ओल्मिपक में जीतना है स्वर्ण पदक –
राष्ट्रमंडल खेलों में पदक जीतने का सपना पूरा करने वाली मैरी से उनके अगले लक्ष्य के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि अभी आगे एशियाई खेल, विश्व चैंपियनशिप और फिर ओलम्पिक होने हैं। मैं इन प्रतियोगिताओं की तैयारी के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ करूंगी। मेरा ओलम्पिक में स्वर्ण पदक जीतने का सपना अभी पूरा नहीं हुआ है और मुझे यह सपना पूरा करना है। बाकी सब ईश्वर पर है कि वह मुझे इस मंजिल तक पहुंचने में कितनी मदद करता है। मुझे इसके अलावा देशवासियों के समर्थन की भी जरूरत पड़ेगी।
राष्ट्रमंडल में पहली बार जीती पदक –
अपने सपने के रास्ते में उम्र के आड़े आने के सवाल पर भड़कते हुए 35 साल की मुक्केबाज मैरी ने कहा कि कौन बोला कि उम्र कोई समस्या है। आ जा दिखाती हूं कि कैसे लड़ा जाता है। जब मेरा शरीर अनुमति नहीं देगा तब मैं लडऩा छोडूंगी। मैं अपनी कड़ी मेहनत जारी रखूंगी और मेरा पूरा ध्यान अपने खेल पर रहेगा। मैं अपना सौ फीसदी प्रदर्शन दूंगी। मैरीकॉम पहली बार राष्ट्रमंडल खेलों में उतरी थीं और उन्होंने पहले ही प्रयास में स्वर्ण पदक जीतकर अपना राष्ट्रमंडल खेलों में पदक जीतने का सपना पूरा किया। भारत ने राष्ट्रमंडल खेलों की मुक्केबाजी में इस बार तीन स्वर्ण, तीन रजत और तीन कांस्य सहित नौ पदक जीते।
फेडरेशन के अध्यक्ष ने किया सम्मानित –
लीजेंड मुक्केबाज ने कहा कि व्यस्त कार्यक्रम के बावजूद मेरा ट्रेनिंग पर पूरा फोकस रहेगा। मैं ट्रेनिंग करती रहूंगी तो कोई मुझे नहीं हरा पायेगा। इससे पहले भारतीय मुक्केबाजी संघ के अध्यक्ष अजय सिंह ने पदक विजेताओं और सपोर्ट स्टाफ के सदस्यों को उनके शानदार प्रदर्शन के लिए सम्मानित किया।