जीरो वेस्ट दिवसः व्यर्थ को अर्थ देने की दिशा में आगे बढ़ना ही होगा
Published: Mar 30, 2023 10:50:55 pm
- अंतरराष्ट्रीय ‘जीरो वेस्ट’ दिवस: 30 मार्च
- पृथ्वी को बचाना है तो उठाने होंगे चौतरफा कदम
- उपचारित अपशिष्ट जल के पुन: उपयोग की नीतियों व परियोजनाओं के सफल क्रियान्वयन में जनता के बीच इसकी स्वीकार्यता महत्त्वपूर्ण कारक है।


जीरो वेस्ट दिवसः व्यर्थ को अर्थ देने की दिशा में आगे बढऩा ही होगा
साइबा गुप्ता
रिसर्च एनालिस्ट, काउंसिल ऑन एनर्जी, इनवायरनमेंट एंड वॉटर (सीईईडब्ल्यू) से जुड़े हैं
कार्तिकेय चतुर्वेदी
कंसलटेंट, काउंसिल ऑन एनर्जी, इनवायरनमेंट एंड वॉटर (सीईईडब्ल्यू) से जुड़े हैं
......................................................................................................................... दूसरे क्षेत्रों की तरह जल के क्षेत्र में भी अपशिष्ट की समस्या बढ़ रही है। भारत के लिए अपशिष्ट जल से जुड़ी आर्थिक और पर्यावरणीय संभावनाओं पर ध्यान देना बहुत जरूरी हो गया है, क्योंकि यह सिंचाई जैसे कार्यों के लिए जल उपलब्धता बढ़ाने के साथ-साथ जल स्रोतों को प्रदूषित होने से बचाने में सहायक है। हाल ही में, भारत की अध्यक्षता में आयोजित अरबन-20 की चर्चा में इस पर जोर दिया गया कि शहरी जल सुरक्षा न केवल प्राथमिकता का क्षेत्र बने, बल्कि शहर ‘सर्कुलर इकोनॉमी’ की अगुवाई करें। ‘इंटरनेशनल डे ऑफ जीरो वेस्ट’ के मौके पर यह देखना जरूरी है कि कैसे अपशिष्ट जल की रिसाइक्लिंग और उसे दोबारा इस्तेमाल करने का कदम संभावनाओं के नए दरवाजे खोल सकता है।