दूसरे गेम में हार गई साथियान
साथियान ने रविवार रात खेले गए फाइनल मैच में योशिमुरा को 4-2 (11-7, 3-11, 11-6, 6-11, 13-11, 11-7) से मात दी। चेन्नई के निवासी साथियान ने पहला गेम जीता, लेकिन दूसरे गेम में उन्हें हार मिली। इसके बाद उन्होंने तीसरे गेम में जीत हासिल की और चौथा गेम हार गए। पांचवां गेम दोनों खिलाड़ियों के बीच रोमांचक रहा। दोनों ही जीत हासिल कर अच्छी बढ़त लेने की कोशिश में थे। ऐसे में इस पांचवें गेम में योशिमुरा ने साथियान के खिलाफ 11-10 से बढ़त ले ली। उन्होंने इस गेम को जीतने के लिए दो अंकों की जरूरत थी, लेकिन भारतीय खिलाड़ी ने बाजी पलटते हुए तीन अंक हासिल किए और 13-11 से गेम जीत लिया।
सौम्यजीत घोष ने खिताब अपने नाम किया
भारत के 24 वर्षीय खिलाड़ी के लिए छठे गेम में जीत हासिल करना मुश्किल नहीं था। साथियान ने 11-7 से गेम अपने नाम किया और कुल स्कोर में योशिमुरा को 4-2 से हराकर स्वर्ण जीता। इस टूर्नामेंट के सेमीफाइनल में साथियान ने हांगकांग के सियु हांग लाम को 4-1 (11-7, 11-8, 11-3, 8-11, 12-10) से मात दी। महिला युगल वर्ग में मणिका-मोउमा की जोड़ी ने झी-यांग की जोड़ी को कड़ी टक्कर देने की पूरी कोशिश की, लेकिन सफलता हासिल नहीं कर सकी। साथियान का यह करियर का दूसरा सबसे बड़ा खिताब है। दो साल पहले उन्होंने आईटीटीएफ वर्ल्ड टूर बेल्जियम ओपन में स्वर्ण पदक अपने नाम किया था। कुछ माह पहले भारत के एक अन्य टेबल टेनिस खिलाड़ी सौम्यजीत घोष ने अपने हमवतन एंथोनी अल्माराज को मात देकर चिली ओपन का खिताब अपने नाम किया था। उन्हें इस रोमांचक मैच में 3-2 से हार मिली।
मणिका-मोउमा ने जीता रजत पदक
मणिका-मोउमा ने पहले गेम में 11-9 से जीत हासिल कर ली थी और इस मैच में दोनों को जीत की उम्मीद थी, लेकिन कुछ गलतियों का उन्हें बड़ा खामियाजा भुगतना पड़ा। वे अगला गेम 6-11 से हार गईं। अगले गेम में जीत हासिल कर दोनों खिलाड़ियों ने बढ़त ली, लेकिन इसके बाद के अगले दो गेम जीतकर कोरियाई जोड़ी ने स्वर्ण पदक अपने नाम कर लिया।