कोरिया के कोच सहित पूरी मैनेजमेंट ने जज के फैसले को चुनौती दी, उन्हें ऐसा लग रहा था कि निशाना 10 पॉइंट का लगा है लेकिन जज ने 9 पॉइंट पर फैसले दिए।वर्ल्ड तीरंदाजी के नियमों के अनुसार जस्ट द्वारा दिया गया फैसला सर्वमान्य होता है और इसका विरोध नहीं किया जा सकता। कोरियाई कोच के द्वारा किया गया यह काम खेल भावना के अनुरूप नहीं है।
ज्योति ने की शानदार शुरुआत एशियन तीरंदाजी चैंपियनशिप के फाइनल में भारत की ज्योति सुरेखा ने शानदार शुरुआत की। उन्होंने पहले सेट में तीन बार 10 पॉइंट हासिल किए और 30-29 की बढ़त बना ली। हालांकि दूसरे सेट में कोरियाई तीरंदाज ने वापसी करते हुए इसको को 58-58 से बराबर कर लिया।यह एक बेहद कड़ा मुकाबला था। चौथे सेट में दोनों खिलाड़ी ने 30- 30 पॉइंट जुटाए लेकिन अंतिम मुकाबले में मामूली अंतर से कोरिया की तीरंदाज पीछे रह गई और उन्हें रजत पदक से संतोष करना पड़ा। भारत का इस प्रतियोगिता में यह दूसरा मेडल था| इससे पहले बुधवार को यादव, अभिषेक वर्मा और अमन सैनी ने साथ मिलकर ब्रोंज मेडल जीता था।