हालांकि एएफआइ ने इसे कोई मुद्दा नहीं कहकर खारिज कर दिया और कहा कि वह देश को शर्मसार होने से बचाने के लिए ऐसा करना चाहता था। लंदन में पिछले सप्ताह विश्व चैंपियनशिप के फाइनल में पहुंचने वाले पहले भारतीय जेवलिन थ्रोअर बने कंग ने कहा, ‘जिस दिन मैं लंदन रवाना हो रहा था, एएफआइ के एक अधिकारी ने मुझसे विश्व चैंपियनशिप से हटने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि आइएएएफ परीक्षण करेगा और मुझे प्रतिबंधित कर दिया जाएगा।’
उन्होंने आगे बताया, ‘मुझसे कहा गया कि लंदन में भी क्वालीफाइंग दौर से ठीक पहले मुझे इसी आधार पर स्पर्धा में भाग नहीं लेने के लिए कहा गया। मैं नहीं जानता था कि क्या करूं। मैं अपने कमरे में रो रहा था, लेकिन कुछ लोगों से सलाह लेने के बाद मैंने प्रतिस्पर्धा में हिस्सा लेने का फैसला किया और जेवलिन थ्रो के फाइनल में पहुंचने वाला पहला भारतीय बना।
रिकॉर्ड बनाने से महज कुछ कदम दूर रह गए देवेंद्र –
जांनकारी के लिए आपको बता दें कि देवेंद्र सिंह कंग अपने ऐतिहासिक फाइनल राउंड में प्रभावित करने में असफल रहे और पुरुष भाला फेंक स्पर्धा में निराशाजनक 12वें स्थान पर रहे।मिल रहे जानकारी के मुताबिक विश्व चैंपियनशिप की भाला फेंकस्पर्धा के फाइनल के लिए क्वालीफाई करने वाले पहले भारतीय कंग ने काफी लचर प्रदर्शन किया और वह ओलंपिक स्टेडियम में अपने तीसरे प्रयास में 80.02 मीटर का सर्वश्रेष्ठ थ्रो फेंकसके।उन्होंने 75.40 मीटर से शुरुआत की और 13 एथलीटों में अपने दूसरे प्रयास में फाउल कर बैठे। तीन राउंड के बाद वह बाहर हो गए, जबकि शीर्ष आठ एथलीटों ने स्पर्धा जारी रखी। कंग का सत्र और व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 84.57 मीटर का है।