वर्तमान राजनीतिक परिस्थितियों में सभी गैर भाजपा दलों का बस एक ही ध्येय है कि भाजपा को फिर से सत्तासीन होने से कैसे रोका जाए। इसके लिए हर दल अपनी विचारधारा व रणनीति के हिसाब से प्रयास कर रहा है। आज सम्पूर्ण विपक्ष को एकजुट करने के लिए एक सर्वमान्य नेता की जरूरत है, जिसकी छवि राष्ट्रीय हो। वर्तमान समय में विपक्ष का एकजुट होना मुश्किल लगता है।
-सुरज जोधावत, पीपलाज, ब्यावर
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विपक्ष एकजुट होगा, तभी भाजपा को टक्कर देने में सफल होगा । 2014-19 के मुकाबले भाजपा सरकार का विरोध बढ़ा है। ममता बनर्जी और अरविंद केजरीवाल जैसे नेताओं की ताकत बढ़ी है। गैस, पेट्रोल एवं डीजल मूल्यवृद्धि से जनता परेशान है। विपक्ष को एकजुट होकर महंगाई के खिलाफ खड़ा होना होगा।
-अशोक मूंदड़ा भीलवाड़ा
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आगामी लोकसभा चुनावों तक विपक्ष का एकजुट रहना संभव नहीं है, क्योंकि विपक्ष में सब पार्टियों की विचारधारा अलग-अलग है। इसके बावजूद अगर विपक्ष एकजुट हो जाता है तो भी भाजपा सरकार जनता को लुभाने के लिए कुछ नया तरीका अपना ही लेगी।
-रेवत सिंह राजपुरोहित, सांचोर
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आगामी लोकसभा चुनाव में विपक्ष का एकजुट होना बहुत बड़ी चुनौती है। विपक्ष को और ज्यादा मेहनत करने की जरूरत है, तभी जाकर एक सशक्त व मजबूत विपक्ष की भूमिका अदा की जा सकती है।
-बिहारी लाल बालान लक्ष्मणगढ़ सीकर
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आगामी लोकसभा चुनावों तक विपक्ष की एकजुटता संदेहास्पद ही लगती है, क्योंकि ऐसे प्रयास पूर्व में भी हो चुके और परिणाम भी कोई सकारात्मक नहीं रहा है। सभी अपने आप को सर्वोपरि नेता समझते है । सभी का अहं इसमें अडंगा डालता है। इसलिए विपक्ष का एकजुट होना एक नाटक से अधिक कुछ नहीं लगता है।
-आशुतोष मोदी, सादुलपुर, चूरू
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केंद्र सरकार के मनमाने निर्णयों से आम जनता त्रस्त है। वर्तमान सरकार को महत्वपूर्ण निर्णय लेने से पहले संबंधित पक्षों से विचार-विमर्श करना चाहिए था, लेकिन उसने ऐसा नहीं किया। इससे लोगों में सरकार के प्रति नाराजगी है। इसलिए विपक्ष एकजुट हो सकता है।
-मनोज राम कुमार, सिरोही
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विपक्ष में एकता और सामंजस्य की कमी है। विपक्ष की विभिन्न राजनीतिक पार्टियां अपने-अपने स्वार्थ के लिए एकजुट होने का स्वांग तो रचेंगी, लेकिन वे एक हो नहीं पाएंगी। आगामी लोकसभा चुनावों तक विपक्ष कभी एकजुट नहीं हो पाएगा। बीजेपी का जनाधार तगड़ा है।
-सतीश उपाध्याय, मनेंद्रगढ़ कोरिया, छत्तीसगढ़
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विपक्ष की एकजुटता संसद में तो दिखती है, लेकिन चुनावी धरातल पर कम ही नजर आती है। अगर विपक्ष एकजुट होकर कोई गठबंधन करता है, तो सबसे बड़ी चुनौती उसके सामने टिकटों के बंटवारे को लेकर आती है। फिर बागी उम्मीदवार मुश्किल पैदा कर देते हैं। संयुक्त रूप से विपक्षी दल सत्तारूढ़ सरकार के खिलाफ साझा मंच भी गठित करते हैं, परन्तु शीघ्र ही वह बिखरने लगता है। विपक्ष की एकजुटता तभी सम्भव है, जब व्यक्तिगत राजनीतिक महत्वाकांक्षा से नेता ऊपर उठें।
-सोम शर्मा, श्री डूंगरगढ़ , बीकानेर
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वर्तमान स्थिति जैसे-कोरोना महामारी के बाद बढ़ती महंगाई, किसान आंदोलन, पेगेसस जासूसी आदि के कारण देश की जनता और राजनीतिक दलों में रोष है। इसलिए विपक्ष सत्ता पक्ष के खिलाफ एकजुट होगा।
-महेंद्र गुर्जर, जयपुर
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असंभव है विपक्ष की एकजुटता
दस डपलियों और दस रागों के मिश्रण से बने गीत को जनता सुनना पसंद नहीं करेगी। विपक्ष एकजुट नहीं हो सकता। दो तीन दल एकजुट हो सकते हैं, वे भी आपस में टकराते रहेंगे।
-मुकेश भटनागर, वैशालीनगर, भिलाई
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विपक्ष की एकजुटता बेहद जरूरी है। लोकतंत्र में विपक्ष की अहम भूमिका होती है। विपक्ष पेगेसस मामले की निष्पक्ष जांच के लिए सरकार पर दबाव बनाए, जिससे पेगेसस मामले का सच जनता के सामने आए ।
-अशोक कुमार मीणा, लालसोट, दौसा
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आसान नहीं भाजपा को सत्ता से हटाना
सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के विरुद्ध लोकसभा चुनावों में विपक्ष के एकजुट होने में कोई कठिनाई हो या ना हो पर विपक्षी दल मिलकर सत्ता में नहीं आ पाएंगे। विपक्षी पार्टियों की स्थिति देखकर यही प्रतीत होता है की विपक्ष के गठबंधन की सरकार बनने में अभी बहुत लम्बा समय बाकी है।
-पवन श्रीवास्तव, रीवा, मध्यप्रदेश
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आगामी लोकसभा चुनाव तक विपक्ष एकजुट हो जाए, यह कहना मुश्किल है क्योंकि विपक्षी नेताओं की राय अब भी एक नहीं है। वे अपनी अपनी बातों को जनता के सामने अलग-अलग प्रकार से रख रहे हैं, जिससे लोगों में असमंजसता बढ़ रही है। इसलिए सभी विपक्षी दलों के लिए जरूरी है कि वे किसी भी मुद्दे पर एक राय रखें, जिससे जनता के सामने सही संदेश जाए।
अजय सिंह सिरसला, चूरू
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सभी विपक्षी दलों का एकजुट होना मुश्किल है। सभी विपक्षी दल एकजुट होने की यही शर्त रखते हैं कि चुनाव जीतने पर उनके पार्टी के चेहरे को ही प्रधानमंत्री पद पर बैठाया जाए। इसके कारण सभी विपक्षी दल एकजुट होना चाहें तब भी नहीं हो सकते।
-मनोज दायमा, उदयपुरवाटी, झुंझुनूं