वर्ल्ड नम्बर-9 एच.एस. प्रणॉय ने पुरुष एकल वर्ग के पहले मुकाबले में पहला मैच जीतकर भारतीय टीम को विजयी शुरुआत दी। उन्होंने आस्ट्रेलिया के एंथोनी जोए को 32 मिनटों के भीतर सीधे गेमों में 21-19, 21-13 से हराया और भारत को 1-0 से बढ़त दी।
इसके बाद, एम.आर. अर्जुन और रामचंद्रन श्लोक की जोड़ी ने पुरुष युगल वर्ग के दूसरे मुकाबले में आस्ट्रेलिया के मैथ्यू चाउ और सावन सेरासिंघे की जोड़ी को 27 मिनटों में सीधे गेमों में 21-11, 21-15 से हराकर भारत की स्थिति को मजबूत कर दिया।
भारत को अब जीत हासिल करने के लिए एक और मैच जीतने की जरूरत थी और इसे बी. साई. प्रणीत ने हासिल किया। उन्होंने पुरुष एकल वर्ग के तीसरे मैच में जैकब शुएलर को 21-9, 21-6 से हराकर भारतीय टीम को 3-0 की अजेय बढ़त दे दी।
अब बाकी के मुकाबले महज औपचारिकता मात्र रह गए थे जिनमें जीत हासिल कर आस्ट्रेलिया का लक्ष्य सिर्फ हार के अंतर को कम करना था, लेकिन ऐसा हो नहीं सका।
चौथे मैच में भारत के अरुण जॉर्ज और सानयाम शुक्ला ने सिमोन विंह होंग लेयुंग और रेमंड टीएम की जोड़ी को 21-16, 20-22, 21-8 से मात देते हुए स्कोर भारत के पक्ष में 4-0 कर दिया।
आखिरी मैच एकल वर्ग का था जहां लक्ष्य सेन ने भी अपना मुकाबला जीत आस्ट्रेलिया को एक भी मैच नहीं जीतने दिया। लक्ष्य ने काई चेन टेओह को 21-5, 21-14 से मात दी। यह मैच सिर्फ 23 मिनट तक चला।