ओलंपिक से पहले भिड़े हॉकी इंडिया और आईओए
Published: Jun 23, 2016 09:38:00 am
दोनों के बीच छिड़ी टीम के सपोर्टिंग स्टाफ को लेकर “लेटर वॉर”, ओलंपिक
कमेटी की तरफ से सपोर्ट स्टाफ घटाने के पत्र पर हॉकी इंडिया के तेवर कड़े
नई दिल्ली। रियो ओलंपिक से पहले भारतीय खेलों में विवाद खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहे हैं। अब हॉकी इंडिया और भारतीय ओलंपिक कमेटी (आईओए) आपस में भिड़ गए हैं। दोनों के बीच भारतीय हॉकी टीम के सपोर्टिंग स्टाफ को लेकर “लेटर वॉर” शुरू हो गई है। आईओए की तरफ से ओलंपिक में भेजी जाने वाली टीम के सदस्यों की संख्या का 40 प्रतिशत ही कोचिंग व अन्य सपोर्टिंग स्टाफ होने का पत्र भेजे जाने से नाराज हॉकी इंडिया ने जवाबी पत्र लिखकर आईओएए पर अपनी ही तरफ से तय की गई बातों की अनदेखी करने का आरोप लगाया है।
हॉकी इंडिया अध्यक्ष नरिंदर बत्रा ने आईओए अध्यक्ष एन. रामचंद्रन और सचिव राजीव मेहता को एक पत्र लिखा है, जिसकी प्रति केंद्रीय खेल सचिव और डायरेक्टर जनरल (साई) को भी भेजी गई है। बुधवार देर शाम भेजे गए इस पत्र में बत्रा ने आईओए की सभी खेल संघों आदि के साथ 9 मई को की गई एक बैठक का जिक्र किया है, जिसकी मिनट्स में साफतौर पर हर खेल संघ को ओलंपिक में जा रहे सदस्यों की संख्या के 50 प्रतिशत के बराबर कोचिंग व सपोर्टिंग स्टाफ साथ ले जाने की अनुमति दी गई थी। बत्रा ने आरोप लगाया कि राजीव मेहता की तरफ से हॉकी इंडिया को भेजे गए एक पत्र में यह संख्या घटाकर 40 प्रतिशत करते हुए फाइनल लिस्ट मांगी गई है, जो पूरी तरह गलत है।
बत्रा ने अपने पत्र में कहा है कि भारतीय पुरुष एवं महिला हॉकी टीमों में 18-18 खिलाड़ी होने के चलते कुल संख्या 36 होती है, जिसके 50 प्रतिशत के बराबर यानि 18 कोचिंग एवं सपोर्टिंग स्टाफ टीम ले जा सकती है। उन्होंने आगे लिखा है कि टीमों के साथ इस समय इससे भी कम यानि 8-8 कोचिंग एवं सपोर्टिंग स्टाफ ही जुड़े हुए हैं। ऐसे में हॉकी इंडिया पहले ही तय सीमा से कम संख्या का उपयोग कर रहा है, लेकिन इस संख्या को और कम करना संभव नहीं है और इसका प्रभाव टीमों की तैयारी पर पड़ सकता है।
बत्रा ने अपने पत्र में आईओए को चेतावनी दी है कि यदि कोचिंग एवं सपोर्टिंग स्टाफ की संख्या में कमी की गई तो इसका प्रभाव टीमों के ओलंपिक में प्रदर्शन पर पड़ सकता है, जिसके लिए पूरी तरह आईओए ही जिम्मेदार होगा। उन्होंने साफतौर पर आरोप लगाया है कि आईओए का कोई वरिष्ठ सदस्य हॉकी इंडिया से नफरत के चलते उसे खत्म करना चाहता है और यह निर्देश उसी का एक उदाहरण है।
इससे पहले आईओए महासचिव राजीव मेहता ने हॉकी इंडिया समेत सभी खेल महासंघों को भेजे पत्र में लिखा था कि सभी को अपने दल में शामिल खिलाडिय़ों के 40 प्रतिशत के बराबर कोचिंग एवं सपोर्टिंग स्टाफ चुनना था, लेकिन आईओए को भेजी गई सूची में यह संख्या उससे ज्यादा है। उन्होंने सभी खेल महासंघों को इस लिस्ट की छंटनी कर उसे 40 प्रतिशत करते हुए 24 जून तक हर हाल में आईओए को सूचित करने के निर्देश दिए थे।
कुलदीप पंवार