कमला हैरिस का भारतीय मूल से होना, महिला होना और अश्वेत होना, तीनों अपनी-अपनी जगह अलग अहमियत रखते हंै। इसके चलते राष्ट्रपति जो बाइडन के कार्यकाल में कमला हैरिस की भूमिका भी कुछ कम नहीं रहेगी। हैरिस की भूमिका किसी सामान्य उपराष्ट्रपति से कुछ ज्यादा होना स्वाभाविक है। इसीलिए उनको सिर्फ भारत से रिश्तों की मजबूती तक सीमित न रखकर अन्य महत्त्वपूर्ण दायित्व भी मिल सकते हैं।
जैसे कि अमरीका की पहली उपराष्ट्रपति होने के नाते उनको महिलाओं से जुड़े मामलों में आगे रखे जाने की संभावना है। यह बात भी जगजाहिर है कि राष्ट्रपति बाइडन ने कमला हैरिस को उपराष्ट्रपति के दावेदार के रूप में इसलिए चुना, क्योंकि वह संदेश देना चाहते थे कि डेमोक्रेट्स अश्वेतों के प्रति सजग हैं। अब अमरीका के विभाजित जनमानस को वापस एक पटल पर लाने के काम में भी हैरिस की अहम भूमिका रहेगी।
कमला हैरिस की एक अहम भूमिका सीनेट हाउस में भी रहेगी, जहां उनके हाथों में अब टाइब्रेकर वोट की ताकत है। दरअसल, सीनेट में कुल 100 में से डेमोक्रेटिक और रिपब्लिकन पार्टी के वोट 50-50 में बंट गए हैं और यदि किसी कानून पर कोई फैसला नहीं हो पाता है तो उसका फैसला हैरिस के टाइब्रेकर वोट से होगा।