नंबर-1. साइना-सिंधु का गोल्ड के लिए मुकाबला
पूर्व नंबर एक बैडमिंटन खिलाड़ी साइना नेहवाल और रिओ ओलंपिक्स में सिल्वर मेडल विजेता पीवी सिंधु का महिला एकल का फाइनल मुकाबला, इस कामनवेल्थ गेम्स का सबसे यादगार लम्हा रहने वला है। इस मैच में जीत सिर्फ भारत की ही होनी थी, ऐसा मुकाबला भला यादगार कैसे न हो। साइना नेहवाल ने यह मुकाबला 21-18, 23-२१ के अंतर से सिंधु से जीत लिया। साइना आपको यह मुकाबला जीतने के लिए ढेरों बधाइयां। देश हमेशा ही यह शानदार मुकाबला अपनी यादों में सजा के रखेगा।
नंबर-2. नीरज चोपड़ा का एथलेटिक्स में गोल्ड
अंडर-20 वर्ल्ड चैंपियन नीरज चोपड़ा फील्ड स्पर्धा के इकलौते भारतीय वर्ल्ड रिकॉर्ड होल्डर हैं। नीरज मात्र 20 साल के हैं और उनसे भारत को टोक्यो ओलंपिक्स में ऐतिहासिक मेडल की उम्मीद होगी। भारत के नीरज ने इस कामनवेल्थ गेम्स के जेवलिन थ्रो स्पर्धा में अपना सीजन बेस्ट थ्रो फेकते हुए आसानी से गोल्ड मेडल भारत की झोली में डाला था।ट्रैक एंड फील्ड में यह CWG खेलों का चौथा गोल्ड था। इससे पहले मिल्खा सिंह ने 1958, कृष्णा पुनिआ ने 2010 और विकास गौड़ा ने 2014 कामनवेल्थ खेलों में गोल्ड मेडल जीता है। यह जेवलिन थ्रो में भारत का पहला गोल्ड मेडल था।
नंबर-3. टेटे खिलाड़ी मनिका बत्रा के चार मेडल
भारत की 22 साल की टेबल टेनिस खिलाड़ी मनिका बत्रा ने कामनवेल्थ गेम्स 2018 में कुल चार मेडल जीते हैं जिसमे दो गोल्ड मेडल हैं। उन्होंने CWG की एक बार की गोल्ड मेडलिस्ट व दो बार की सिल्वर मेडलिस्ट सिंगापुर की ये मेंग्यू को हराकर विमेंस सिंगल्स का गोल्ड मेडल मुकबला जीता। इसके साथ ही उन्होंने महिलाओं की टीम स्पर्धा में भी गोल्ड मेडल जीता। उन्होंने विमेंस डबल्स के मुकाबले में सिल्वर मेडल और मिक्स्ड डबल्स में ब्रॉन्ज मेडल जीतकर मेडलों का चौका लगाया।
नंबर-4. 15 साल के अनीश भनवाला का गोल्ड
मात्र 15 की उम्र में भारतीय निशानेबाज अनीश भनवाला ने शानदार प्रदर्शन करते हुए CWG रिकॉर्ड के साथ 25 मीटर रैपिड फायर पिस्तौल में गोल्ड मेडल जीता। अनीश भारत के कामनवेल्थ खेलों में गोल्ड जीतने वाले सबसे युवा खिलाड़ी हैं। अनीश ने 25 मीटर रैपिड फायर पिस्तौल के फाइनल में रिकॉर्ड 30 में से 30 निशाने साधकर रिकॉर्ड कायम कर दिया। इससे पहले इसी कामनवेल्थ खेलों में भारत की 16 साल की मनु भाकर गोल्ड मेडल जीतने वाली सबसे युवा भारतीय गोल्ड मेडलिस्ट बनी थी।
नंबर-5. सुशील और मैरी कॉम का गोल्ड मेडल
भारतीय पहलवान सुशील ने तीन कामनवेल्थ खेलों में लगातार गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रच दिया था। सुशील ने 2010 दिल्ली कामनवेल्थ गेम्स उसके बाद 2014 ग्लासगो कामनवेल्थ खेलों में गोल्ड मेडल जीता था। उन्होंने इस बार भी गोल्ड मेडल जीतकर अपनी हैट्रिक पूरी की। इसके साथ ही सुशील 2008 बीजिंग ओलंपिक्स में ब्रॉन्ज मेडल जीत चुकें हैं और 2012 लंदन ओलंपिक्स में उनके नाम सिल्वर मेडल रहा था। इस लिस्ट में दूसरा नाम पांच बार की विश्व चैंपियन और पांच बार की एशियाई चैंपियन मैरी कॉम का है। मैरी कॉम ने कामनवेल्थ खेलों का अपना पहला मेडल जीता। चैंपियन खिलाड़ी मैरी कॉम रिओ ओलिंपिक में ब्रॉन्ज मेडल जीत चुकीं हैं।