कोरोना के दौर में ऑनलाइन ख़रीददारी में जहां बढ़ोतरी हुई है, वहीं दूसरी ओर साइबर अपराध भी बढ़ते जा रहे हैं। डिजिटल प्लेटफार्म पर सूचनाओं का प्रवाह करते समय बहुत अधिक सावधानी रखने की आवश्यकता है। जहां तकनीक ने हमारा जीवन सुविधा संपन्न बनाया है, वहीं दूसरी ओर सोशल साइट्स के माध्यम से हमारी निजी सूचनाओं को भी सार्वजनिक किया है। बड़ी आबादी अपने रोजमर्रा की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए ऑनलाइन साइट्स पर निर्भर है। इसके कारण ऑनलाइन ठगी आज एक आम समस्या बन गई है। आए दिन जनता साइबर क्राइम का शिकार बन रही है। इस प्रकार की ठगी से तभी बचा जा सकता है, जब ऑनलाइन लेन-देन करते समय हम सतर्क और सावधान रहें। हमें सूचनाओं को सार्वजनिक करते समय भी सूझबूझ का परिचय देने की आवश्यकता है। बैंक निर्देशों का पालन करते हुए भी अपनी निजी जानकारियां साझा नहीं करनी चाहिए।
-डॉ.अजिता शर्मा, उदयपुर
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साइबर अपराधों पर नियंत्रण के लिए जरूरी है की हम जागरूक, सतर्क और सावधान रहें। यह अत्यंत आवश्यक है की हम अपनी निजी जानकारी किसी के साथ भी साझा न करें। अपने बैंकिंग पासवर्ड, एटीएम या फोन बैंकिंग पिन, कार्ड का सीवीवी नंबर, समाप्ति तिथि किसी से शेयर न करें। इसके साथ ही आसान पासवर्ड एवं पासवर्ड रिकवरी सेटिंग में ऐसे प्रश्नों को सम्मिलित न करें, जिसका आसानी से जवाब दिया जा सकता है। यदि किसी के साथ साइबर अपराध हो जाए, तो उसे तत्काल हेल्पलाइन नंबर एवं साइबर अपराध सेल में शिकायत दर्ज करानी चाहिए।
-सुदर्शन सोलंकी, मनावर, मध्यप्रदेश
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महिलाएं एवं बुजुर्ग साइबर अपराधियों के आसान शिकार होते हंै। कुछ एक बातों पर ध्यान दें, तो इस मुसीबत से बचा जा सकता है। एटीएम मशीन का अभ्यास बहुत अच्छे से करें, ताकि आपको किसी की मदद की जरूरत नहीं पड़े। यदि पड़े तो भी सिर्फ सुरक्षा गॉर्ड की मदद लें। एटीएम से निकली पर्चियों को इधर-उधर ना फेंके। पैसे निकालते समय कोशिश करें कि आप मशीन पर अकेले हों और कोई आपके पिन को ना देखे। महिलाएं अपने फोटो व जानकारियों को सोशल साइट्स पर ना डालें। मिस्ड कॉल्स, अनजान लिंक्स व पोर्न साइट्स को टालें। बैंक से फोन आने पर कुछ भी जानकारी शेयर ना करें, बल्कि बैंक जाकर सारी बातें स्पष्ट करें।
-अभय गौतम, कोटा
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साइबर अपराधों पर नियंत्रण रखने के लिए लोगों को स्वयं जागरूक होना होगा। लोगों को इसकी रोकथाम के लिए कुछ प्रभावी उपाय अमल में लाए जाने चाहिए। जैसे कि क्रेडिट कार्ड से खरीद की सीमा रखना, सिस्टम में एंटीवायरस लगवाना, अनचाहे लिंक्स पर क्लिक न करना। लोगों को फेसबुक,वॉट्सएप और ईमेल से आने वाले अनचाहे लिंक्स पर क्लिक नहीं करना चाहिए और अपना पासवर्ड बदलते रहना चाहिए।
-भुवनेश नागर, झालावाड़
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साइबर अपराधों के बढऩे का एक मात्र कारण है कानून का लचीलापन। साइबर अपराधों की रोकथाम के लिए सरकार ने ठोस और कारगर कदम नहीं उठाए। इसके चलते अपराधों में तेजी से वृद्धि हुई है। इसलिए सब से पहले तो इस संबंध में कड़े कानून बनाए जाएं, ताकि अपराधी इस तरह के अपराध करने से पहले कई बार विचार करे। कानून का कड़ाई से क्रियान्वयन भी कराया जाए।
