बेहद गरीब परिवार से आती है संदीप –
इस प्रतियोगिता में संदीप ने शानदार प्रदर्शन करते हुए पोलैंड की कैरोलीना एमपुस्का 5-0 से हराया। संदीप बेहद गरीब परिवार से आती हैं उनके घर में पैसों की काफी किल्लत है। संदीप के पिता सरदार जसवीर सिंह पटियाला में ऑटो चलाते हैं। जब उनको पता चला कि संदीप बॉक्सर बनना चाहती हैं तो उन्होंने संदीप को प्रोत्साहन दिया और खेल जारी रखने को कहा। उस वक्त पिता ने कहा- ‘मैं इतना कमाता हूं कि कोई भूखा नहीं सोएगा।’ संदीप को बॉक्सिंग की प्रेरणा उनके चाचा सिमरनजीत सिंह से मिली, जो गांव की एक अकैडमी में बॉक्सिंग किया करते थे। संदीप का कहना है ” जब मैं बच्ची थी, तब अपने अंकल के साथ गांव के पास स्थित बॉक्सिंग अकैडमी में जाती थी। मैंने वहां कुछ युवा बॉक्सर्स को देखा और धीरे-धीरे इस खेल में मेरी रुचि बढ़ने लगी।’
गांव वाले मारते थे ताने –
एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक संदीप ने कहा “जब मैं 8 साल की थी तो मैंने बॉक्सिंग ग्ल्व्स उठा लिए थे और ट्रेनिंग शुरू कर दी थी।” सुनील कुमार की कोचिंग में उन्होंने ट्रेनिंग शुरू की। संदीप के परिवार को गांव वालों के काफी ताने सुनने पड़े। लेकिन उन्होंने संदीप को बॉक्सिंग कराई। आज संदीप कुमार ने भारत का नाम रोशन कर दिया है।