दुती ने किए हैं बड़े-बड़े कारनामें
वर्ष 2012 में चांद ने 19वीं श्रेणी में राष्ट्रीय चैंपियन बनकर 100 मीटर दौड़ में 11.8 सेकंड का रिकॉर्ड किया था। 23.811 सेकेंड में चॉक ने पुणे में एशियाई चैंपियनशिप में 200 मीटर की दौड़ में कांस्य जीता। वर्ष में भी उन्हें विश्व की 100 मीटर फाइनल में फाइनल के फाइनल तक पहुंचने वाले पहले भारतीय बने, जब वह 2013 विश्व युवा चैंपियनशिप में फाइनल में पहुंच गईं। उसी वर्ष, वह 100 मीटर और 200 मीटर में राष्ट्रीय चैंपियन बन गई, जब उसने 100 मीटर में फाइनल में 11.73 सेकंड और 200 मीटर में कैरियर का सर्वश्रेष्ठ 23.73 सेकेंड में रांची में नेशनल सीनियर एथलेटिक्स चैंपियनशिप में जीता।
एक बार बैन भी किया गया था दुती चंद को
दुती चंद पर एक समय बैन भी लगाया गया था। लेकिन इसके बावजूद उन्होंने हिम्मत से काम लिया। जुलाई 2014 में ग्लासगो कॉमनवेल्थ गेम्स के स्टार्ट होने के कुछ दिन पहले ही इंडियन फेडरेशन ने दुती पर बैन लगा दिया था। ये बैन शारीरिक परेशानी के कारण लगा था। दरअसल दुती के शरीर में टेस्टोस्टेरोन का लेवेल कई गुना ज्यादा था, जिसके चलते उनको डिस्क्वालिफाई कर दिया गया था और उनपर बैन भी लग गया था।
अपने ऊपर लगे बैन से दुती घबराई नहीं। वो करीब एक साल तक किसी भी प्रतियोता में हिस्सा नहीं ले पाई लेकिन उन्होंने साहस बनाए रखा। उन्होंने पूरी हिम्मत के साथ स्विट्जरलैंड में स्थित कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन ऑफ स्पोर्ट्स (सीएएस) में इस बैन के खिलाफ अपील की है। कोर्ट ने दुती की बात समझी और उनपर से बैन हटा दिया जिसके बाद एक बार फिर से उन्होंने अपना करीयर स्टार्ट किया।
रियो ओलंपिक के बाद से दुती चंद ने अपने अभ्यास के लिए हैदराबाद को चुना है। अभी वो हैदराबाद में नए एथलीट और अन्य खेलों के खिलाड़ियों के साथ अभ्यास करती हैं। बता दें कि बैडमिंटन क्वीन पीवी सिंधु और साइना नेहवाल भी हैदराबाद में ही अभ्यास करती हैं।
विवादों को मात देते हुए अपने सफल एथलीट करियर को जी रही दुती चंद की कहानी पर फिल्म भी बनने वाली है। भाग मिल्खा भाग फिल्म के निदेशक राकेश ओमप्रकाश मेहरा जल्द ही दुती पर बायोपिक बनाएंगे। मेहरा ने इसके लिए दुती और उनके कोच एन रमेश से संपर्क भी किया है। हालांकि रमेश का कहना है कि फिलहाल हम ओलंपिक पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। बता दें कि टोक्यो ओलंपिक की तैयारी में जुटी दुती चंद से पदक की उम्मीदें पूरे देश को है।