-आशुतोष शर्मा, विद्याधर नगर, जयपुर
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साइबर अपराधों पर नियंत्रण के लिए सरकार को पुलिस प्रशासन व बैंककर्मियों की सहायता से गांव, कस्बे व शहरों में जनसभाएं व रात्रि चौपाल आयोजित करा कर लोगों को मोबाइल पर आने वाले भ्रामक फोन कॉल व संदेश आदि के बारे में सतर्क करने की आवश्यकता है। पुलिसकर्मी जनता के बीच जाकर साइबर अपराधों से बचने के तरीकों के बारे में बताएं।
-हेमन्त पान्डेय, भुसावर,भरतपुर
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तेजी से बढ़ती तकनीक के साथ-साथ देश में साइबर अपराधों की संख्या भी बढ़ी है। इस पर प्रभावी तरीके से नियंत्रण की आवश्यकता है। पुलिस थानों में इसके लिए अलग से स्टाफ रख कर उसे जरूरी आधुनिक आवश्यक उपकरण उपलब्ध कराए जाएं। समय-समय पर आम नागरिकों को जागरूक किया जाए।
-मगन गोयल, सुमेरपुर, पाली
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सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर अपनी निजी जानकारियां साझा न करें। अनजान लोगों की फ्रेंड रिक्वेस्ट स्वीकार न करें, क्योंकि सबसे ज्यादा अपराध इसी वजह से होते हैं। बच्चे ऑनलाइन गेम्स के आदी न बनें। साथ ही ऑनलाइन खरीददारी अच्छे प्लेटफॉर्म से करें। अनजान नंबार से भेजे गए वेब लिंक पर क्लिक करने से बचें, क्योंकि इन सब का मिस यूज होता है। मुद्रा स्थानांतरित करने के लिए विभिन्न ऐप के प्रलोभन में न पड़ें। लोग थोड़े से लालच के चक्कर में फंस कर अपनी सारी जमा पूंजी गंवा देते हैं।
-अशोक कुमार शर्मा, झोटवाड़ा, जयपुर
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साइबर अपराधों पर नियंत्रण केवल जागरूकता संभव है। साइबर युग में एक बड़ा वर्ग मोबाइल व नेटवर्किंग से जुड़ा हुआ है। आज के समय में अनेक ऐसी सोशल साइट हैं, जिनके माध्यम से लोग नौकरी लॉटरी व अन्य कई लालच देकर हमें फंसाते हैं। टेक्नोलॉजी बुरी है या अच्छी यह हमारे इस्तेमाल पर निर्भर है। सबसे पहले साइबर शिक्षा की शुरुआत विद्यालयों और शिक्षकों से करनी चाहिए। साइबर अपराध से बचने का सर्वोत्तम उपाय केवल सावधानी है।
-झूले स्वरी, कोसा, छत्तीसगढ़
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सरकार डिजीटल क्रांति पर बल दे रही है। इसके साथ ही साइबर सुरक्षा पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए। इसके बाजवूद सबसे अच्छा उपाय तो जागरूकता ही है। साथ ही इंटरनेट चलाते समय कभी भी अपनी जानकारी किसी के साथ साझा न करें। सरकार को साइबर अपराध रोकने के लिए कठोर कानून बनाना होगा।
-गजेन्द्र नाथ चौहान, राजसमंद
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आजकल ऑनलाइन को पूरी तरह नहीं छोड़ा जा सकता। इसलिए सावधानी जरूरी है। सुरक्षा के लिए आ रहे नए तरीकों को भी अपनाएं। फिर भी कोई समस्या हो तो कानून का सहारा लेना चाहिए।
-कमलेश गिल, झुंझुनूं
