25 मीटर स्टैंडर्ड पिस्टल में जीता उन्होंने ब्रॉन्ज मेडल
अरविंद ने कड़ी प्रैक्टिस करते हुए उनसे भी छोटे शूटर्स को पछाड़कर यह मुकाम हासिल किया है। उन्होंने इस प्रतियोगिता के लिए महज क्वालिफाई ही नहीं किया बल्कि जीता भी। अरविंद कौशल ने बताया कि 25 मीटर स्टैंडर्ड पिस्टल में उन्होंने हिस्सा लिया था, जिसमें उन्होंने ब्रांज मेडल जीता है। इस पूरी प्रतियोगिता में कुल 240 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया था।
बेटे का रोल मॉडल बनना चाहते हैं अरविंद कौशल
आपको जानकर हैरानी होगी कि अरविंद कौशल का शूटिंग शुरू करने का मकसद ये था कि वो अपने बेटे को निशानेबाजी में आगे बढ़ाना चाहते हैं और इसके लिए उन्हें अपने बेटे का रोल मॉडल बनना है। अरविंद के बेटे का नाम अभिवीर कौशल है। अरविंद का कहना है कि एक पिता के तौर पर में अपने बेटे के सामने ऐसी मिसाल बनूं, जिसे देखकर उसे भी गर्व हो। इसी के लिए मैं इस फील्ड में आया हूं। मेरी ख्वाहिश है कि मेरा बेटा मुझे देश का प्रतिनिधित्व करता हुआ देखे।
ऑफिस से आने के बाद करते हैं प्रैक्टिस
32 साल के अरविंद कौशल पेशे से मैकेनिकल इंजीनियर हैं। अरविंद बताते हैं कि उनके पर्सनल लाइफ में काफी कुछ घटा, जिसकी वजह से उन्होंने शूटिंग में आने का फैसला किया है। अरविंद ऑफिस के बाद शूटिंग की प्रैक्टिस करते हैं और अपने कोच के मार्गदर्शन से यहां तक पहुंचे हैं। अरविंद अब ऑल इंडिया प्री नेशनल के लिए .22 स्टैंडर्ड पिस्टल और .32 सेंटर फायर इवेंट के लिए क्वालिफाई कर चुके हैं।