जीत चुकी है गोल्ड मेडल
एशियाई खेलों में गोल्ड मेडल जीत चुकी और 9 बार की नेशनल चैम्पियन रही एथलीट सुधा सिंह ने यह कह कर पुरस्कार राशि लेने से इंकार कर दिया था की “खेल विभाग ने यह कसम खा रखी है कि वह मुझे अपने यहां नहीं आने देगा। मैंने लगातार तीन पदक जीते हैं, उसके बावजूद मेरे साथ ऐसा बर्ताव हो रहा है। मैं खेल विभाग में उपनिदेशक का पद चाहती हूं लेकिन नियमों का हवाला देकर कहा जा रहा है कि मुझे यह पद नहीं मिल सकता। मैं अब पूरी तरह निराश हो चुकी हूँ ।’ उन्होंने कहा उन्हें रुपये नहीं बल्कि खेल उपनिदेशक का पद चाहिए हालांकि राज्यपाल राम नाईक के आग्रह पर बाद में उन्होंने पुरस्कार राशि स्वीकार कर ली थी।
बाद में मांगी माफ़ी
बाद में जब सुधा को यह अहसास हुआ कि उन्हें उप निदेशक पद की मांग नहीं करनी चाहिए थी । सुधा ने कहा, ‘उपनिदेशक पद मांगने के लिए मैं माफी चाहती हूं।मुझे क्षेत्रीय क्रीडाधिकारी ही बना दिया जाए, लेकिन विभाग के कुछ लोग ही नहीं चाहते कि मैं उनके महकमे में आ सकूं।’सुधा ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पिछले दिनों हुई मुलाकात में उनसे पुलिस उपाधीक्षक का पद देने की पेशकश की थी, लेकिन उन्होंने खेल उपनिदेशक पद की मांग की जिस पर मुख्यमंत्री ने हामी भर दी थी। इसके बावजूद खेल विभाग नियमों का हवाला देकर इनकार कर रहा है।उत्तर प्रदेश के रायबरेली जिले की रहने वाली सुधा के एशियाई खेलों में रजत पदक जीतने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उन्हें राजपत्रित अधिकारी की नौकरी देने की घोषणा की थी।