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साइबर अपराध रोकने के लिए सरकार को कड़े कानून बना बनाकर उसे सख्ती से लागू करने की आवश्यकता है। सरकार की जागरूकता के साथ आमजन को भी साइबर अपराधों के प्रति जागरूक रहना होगा। साइबर शिक्षा को पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाया जाना चाहिए।
-हरकेश दुलावा,दौसा
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ऑन लाइन ठगी जैसे प्रकरणों में त्वरित सजा का प्रावधान हो। साइबर क्राइम ब्रांच का प्रभावी मॉनीटररिंग सिस्टम बने। सोशल साइट्स का इस्तेमाल सावधानी से किया जाए।
-खुशवंत कुमार हिंडोनिया, चित्तौडग़ढ़
………….. ठोस नीति की जरूरत
देश में बढ़ते साइबर अपराधों पर नियंत्रण के लिए संचार मंत्रालय कठोर नीति बनाए तथा सफल क्रियान्वयन का बीड़ा भी उठाए। लोगों के बैंक खातों से पैसे निकालने, पोर्न सामग्री से युवापीढ़ी का दिग्भ्रमित हो अपराधों की दुनिया में कदम रखने, लड़कियों को ब्लैकमेल करने, एडिटिंग कर फर्जी वीडियो बनाने की वारदातें बढ़ रही हैं। इन पर समय रहते अंकुश आवश्यक है। पुलिस व प्रशासन को साइबर अपराधों पर नियंत्रण के लिए तकनीकी विशेषज्ञों की टीम गठित करने और जागरूकता अभियान चलाने की भी जरूरत है।
-शिवजी लाल मीना, जयपुर
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सोशल मीडिया पर अपनी निजी तस्वीरें डालने से बचें, उनका कोई भी इस्तेमाल कर सकता है। अपने अकाउंट पर प्राइवेसी सेटिंग को पब्लिक न करें। अगर किसी समस्या में फंस जाते हैं, तो घबराए नहीं। पुलिस को इसकी जानकारी दें।
-रेखा मान, पीलीबंगा, हनुमानगढ़
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साइबर अपराध रोकने के लिए जनता को जागरूक होना पड़ेगा। साथ ही लालच से दूर रहना होगा। सरकार को कड़े कानून एवं कड़ी सजा का प्रावधान करना होगा।आम जनता को नर्ई तकनीक से रुबरु होना चाहिए, ताकि ठगों से बच सके।
-राम नरेश गुप्ता, विवेक विहार सोडाला, जयपुर
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भारत में जहां इंटरनेट यूजर्स की संख्या में जबर्दस्त बढ़ोतरी हो रही है, वहीं इसी अनुपात में साइबर क्राइम भी दिनोंदिन बढ़ता जा रहा है। एक तरफ सरकार डिजिटलाइजेशन व इंटरनेट के इस्तेमाल पर पूरा जोर दे रही है, वहीं दूसरी तरफ इंटरनेट के उपयोग से होने वाली विसंगतियों की तरफ पर्याप्त ध्यान केंद्रित नहीं कर रही है। सवाल यह हैं कि वर्चुअल वर्ल्ड में क्या डेटा सुरक्षित, संरक्षित व गोपनीय है? सरकार व साइबर एक्सपर्ट शरारती तत्वों को चिह्नित कर उनके खिलाफ कार्रवाई करे।
-मुकेश कुमावत, बोराज
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डिजिटल के बढ़ते उपयोग के साथ साइबर क्राइम में भी दिनोंदिन बढ़ोतरी होती जा रही है। इसे रोकने लिए सरकार सख्त कदम भी उठा रही है, लेकिन हमें स्वयं को भी जागरूक होना पड़ेगा। पुलिस लोगो को साइबर क्राइम से बचने के उपाय बताए।
-विरेन्द्र सिंह, मुआना, नागौर
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अपने मोबाइल फोन में एंटीवायरस सॉफ्टवेयर डाउनलोड करें और ऐप्स को अपडेट रखें। अपनी निजी जानकारियां शेयर ना करें। बैंक खाते की जानकारी किसी को ना दें।
-गौरव चौधरी, जोधपुर