी ताकत है। व्यक्ति को पता होता है कि शराब पीने से फेफड़े, लीवर, किडनी आदि खराब हो जाते हैं। फिर भी लोग शराब पीना नहीं छोड़ रहे हैं। इसलिए जब तक व्यक्ति का खुद पर नियंत्रण नहीं होगा, समस्या का समाधान नहीं होने वाला।
-ज्योति दयालानी, बिलासपुर।
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दबाव में रहता है पुलिस-प्रशासन
जहरीली शराब से लोगों की जान जा रही है। पैसे के लालच में कुछ लोग अवैध रूप से शराब का उत्पादन करते हैं। ऐसे लोगों को नेताओं का भी समर्थन मिलता है। इन ताकतवर लोगों के दबाव में आकर पुलिस-प्रशासन भी कड़ी कार्रवाई नहीं कर पाता है।
-महेंद्र कुमार चतुर्वेदी, हनुमानगढ़ जंक्शन
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