छठी बार चैंपियन बन सकती हैं मैरी कॉम-
मैरी कॉम छठे विश्व खिताब के लिए प्रयासरत हैं और भारत की ओर से उन्हें स्वर्ण पदक का पक्का दावेदार माना जा रहा है। मैरी कॉम को ड्रा के सेकेंड हाफ में रखा गया है। अपने स्वर्ण तक के सफर में मैरी कॉम को दो मुश्किल खिलाड़ियों-उजबेकिस्तान की जुलासाल सुल्तोनालेविया और उत्तर कोरिया की किम ह्यांग ह्यांग मी से सामना करना होगा। मी को भी पहले राउंड में बाई मिला है। ऐसे में सेमीफाइनल में मैरी कोम का सामना मी से ही हो सकता है। मी ने एबीसी कन्फेडरेशन में रजत पदक जीता है।
यह है टीम के बाकी खिलाड़ी-
भारत की ओर से रानी पिंकी (51), सोनिया (57), सरिता देवी (60), लवलीना बोगोर्हेन (69), स्वीटी (75) और सीमा पूनिया (81 प्लस) को पहले राउंड में बाई मिला है। लेकिन मनीषा (54), सिमरनजीत कौर (64) और भाग्यवती काचारी (81) को क्वार्टर फाइनल में पहुंचने के लिए दो राउंड तक भिड़ंत करनी होगी। इनके मुकाबले मंगलवार से होंगे।
सरिता से भी पदक की उम्मीद-
भारत को पूर्व विश्व चैम्पियन और पांच बार की एशियाई चैम्पियन सरिता देवी से भी पदक की उम्मीद है। लाइटवेट कटेगरी में लड़ने वाली सरिता देश की दूसरी सबसे अच्छी मुक्केबाज हैं। हालांकि चौथी सीड सरिता को पदक तक के अपने सफर में मौजूदा विश्व चैम्पियन चीन की यांग वेनलू और रियो ओलम्पिक में कांस्य पदक जीतने वाली रूस की अनास्तासिया बेलियाकोवा के साथ दो-दो हाथ करना होगा।
सीमा पूनिया सीधे मेडल राउंड में-
हालांकि, हैवीवेट क्लास (81 प्लस) में उतर रही सीमा पूनिया इस टूर्नामेंट में भारत की इकलौती ऐसी खिलाड़ी हैं जो बिना किसी परिश्रम के मेडल राउंड में उतरेंगी। पहले राउंड में बाई मिलने के कारण सीमा सीधे क्वार्टर फाइनल में कदम रखेंगी। क्वार्टर फाइनल में वह चीन की शिओल यांग के खिलाफ रिंग में होंगी। यह एकमात्र ऐसी कैटेगरी है जिसमें 10 मुक्केबाज हैं जिनमें से छह को बाई मिला है। सीमा को हालांकि चीन की खिलाड़ी से सावधान रहने की जरूरत है क्योंकि इस खिलाड़ी ने जेजु और अस्थाना में लगातार दो स्वर्ण पदक जीते हैं।
पिंकी-सोनिया के ड्रा-
ग्लास्गो राष्ट्रमंडल खेलों में कांस्य पदक जीतने वाली भारत की पिंकी रानी को 51 किलोग्राम भारवर्ग में हालांकि मुश्किल का सामना करना पड़ेगा क्योंकि इस भारतीय खिलाड़ी को दूसरे हाफ में जगह मिली है जहां एशियाई खेलों की स्वर्ण पदक विजेता चीन की चांग युआन और इंग्लैंड के प्रतिभावान मुक्केबाज इबोनी जोंस खिताब की प्रबल दावेदार हैं। फेथरवेट कैटेगरी में भारत की सोनिया को दूसरे हाफ में रखा गया है। विश्व चैम्पियनशिप में पदार्पण कर रहीं सोनिया को रियो ओलम्पिक की रजत पदक विजेता चीन की यिन जुनहुआ, जर्मनी की ओरनेल गेब्रिएल वाहनेर और सीडब्ल्यूजी रजत पदक विजेता आयरलैंड की मिशेल वाल्श की चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा।
लवलिना-स्वीटी के ड्रा कठिन-
भारत की लवलिना और स्वीटी के लिए यह टूर्नामेंट आसान नहीं होगा क्योंकि उनकी जो विपक्षी हैं वह विश्व ख्याति प्राप्त हैं। जेजू विश्व चैम्पिनयशिप-2014 में रजत पदक जीतने वाली स्वीटी को रियो ओलम्पिक की रजत पदक विजेता नीदरलैंड्स की मिरेली नाउचका फोंटजिन और अन्य यूरोपियन तथा एशियाई मुक्केबाजों से चुनौती मिलेगी। 21 साल की लवलिना को विश्व चैम्पियनशिप के पिछले संस्करण की रजत पदक विजेता फिनलैंड की इलिना गुस्ताफसोन और चीनी ताइपे की चेन निएन चिन से पहले हाफ में कड़ी चुनौती मिलेगी।
उद्घाटन समारोह-
उद्घाटन समारोह का आगाज अलग-अलग तरह की नृत्य कलाओं-भरतनाट्यम, कुच्चीपुडी,ओडिशी, के माध्यम से भारतीय संस्कृति को दर्शाते हुए किया गया। समारोह के दौरान मार्शल आर्ट्स ने लोगों को बांधे रखा। इसके बाद 25 सदस्यीय शिलांग चैम्बर चोइर ने भी दर्शकों को मदमस्त किया। इस चैम्बर में 15 गायकों के अलावा म्यूजिशियन शामिल थे। चोइर के सदस्यों ने अपने प्रदर्शन से बेहतरीन समां बांधा। लाइड एंड साउंड शो ने भी दर्शकों का मन मोहा जहां एलईडी ड्रर्म्स और फ्यूजन म्यूजिक से स्टेज सरावोर था। दर्शकों ने इस उद्घाटन समारोह का जमकर लुत्फ उठाया।