ये कारनामा करने वाली पहली भारतीय
महाराष्ट्र के नागपुर में रहने वाली कंचनमाला पांडे नेत्रहीन है। कंचनमाला ने एस-11 श्रेणी में 200 मीटर के मेडली इवेंट में यह कारनामा किया है। कंचनमाला ने कड़ी महनत की थी और उन्हें उम्मीद थी के वो इस चैंपियनशिप में पदक जीतेंगी लेकिन उन्हें अंदाज़ा भी नहीं था के वह स्वर्ण पदक जीत जाएंगी। कंचनमाला ने 200 मीटर मेडली में स्वर्ण तो जीता लेकिन ब्रेस्टस्ट्रोक और बैकस्ट्रोक वर्ग में 100 मीटर में पांचवे स्थान पर रहीं। 26 वर्षीय कंचनमाला रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया में काम करती है।
महाराष्ट्र के नागपुर में रहने वाली कंचनमाला पांडे नेत्रहीन है। कंचनमाला ने एस-11 श्रेणी में 200 मीटर के मेडली इवेंट में यह कारनामा किया है। कंचनमाला ने कड़ी महनत की थी और उन्हें उम्मीद थी के वो इस चैंपियनशिप में पदक जीतेंगी लेकिन उन्हें अंदाज़ा भी नहीं था के वह स्वर्ण पदक जीत जाएंगी। कंचनमाला ने 200 मीटर मेडली में स्वर्ण तो जीता लेकिन ब्रेस्टस्ट्रोक और बैकस्ट्रोक वर्ग में 100 मीटर में पांचवे स्थान पर रहीं। 26 वर्षीय कंचनमाला रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया में काम करती है।
भारत के लिए क्वालीफाई करने वाली एकलौती खिलाड़ी
कंचनमाला ने कहा, ‘मैंने विश्व चैंपियनशिप के लिए अच्छी तैयारी की थी और मुझे अच्छे प्रदर्शन और मैडल की उम्मीद थी लेकिन विश्व चैंपियनशिप में टॉप पोज़ीशन हासिल करना और स्वर्ण पदक जीतना आश्चर्यजनक है। अपने प्रदर्शन से मैं बेहद ख़ुश हूं। इस चैंपियनशिप में कंचनमाला भारत के लिए क्वालीफाई करने वाली एकलौती भारतीय तैराक थी। कंचनमाला ने इस साल बर्लिन में IDM पैरा तैराकी चैंपियनशिप में भारत के लिए रजत पदक जीत कर विश्व चैंपियनशिप के लिए क्वालीफाई किया था। लेकिन भारत की पैरालंपिक कमेटी और भारतीय खेल प्राधिकरण ने उन्हें ट्रेनिंग के लिए पैसे नहीं दिए थे जिसके करण उन्हें भारत के बाहर पैसे उधार लेकर स्विमिंग करनी पड़ी थी। कंचनमाला के साथ गए अधिकारियों ने भी उनकी कोई मदद नहीं की थी। इतना ही नहीं कंचन को बिना टिकट यात्रा करने के लिए हर्जाना भी भरना पड़ा था। कंचनमाला के कोच उन्हें टिकट देना भूल गए थे जिसके चलते उन्हें हर्जाना भरना पड़ा।
कंचनमाला ने कहा, ‘मैंने विश्व चैंपियनशिप के लिए अच्छी तैयारी की थी और मुझे अच्छे प्रदर्शन और मैडल की उम्मीद थी लेकिन विश्व चैंपियनशिप में टॉप पोज़ीशन हासिल करना और स्वर्ण पदक जीतना आश्चर्यजनक है। अपने प्रदर्शन से मैं बेहद ख़ुश हूं। इस चैंपियनशिप में कंचनमाला भारत के लिए क्वालीफाई करने वाली एकलौती भारतीय तैराक थी। कंचनमाला ने इस साल बर्लिन में IDM पैरा तैराकी चैंपियनशिप में भारत के लिए रजत पदक जीत कर विश्व चैंपियनशिप के लिए क्वालीफाई किया था। लेकिन भारत की पैरालंपिक कमेटी और भारतीय खेल प्राधिकरण ने उन्हें ट्रेनिंग के लिए पैसे नहीं दिए थे जिसके करण उन्हें भारत के बाहर पैसे उधार लेकर स्विमिंग करनी पड़ी थी। कंचनमाला के साथ गए अधिकारियों ने भी उनकी कोई मदद नहीं की थी। इतना ही नहीं कंचन को बिना टिकट यात्रा करने के लिए हर्जाना भी भरना पड़ा था। कंचनमाला के कोच उन्हें टिकट देना भूल गए थे जिसके चलते उन्हें हर्जाना भरना पड़ा।