एक-एक अंक था अहम
एक कार्यक्रम के दौरान विश्व चैम्पियनशिप फाइनल मैच के बारे में जब उनसे पिछले दो फाइनल मुकाबलों में हार से संबंधित सवाल पर जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि नहीं, उन्हें नहीं लगता कि उनके दिमाग में पिछली दो हारें थे। उनके दिमाग में ऐसा कुछ नहीं चल रहा था। वह काफी सकारात्मक थी और यह मैच उनके लिए एक नया मैच था। हम पहले भी कुछ मैच खेले हैं, लेकिन उनके लिए यह नया मुकाबला था। बता दें कि 2017 और 2018 के विश्व चैम्पियनशिप के फाइनल में भी वह पहुंची थीं और 2017 के फाइनल में उन्हें ओकुहारा ने ही हराया था। उन्होंने कहा कि मैच का एक-एक अंक उनके लिए अहम था।
कोच किम जी ह्युन की सलाह से मिली मदद
पीवी सिंधु ने कहा कि वह ओकुहारा के खिलाफ काफी सतर्क थी और इस टूर्नामेंट (विश्व चैंपियनशिप) के लिए काफी तैयारी की थी। उन्होंने कहा कि चीन की चेन यूफेई और ओकुहारा के खिलाफ खेलते हुए वह अधिक आक्रामक थीं और तेज मूवमेंट कर रही थी, जो जरूरत थी। सिंधु ने यह भी कहा कि भारत की विदेशी बैडमिंटन कोच किम जी ह्युन ने उन्हें खेल में बदलाव करने के कुछ सुझाव दिए थे। उस पर काम करने से उन्हें काफी मदद मिली। उन्होंने कहा कि निश्चित तौर पर इसका काफी असर उनके खेल पर पड़ा, क्योंकि वह पिछले कुछ महीनों से हमारे साथ हैं। उनके दिमाग में कुछ बदलाव थे और उन्हें लगता है कि उससे काफी मदद मिली।
गोपीचंद की भी तारीफ की
24 साल की ओलंपिक रजत पदक विजेता सिंधु ने कहा कि उन्होंने ह्युन के बताए सुझावों पर काम किया। इसके अलावा अपने कोच गोपीचंद की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से गोपी सर के मार्गदर्शन का फाफी फायदा हुआ। इससे उनके कौशल में काफी इजाफा हुआ। इसके अलावा सिंधु ने यह भी कहा कि उनमें अब भी काफी सुधार की गुंजाइश है और वह हो सकता है।