मुक्केबाजी महासंघ और मुक्केबाज आगे की तैयारी में जुट गए
एक तरफ देश अपने मुक्केबाजों की शानदार सफलता का जश्न मना रहा है वहीं दूसरी ओर मुक्केबाजी महासंघ और मुक्केबाज आगे की तैयारी में जुट गए हैं। उनके आगे एशियाई खेलों की चुनौती है, जिसका आयोजन इसी साल जकार्ता में होना है। सम्मान समारोह के दौरान बीएफआई प्रमुख अजय सिंह ने खुलासा किया कि मुक्केबाजों को विश्वस्तरीय ट्रेनिंग दिलाने और उन्हें एशियाई खेलों के लिए पूरी तरह तैयार करने के लिए महासंघ ने उन्हें अमेरिका स्थित माइकल जानसन अकादमी भेजने का फैसला किया है, विश्व स्तरीय एथलेटिक विकास अकादमी है।
मुक्केबाज इस महीने के अंत में अमेरिका जाएंगे
अजय सिंह ने कहा, “हमें अपने मुक्केबाजों की सफलता पर गर्व और खुशी है लेकिन मैं आपको बताना चाहूंगा कि यह हमारे प्रयासों का अंत नहीं बल्कि एक शुरुआत है। हमारे मुक्केबाज इस महीने के अंत में अमेरिका जाएंगे, जहां वे 15 दिनों तक माइकल जानसन अकादमी में ट्रेनिंग लेंगे। इसे विश्व की सबसे उन्नत एथलेटिक विकास अकादमी के रूप में जाना जाता है। हम चाहते हैं कि हमारे मुक्केबाज शारीरिक और मानसिक तौर पर मजबूत हों और खुद को समय पर एशियाई खेलों के लिए तैयार रखें क्योंकि एशियाई खेलों में उन्हें इससे भी अधिक प्रतिस्पर्धा का सामना करना है।”
अमेरिका में एशियाई खेलों की बेहतर तैयारी कर सकेंगे
महिलाओं की 45-48 किग्रा वर्ग में स्वर्ण पदक जीतने वाली देश की अग्रणी महिला मुक्केबाज एमसी मैरीकोम ने बीएफआई अध्यक्ष की आवाज से आवाज मिलाते हुए कहा, “हमारा इतने सारे पदकों के साथ लौटना एक महान सफलता है। ऐसे में जबकि हम इस सफलता का जश्न मना रहे हैं, हमें अगली चुनौती के लिए भी तैयारी शुरू कर देनी चाहिए। मैं अजय सिंह और बीएफआई को अमेरिका में अभ्यास और ट्रेनिंग की सुविधा के लिए धन्यवाद देना चाहूंगी। मुझे उम्मीद है कि अमेरिका दौरा हमें आगे की चुनौती के लिए और अधिक तैयार करेगा और हम एशियाई खेलों की बेहतर तैयारी कर सकेंगे।”
विकास कृष्ण ने दिया धन्यबाद
गोल्ड कोस्ट में 75 किग्रा वर्ग में स्वर्ण जीतने वाले अनुभवी मुक्केबाजी विकास कृष्ण ने तमाम सहयोग और समर्थन के लिए बीएफआई का धन्यवाद किया और कहा कि वह आने वाले आयोजनों में भी अपना स्तरीय प्रदर्शन जारी रखेंगे। विकास ने कहा, “चैम्पियनशिप के लिए हमें तैयार करने के लिए हमारे कोचों ने काफी मेहनत की थी। मैं यहां महासंघ के प्रयासों की सराहना करना चाहूंगा। हमने जिस तरह की सुविधा मिली थी और हमने जिस स्तर की तैयारी की थी, उससे मैं अच्छे प्रदर्शन को लेकर आश्वस्त था। मैं बहुत खुश हूं कि हमारी टीम 9 पदक लेकर लौटी है।”
भारत ने गोल्ड कोस्ट में मुक्केबाजी में कुल नौ पदक जीते। इसमें तीन स्वर्ण, तीन रजत और तीन कांस्य पदक शामिल हैं। भारत पदक तालिका में आस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बाद तीसरे स्थान पर रहा। अपने मुक्केबाजों के अलावा निशानेबाजों और भारोत्तोलकों के अच्छे प्रदर्शन के दम पर भारत ने 66 पदक हासिल किए, जिनमें 26 स्वर्ण शामिल हैं।