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हॉकी से अर्जुन पुरस्कार के लिए मनप्रीत, धरमवीर और सविता के नाम की सिफारिश

locationनई दिल्लीPublished: May 03, 2018 05:07:28 pm

Submitted by:

Prabhanshu Ranjan

हॉकी इंडिया ने भारतीय पुरुष हॉकी टीम से मनप्रीत और धरमवीर जबकि महिला टीम से सविता के नाम की सिफारिश अर्जुन अवार्ड के लिए की है।

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नई दिल्ली। हॉकी इंडिया (एचआई) ने अर्जुन पुरस्कार के लिए भारतीय पुरुष हॉकी टीम के खिलाड़ी मनप्रीत सिंह और महिला टीम की गोलकीपर सविता के नाम की बुधवार को अनुशंसा की। एचआई ने सविता और मनप्रीत के अलावा, भारतीय पुरुष टीम के अनुभवी मिडफील्डर धरमवीर सिंह का नाम भी अर्जुन पुरस्कार के लिए दिया है।

भारतीय पुरुष टीम के पूर्व कप्तान भरत छेत्री और महिला टीम की पूर्व खिलाड़ी संगाई इबेमहाल चानू का नाम हॉकी इंडिया ने ध्यानचंद पुरस्कार (लाइफटाइम अचीवमेंट) के लिए दिया है। द्रोणाचार्य पुरस्कार के लिए एचआई ने कोच बी.एस. चौहान का नाम दिया है।

एचआई के महासचिव मोहम्मद मुश्ताक अहमद ने कहा, “हम इन हॉकी खिलाड़ियों का नाम देकर बहुत खुश है, जिन्होंने भारतीय हॉकी जगत में अतुलनीय योगदान दिया है। उन्होंने शानदार प्रदर्शन से अपनी क्षमता को साबित किया है। ये प्रदर्शन भारतीय टीम को नई ऊचाइयों तक लेकर गए हैं। हम सभी को उनकी इन उपलब्धियों पर गर्व है और राष्ट्रीय पुरस्कारों के लिए उनके नाम देकर हम खुश हैं।”

पंजाब के अनुभवी मिडफील्डर धरमवीर दक्षिण कोरिया के इंचियोन में 2014 में हुए एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाली भारतीय टीम का हिस्सा थे। इसके अलावा वह 2012 के लंदन ओलम्पिक और हेग में 2014 में हुए पुरुष हॉकी विश्वकप में टीम के सदस्य रह चुके हैं।

मनप्रीत, पी.आर. श्रीजेश की गैरमौजूदगी में भारतीय टीम के कप्तान बने थे। श्रीजेश पिछले साल चोटिल हो गए थे। मनप्रीत की कप्तानी में ही भारत ने गत वर्ष मलेशिया को हराकर एशिया कप का खिताब जीता था। इसके अलावा भारतीय टीम ने उनकी कप्तानी में पिछले साल भुवनेश्वर में हुए पुरुष हॉकी वर्ल्ड लीग फाइनल में कांस्य पदक जीता था।

भारत के लिए 200 से अधिक अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने वाले मनप्रीत 2012 और 2016 ओलम्पिक में भी टीम के सदस्य रह चुके हैं। वह उस टीम का हिस्सा थे जिसने गत वर्ष लंदन में चैंपियंस ट्राफी और 2014 के ग्लासगो राष्ट्रमंडल खेलों में रजत पदक जीता था।

भारतीय महिला टीम की गोलकीपर सविता पिछले कुछ वर्षों से टीम की अहम सदस्य रही हैं। हरियाणा की सविता के शानदार गोल बचाव की वजह से ही भारत ने गत वर्ष अपने से ऊंची रैंकिंग वाली चीन को पेनल्टी शूटआउट में हराकर ऐतिहासिक एशिया कप का खिताब अपने नाम किया था।

27 साल की सविता उस टीम की अहम सदस्य थीं जिसने 36 साल बाद ओलम्पिक के लिए क्वालीफाई किया था। वह 2016 में एशियाई चैंपियंस ट्राफी जीतने वाली टीम की भी अहम सदस्य रह चुकी हैं।

लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड के लिए नामित पूर्व खिलाड़ी संगाई इबेमहाल चानू 2002 में मैनचेस्टर राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण और 2006 में मेलबर्न में रजत पदक जीतने वाली टीम की सदस्य रह चुकी हैं। चानू उस टीम की सदस्य रह चुकी हैं जिसने 2014 में नई दिल्ली में घरेलू दर्शकों के सामने खिताब अपने नाम किया था। चानू दो बार, 1998 और 2006 में विश्वकप में भारतीय टीम की अगुवाई कर चुकी हैं।

पूर्व गोलकीपर और कप्तान भरत छेत्री की कप्तानी में भारत ने 2012 में लंदन ओलम्पिक हिस्सा लिया था। वह 2010 में भारत की मेजबानी में हुए राष्ट्रमंडल खेलों में रजत पदक जीतने वाली भारतीय टीम का हिस्सा थे। उनके रहते ही टीम ने उसी वर्ष एशियाई खेलों में कांस्य पदक अपने नाम किया था।

सीनियर हॉकी कोच बी.एस. चौहान का नाम द्रोणाचार्य अवार्ड के लिए दिया गया है। उन्होंने लंबे समय तक भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) के कोच के रूप में काम किया है। जमीनी स्तर पर हाकी को ऊपर ले जाने में चौहान ने बेहतरीन योगदान दिया है।

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