सुनील का था मौजूदा चैम्पियन से मुकाबला
ग्रीको रोमन स्पर्धा के 87 किग्रा भारवर्ग में वर्ग के फाइनल में सुनील का मुकाबला मौजूदा चैम्पियन ईरान के हुसैन अहमद नूरी से था। नूरी ने सुनील के स्वर्ण पदक जीतने के अरमानों पर पानी फेरते हुए उन्हें 2-0 मात दी। नूरी का यह एशियाई कुश्ती चैम्पियनशिप में यह तीसरा स्वर्ण पदक है।
इससे पहले सुनील ने क्वार्टर फाइनल में ताजिकिस्तान के पहलवान तोखिरजोन ओखोनोव को 14-7 से हराया था। इसके बाद सेमीफाइनल मुकाबले में कजाखिस्तान के पहलवान अजमत कुस्ताबेयेव को शिकस्त दी थी, लेकिन फाइनल में वह अपनी जीत का सिलसिला कायम नहीं रख सके।
गुरप्रीत का मुकाबला था कोरियाई पहलवान से
वहीं ग्रीको रोमन स्पर्धा के ही 77 किग्रा वर्ग के फाइनल में गुरप्रीत का मुकाबला लंदन ओलंपिक के स्वर्ण पदक विजेता और चार बार एशियाई चैम्पियन रह चुके कोरिया के पहलवान हियोनवू किम से था। किम ने गुरप्रीत को 8-0 से मात दी।
इससे पहले गुरप्रीत ने क्वार्टर फाइनल मुकाबले में कतर के पहलवान बखित शरीफ बद्र को एकतरफा मुकाबले में 10-0 से हराकर सेमीफाइनल में प्रवेश किया था तो एक कड़े मुकाबले में कजाकिस्तान के पहलवान तमेरलान शादुकायेव को 6-5 से मात दी थी। सेमीफाइनल मुकाबले की थकान गुरमीत पर स्पष्ट दिखी और वह फाइनल मुकाबला हार बैठे। इस तरह उन्हें भी सुनील की तरह रजत पदक से ही संतोष करना पड़ा।
प्रेम पदक से चूके
ग्रीको रोमन स्पर्धा के 130 किग्रा भारवर्ग में भारतीय पहलवान प्रेम भी कड़े दावेदार थे। वह क्वार्टर फाइनल में उजबेकिस्तानी पहलवान मुमिनजोन अब्दुल्लायेव को 8-0 से हराकर कर रेपचेज के जरिये कांस्य पदक की दावेदारी पेश की थी। लेकिन इस मुकाबले में उन्हें कजाकिस्तान के पहलवान दामिर कुजेमबायेव से हार झेलनी पड़ी। प्रेम के अलावा ग्रीको रोमन स्पर्धा के 55 और 63 किग्रा वर्ग में मनजीत और विक्रम कुराडे को भी निराशा हाथ लगी।